डीलर्स ने नई कार की कीमत पर पुरानी बेची, रिपोर्ट दर्ज

छत्तीसगढ़ संवाददाता कांकेर, 24 जून। महिंद्रा कंपनी के डीलर्स रालास आटोमोबाइल धमतरी के कांकेर स्थित ब्रांच के द्वारा अपने ग्राहक के साथ धोखाधड़ी करने का मामला प्रकाश में आया है। कंपनी द्वारा क्रेता को नए के बजाय चली हुई वाहन देने की शिकायत क्रेता ने पुलिस थाना में दर्ज कराई है। कंपनी के मैनेजर ने आरोप को झूठा और परेशान करने वाला बताया। पुलिस ने धारा 155 के तहत न्यायालय जाने नसीहत दी। वाहन क्रेता केशकाल निवासी प्रदीप सोनी है। कंपनी द्वारा उसके साथ हए धोखधड़ी को लेकर क्रेता के भाई नवदीप सोनी ने ब्रांच मैनेजर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में बताया कि वह 14 जून को महिन्द्रा कंपनी की रालास आटोमोबााईल धमतरी की कांकेर उदय नगर स्थित शाखा से महिंद्रा एक्स यू व्ही 300 डब्लू 8 माडल की कार का क्रय किया था। ब्रांच मैनेजर अविनाश देवांगन और देवेंद्र सिन्हा ने वाहन की कीमत 14 लाख 80 हजार बताया। इसका भुगतान महिंद्रा कोटक बैंक से 10 लाख रूपए फाईनेंस करवाकर और उनकी पुरानी कार जिसका 3 लाख 80 का मूल्यांकन किया गया था, उसे दिया, साथ ही अग्रिम दिया गया 10 हजार के साथ कुल 13 लाख 90 हजार रूपए का वह भुगतान कर दिया था। वह 14 जून को दोपहर में वाहन लेने उदय नगर कांकेर की शाखा में वाहन लेने पहुंचा। आवेदक नवदीप सोनी ने बताया कि उसे जो वाहन दिया गया, वह चली हुई थी। वाहन का पेंट कुछ जगह पर खराब हो चुके थे। नट बोल्ट में जंग लगा हुआ था। ब्रेक पेड घिसा हुआ था। तथा ड्राईवर साअड में क्रेक होना बताया है। क्रेता ने शिकायत में बताया है कि उसके साथ ठगी किया गया है। उन्होंने उसके साथ हुई ठगी पर पुलिस को कार्रवाई करने आवेदन दिया है। आरोप झूठा है, कंपनी को बदनाम करने की गईशिकायत- ब्रांच मैनेजर क्रेता की इस शिकायत के विरूद्ध कंपनी के रालास ऑटोमोबााईल धमतरी की कांकेर शाखा के मैनेजर अविनाश देंवागन ने भी कांकेर पुलिस में क्रेता के विरूद्ध शिकायत दर्ज कराई है। मैनेजर ने शिकायत में बताया है कि कंपनी को अनावश्यक रूप से परेशान करने और शेष बचत राशि को देने से बचने के लिए झूठा आरोप लगाया जा रहा है। प्रदीप सोनी शोरूम में स्वयं अपनी पसंद का मॉडल और रंग का कार चुना है और 10 हजार रूपए एडवांस के तौर पर राशि भी जमा किया था। उसके बावजूद इस तरह का झूठा आरोप लगाना गलत है। मामला पुलिस हस्तक्षेप योग्य नहीं - टीआई इस संबंध में कांकेर कोतवाली के नगर निरीक्ष मनीश नागर ने कहा कि यह धारा 155 का मामला है। आपसी लेनदेन से संबधित होने के कारण पुलिस हस्तक्षेप योग्य नहीं है। इसलिए पक्षकार को न्यायालय जाने की सलाह दी गई है।

डीलर्स ने नई कार की कीमत पर पुरानी बेची, रिपोर्ट दर्ज
छत्तीसगढ़ संवाददाता कांकेर, 24 जून। महिंद्रा कंपनी के डीलर्स रालास आटोमोबाइल धमतरी के कांकेर स्थित ब्रांच के द्वारा अपने ग्राहक के साथ धोखाधड़ी करने का मामला प्रकाश में आया है। कंपनी द्वारा क्रेता को नए के बजाय चली हुई वाहन देने की शिकायत क्रेता ने पुलिस थाना में दर्ज कराई है। कंपनी के मैनेजर ने आरोप को झूठा और परेशान करने वाला बताया। पुलिस ने धारा 155 के तहत न्यायालय जाने नसीहत दी। वाहन क्रेता केशकाल निवासी प्रदीप सोनी है। कंपनी द्वारा उसके साथ हए धोखधड़ी को लेकर क्रेता के भाई नवदीप सोनी ने ब्रांच मैनेजर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में बताया कि वह 14 जून को महिन्द्रा कंपनी की रालास आटोमोबााईल धमतरी की कांकेर उदय नगर स्थित शाखा से महिंद्रा एक्स यू व्ही 300 डब्लू 8 माडल की कार का क्रय किया था। ब्रांच मैनेजर अविनाश देवांगन और देवेंद्र सिन्हा ने वाहन की कीमत 14 लाख 80 हजार बताया। इसका भुगतान महिंद्रा कोटक बैंक से 10 लाख रूपए फाईनेंस करवाकर और उनकी पुरानी कार जिसका 3 लाख 80 का मूल्यांकन किया गया था, उसे दिया, साथ ही अग्रिम दिया गया 10 हजार के साथ कुल 13 लाख 90 हजार रूपए का वह भुगतान कर दिया था। वह 14 जून को दोपहर में वाहन लेने उदय नगर कांकेर की शाखा में वाहन लेने पहुंचा। आवेदक नवदीप सोनी ने बताया कि उसे जो वाहन दिया गया, वह चली हुई थी। वाहन का पेंट कुछ जगह पर खराब हो चुके थे। नट बोल्ट में जंग लगा हुआ था। ब्रेक पेड घिसा हुआ था। तथा ड्राईवर साअड में क्रेक होना बताया है। क्रेता ने शिकायत में बताया है कि उसके साथ ठगी किया गया है। उन्होंने उसके साथ हुई ठगी पर पुलिस को कार्रवाई करने आवेदन दिया है। आरोप झूठा है, कंपनी को बदनाम करने की गईशिकायत- ब्रांच मैनेजर क्रेता की इस शिकायत के विरूद्ध कंपनी के रालास ऑटोमोबााईल धमतरी की कांकेर शाखा के मैनेजर अविनाश देंवागन ने भी कांकेर पुलिस में क्रेता के विरूद्ध शिकायत दर्ज कराई है। मैनेजर ने शिकायत में बताया है कि कंपनी को अनावश्यक रूप से परेशान करने और शेष बचत राशि को देने से बचने के लिए झूठा आरोप लगाया जा रहा है। प्रदीप सोनी शोरूम में स्वयं अपनी पसंद का मॉडल और रंग का कार चुना है और 10 हजार रूपए एडवांस के तौर पर राशि भी जमा किया था। उसके बावजूद इस तरह का झूठा आरोप लगाना गलत है। मामला पुलिस हस्तक्षेप योग्य नहीं - टीआई इस संबंध में कांकेर कोतवाली के नगर निरीक्ष मनीश नागर ने कहा कि यह धारा 155 का मामला है। आपसी लेनदेन से संबधित होने के कारण पुलिस हस्तक्षेप योग्य नहीं है। इसलिए पक्षकार को न्यायालय जाने की सलाह दी गई है।