धार में मौसम की मार से लहसुन फसल खतरे में:तापमान में उतार-चढ़ाव से थ्रिप्स-फफूंद का प्रकोप; किसानों को उपज खराब होने का डर
धार में मौसम की मार से लहसुन फसल खतरे में:तापमान में उतार-चढ़ाव से थ्रिप्स-फफूंद का प्रकोप; किसानों को उपज खराब होने का डर
धार जिले में मौसम में लगातार हो रहे बदलाव ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों ने इस बार अच्छी बारिश को देखते हुए महंगे दामों में लहसुन की बुवाई की थी, लेकिन अब फसल विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ गई है। तापमान में उतार-चढ़ाव और हल्की ठंड के कारण लहसुन की फसल में पीलापन और जड़ों में फफूंद की समस्या गंभीर होती जा रही है। किसानों ने बताया कि फसल पर तीन से चार बार दवाई का छिड़काव करने के बावजूद बीमारी काबू में नहीं आ रही है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, मौसम में अचानक आए बदलाव से फसलों पर बीमारियों का खतरा और बढ़ गया है। ग्राम सकतली के किसान देवकरण परमार ने बताया कि तापमान अधिक रहने से थ्रिप्स कीट का प्रकोप बढ़ गया है। किसान सिस्टमेटिक कीटनाशक और फफूंदनाशक का छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन, स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि तापमान में उतार-चढ़ाव और सिंचाई की अनियमितता के कारण जड़ों में फफूंद और वाइट फ्लाई का प्रकोप बढ़ा है। किसानों ने बताया कि उन्होंने महंगे दामों में लहसुन की बुवाई की थी और अब फसल को बचाने के लिए अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है। जल्दी बुवाई और मौसम में बदलाव के कारण फसल में पीलापन की समस्या गंभीर होती जा रही है, जिससे उपज प्रभावित होने की आशंका है। यह रहा लहसुन रकबा
धार जिले में मौसम में लगातार हो रहे बदलाव ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों ने इस बार अच्छी बारिश को देखते हुए महंगे दामों में लहसुन की बुवाई की थी, लेकिन अब फसल विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ गई है। तापमान में उतार-चढ़ाव और हल्की ठंड के कारण लहसुन की फसल में पीलापन और जड़ों में फफूंद की समस्या गंभीर होती जा रही है। किसानों ने बताया कि फसल पर तीन से चार बार दवाई का छिड़काव करने के बावजूद बीमारी काबू में नहीं आ रही है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, मौसम में अचानक आए बदलाव से फसलों पर बीमारियों का खतरा और बढ़ गया है। ग्राम सकतली के किसान देवकरण परमार ने बताया कि तापमान अधिक रहने से थ्रिप्स कीट का प्रकोप बढ़ गया है। किसान सिस्टमेटिक कीटनाशक और फफूंदनाशक का छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन, स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि तापमान में उतार-चढ़ाव और सिंचाई की अनियमितता के कारण जड़ों में फफूंद और वाइट फ्लाई का प्रकोप बढ़ा है। किसानों ने बताया कि उन्होंने महंगे दामों में लहसुन की बुवाई की थी और अब फसल को बचाने के लिए अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है। जल्दी बुवाई और मौसम में बदलाव के कारण फसल में पीलापन की समस्या गंभीर होती जा रही है, जिससे उपज प्रभावित होने की आशंका है। यह रहा लहसुन रकबा