2 ईनामी नक्सलियों का समर्पण

छत्तीसगढ़ संवाददाता सुकमा, 24 जून। सोमवार को नक्सल ऑपरेशन कार्यालय सुकमा में पुलिस अफसरों के समक्ष बिना हथियार के 2 ईनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। दोनों नक्सली प्रतिबंधित नक्सल संगठन में 14-15 वर्षों से सक्रिय रहे हैं। दोनों आत्मसमर्पित नक्सली थाना चिंतलनार जिला सुकमा के निवासी हैं। प्रतिबंधित नक्सल संगठन में सक्रिय 2 नक्सलियों प्रकाश उर्फ पोडिय़ाम देवा (लखापाल पंचायत मिलिशिया कमाण्ड इनचीप ईनाम 1 लाख छग शासन द्वारा), माड़वी हांदा (लखापाल पंचायत डीएकेएमएस अध्यक्ष ईनाम 1 लाख छग शासन द्वारा) के द्वारा 24 जून को नक्सल ऑपरेशन कार्यालय सुकमा में भास्कर भट्टाचार्य, उप कमाण्डेन्ट 02 री वाहिनी सीआरपीएफ,सपन चौधरी, उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स/डीआरजी सुकमा एवं निरीक्षक सुजीत कुमार, 223 वाहिनी सीआरपीएफ के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया। नक्सलियों को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में नक्सल सेल की टीम एवं 223 वाहिनी सीआरपीएफ के आसूचना शाखा का विशेष प्रयास रहा है। दोनों आत्मसमर्पित नक्सली नक्सल संगठन में विगत 14-15 वर्षो से जुडक़र विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गो में स्पाईक लगाना, मुख्य मार्गों को खोद कर अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध में नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाना आदि घटनाओं में शामिल रहे हंै। आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति के तहत सहायता राशि व अन्य सुविधाएं दी जाएगी।

2 ईनामी नक्सलियों का समर्पण
छत्तीसगढ़ संवाददाता सुकमा, 24 जून। सोमवार को नक्सल ऑपरेशन कार्यालय सुकमा में पुलिस अफसरों के समक्ष बिना हथियार के 2 ईनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। दोनों नक्सली प्रतिबंधित नक्सल संगठन में 14-15 वर्षों से सक्रिय रहे हैं। दोनों आत्मसमर्पित नक्सली थाना चिंतलनार जिला सुकमा के निवासी हैं। प्रतिबंधित नक्सल संगठन में सक्रिय 2 नक्सलियों प्रकाश उर्फ पोडिय़ाम देवा (लखापाल पंचायत मिलिशिया कमाण्ड इनचीप ईनाम 1 लाख छग शासन द्वारा), माड़वी हांदा (लखापाल पंचायत डीएकेएमएस अध्यक्ष ईनाम 1 लाख छग शासन द्वारा) के द्वारा 24 जून को नक्सल ऑपरेशन कार्यालय सुकमा में भास्कर भट्टाचार्य, उप कमाण्डेन्ट 02 री वाहिनी सीआरपीएफ,सपन चौधरी, उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स/डीआरजी सुकमा एवं निरीक्षक सुजीत कुमार, 223 वाहिनी सीआरपीएफ के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया। नक्सलियों को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में नक्सल सेल की टीम एवं 223 वाहिनी सीआरपीएफ के आसूचना शाखा का विशेष प्रयास रहा है। दोनों आत्मसमर्पित नक्सली नक्सल संगठन में विगत 14-15 वर्षो से जुडक़र विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गो में स्पाईक लगाना, मुख्य मार्गों को खोद कर अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध में नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाना आदि घटनाओं में शामिल रहे हंै। आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति के तहत सहायता राशि व अन्य सुविधाएं दी जाएगी।