किसान की जमीन पर कब्जे में पुलिस की भी भूमिका, कोर्ट के आदेश पर एफआईआर

छत्तीसगढ़ संवाददाता रायपुर, 15 फरवरी। तिल्दा-नेवरा में किसान की जमीन पर अवैध कब्जा मामले में कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने एक्शन लिया है। पुलिस ने तिल्दा के राजकुमार भीखवानी, सुरेश भीखवानी और तेलीबांधा निवासी दिव्या तनेजा पर अपराध दर्ज किया है। फर्जीवाड़े का मुख्य मास्टरमाइंड राजकुमार भीखवानी है। इस मामले में आलोक पाण्डेय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी तिल्दा के न्यायालय से पुलिस को आदेश जारी हुआ था। आवेदक केशव वैष्णव के पिता के नाम पर ग्राम तुलसी में भूमि है। इससे लगी हुई आरोपियों की जमीन है। आरोपियों ने भूमि पर कब्जा किया और बिना अनुज्ञा प्राप्त किए अवैध रूप से कॉलोनी का निर्माण भूमि से लगकर करा लिया। आवेदक ने पिता के बीमार और बिस्तर पर होने के कारण 28 मार्च 22 को कलेक्टर से शिकायत से की गई थी। इसके बाद अनुविभागीय अधिकारी को जांच के आदेश दिए गए, लेकिन तहसीलदार तिल्दा नेवरा ने जांच प्रतिवेदन से ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने मुख्य साक्ष्य को छोडक़र आरोपियों को लाभ देने का प्रयास किया है। इस मामले में पुलिस की भी भूमिका संदिग्ध है। पुलिस अधिकारियों ने अनुविभागीय अधिकारी के आदेश के बावजूद कोई कार्रवाई आरोपियों के खिलाफ नहीं की गई। अनुविभागीय अधिकारी के आदेश के खिलाफ आरोपियों ने पुनरीक्षण अपर कलेक्टर रायपुर के समक्ष प्रस्तुत किया था। जिसे अपर कलेक्टर जनवरी 2023 में निरस्त कर दिया गया था। राजस्व आयुक्त से हुई शिकायत में मामला सही पाया गया। जांच में पाया गया कि आरोपियों के साथ मिलकर सुभाष टण्डन, तहसीलदार सरिता मरिया और संबंधित हल्का पटवारी ने शासकीय दस्तावेजों में हेराफेरा कर धोखाधड़ी की है। तहसीलदार तिल्दा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

किसान की जमीन पर कब्जे में पुलिस की भी भूमिका, कोर्ट के आदेश पर एफआईआर
छत्तीसगढ़ संवाददाता रायपुर, 15 फरवरी। तिल्दा-नेवरा में किसान की जमीन पर अवैध कब्जा मामले में कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने एक्शन लिया है। पुलिस ने तिल्दा के राजकुमार भीखवानी, सुरेश भीखवानी और तेलीबांधा निवासी दिव्या तनेजा पर अपराध दर्ज किया है। फर्जीवाड़े का मुख्य मास्टरमाइंड राजकुमार भीखवानी है। इस मामले में आलोक पाण्डेय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी तिल्दा के न्यायालय से पुलिस को आदेश जारी हुआ था। आवेदक केशव वैष्णव के पिता के नाम पर ग्राम तुलसी में भूमि है। इससे लगी हुई आरोपियों की जमीन है। आरोपियों ने भूमि पर कब्जा किया और बिना अनुज्ञा प्राप्त किए अवैध रूप से कॉलोनी का निर्माण भूमि से लगकर करा लिया। आवेदक ने पिता के बीमार और बिस्तर पर होने के कारण 28 मार्च 22 को कलेक्टर से शिकायत से की गई थी। इसके बाद अनुविभागीय अधिकारी को जांच के आदेश दिए गए, लेकिन तहसीलदार तिल्दा नेवरा ने जांच प्रतिवेदन से ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने मुख्य साक्ष्य को छोडक़र आरोपियों को लाभ देने का प्रयास किया है। इस मामले में पुलिस की भी भूमिका संदिग्ध है। पुलिस अधिकारियों ने अनुविभागीय अधिकारी के आदेश के बावजूद कोई कार्रवाई आरोपियों के खिलाफ नहीं की गई। अनुविभागीय अधिकारी के आदेश के खिलाफ आरोपियों ने पुनरीक्षण अपर कलेक्टर रायपुर के समक्ष प्रस्तुत किया था। जिसे अपर कलेक्टर जनवरी 2023 में निरस्त कर दिया गया था। राजस्व आयुक्त से हुई शिकायत में मामला सही पाया गया। जांच में पाया गया कि आरोपियों के साथ मिलकर सुभाष टण्डन, तहसीलदार सरिता मरिया और संबंधित हल्का पटवारी ने शासकीय दस्तावेजों में हेराफेरा कर धोखाधड़ी की है। तहसीलदार तिल्दा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।