भारत ने चीन के लिए बढ़ाई सुरक्षा, ब्रह्मोस मिसाइल के साथ पड़ोसी पर कड़ी नजर
नई दिल्ली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की ताकत पूरी दुनिया ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान...

नई दिल्ली
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की ताकत पूरी दुनिया ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखी है। इन मिसाइलों की मदद से भारत ने पाकिस्तान को महज कुछ ही दिनों में घुटने पर ला दिया। अब चीन के एक पड़ोसी देश को भारत ब्रह्मोस मिसाइलों की तीसरी खेप देने जा रहा है। यह देश फिलीपींस है। भारत की ओर से फिलीपींस को कई ब्रह्मोस मिसाइलें मिलने की वजह से चीन की टेंशन बढ़ गई है।
इससे पहले, पिछले साल की शुरुआत में भारत ने चीन को पहली और फिर इस साल मिसाइलों की दूसरी खेप भेजी थी। दोनों देशों के बीच साल 2022 में 375 मिलियन डॉलर का करार हुआ था, जिसके तहत भारत की ओर से फिलीपींस को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें दी जानी थीं। ब्रह्मोस एयरोस्पेस संयुक्त उद्यम के सीईओ और प्रबंध निदेशक जयतीर्थ जोशी ने इंडिया टुडे को बताया, "रॉकेट तैयार हैं। हम उन्हें समय पर डिलिवर कर देंगे।"
फिलीपींस को ये मिसाइलें उस समय दी जा रही हैं, जब पिछले कुछ सालों से दक्षिण चीन सागर में तनाव बढ़ा है। चीन इस सागर पर अपना हक जमाता है, जिसकी वजह से अमेरिका जैसे देशों से भी उसका विवाद हो चुका है। फिलीपींस इन मिसाइलों को किसी भी खतरे से बचने के लिए तटीय क्षेत्रों में ही तैनात किया जाएगा।
ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत
यह एक सुपरसोनिक मिसाइल है, जो ध्वनि की गति से भी तेज उड़ती है। इससे दुश्मनों के रडार को इसे ट्रैक करने में काफी मुश्किल आती है और यह लक्ष्यों को भेदने में कामयाब रहती है। एक बार लॉन्च किए जाने के बाद मिसाइल को किसी इंसानों के इनपुट की जरूरत नहीं पड़ती है। इसकी रेंज की बात करें तो पहले यह 290 किलोमीटर तक की थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 450 से 800 किलोमीटर तक कर दिया गया है। इन्हीं मिसाइलों के जरिए ऑपरेशन सिंदूर में रावलपिंडी, सरगोधा, भोलारी और नूर खान एयरबेस को निशाना बनाया था।