आजादी के संघर्ष में रानी अवंतिबाई का योगदान अतुलनीय : अरुण वोरा

वीरांगना अवंतीबाई का बलिदान दिवस मनाया गया दुर्ग। पद्मनाभपुर जेल तिराहा स्थित वीरांगना अवंती बाई लोधी की प्रतिमा के पास वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण वोरा की उपस्थिति में लोधी समाज के द्वारा अमर शहीद अवंती बाई का बलिदान दिवस मनाया गया। अंग्रेजों के अत्याचार और गुलामी से मुक्त होने के लिए वर्ष 1857 में आजादी की लड़ाई का बिगुल फूंका गया था जिसमें महारानी वीरांगना अवंति बाई का महत्वपूर्ण योगदान था जिन्होंने अंग्रेजी सेना से लोहा लेते हुए 20 मार्च 1858 को शहादत दी थी। अरुण वोरा ने रानी अवंति बाई की प्रतिमा का पूजा-अर्चना कर कहा की उनके बलिदान को नमन करते हुए आजादी के प्रथम संघर्ष में वीरांगना अवंतीबाई का योगदान भुलाया नहीं जा सकता। अंग्रेजों की गुलामी से देश की जनता को आजाद कराने के लिए पहली बार 1857 मे देश में आक्रोश पनपा था जिसकी अगुवाई करने वालों में रानी अवंतीबाई भी शामिल रहीं। इस अवसर पर दुर्ग-भिलाई लोधी क्षत्रिय समाज द्वारा कोहका से पद्मनाभपुर जेल तिराह अवंति बाई चौक तक वाहन रैली का भी कार्यक्रम भी हुआ। इस दौरान पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेश शर्मा, लोधी समाज के उत्तम वर्मा, राजेश जंघेल, रामअवतर चंदेल, अजय गारुडि़क, मनखम सिंह लोधी, अरविंद चंदेल, मेहतरुराम वर्मा, दिलीप वर्मा, शेखर वर्मा, दुर्गेश वर्मा, सुरेन्द्र कौशिक, देवेन्द्र कौशिक, जोगेन्द्र जंघेल, उमाशंकर वर्मा, धसीधरन वर्मा एवं दुर्ग-भिलाई लोधी समाज के नागरिकगण उपस्थित थे।

आजादी के संघर्ष में रानी अवंतिबाई का योगदान अतुलनीय : अरुण वोरा
वीरांगना अवंतीबाई का बलिदान दिवस मनाया गया दुर्ग। पद्मनाभपुर जेल तिराहा स्थित वीरांगना अवंती बाई लोधी की प्रतिमा के पास वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण वोरा की उपस्थिति में लोधी समाज के द्वारा अमर शहीद अवंती बाई का बलिदान दिवस मनाया गया। अंग्रेजों के अत्याचार और गुलामी से मुक्त होने के लिए वर्ष 1857 में आजादी की लड़ाई का बिगुल फूंका गया था जिसमें महारानी वीरांगना अवंति बाई का महत्वपूर्ण योगदान था जिन्होंने अंग्रेजी सेना से लोहा लेते हुए 20 मार्च 1858 को शहादत दी थी। अरुण वोरा ने रानी अवंति बाई की प्रतिमा का पूजा-अर्चना कर कहा की उनके बलिदान को नमन करते हुए आजादी के प्रथम संघर्ष में वीरांगना अवंतीबाई का योगदान भुलाया नहीं जा सकता। अंग्रेजों की गुलामी से देश की जनता को आजाद कराने के लिए पहली बार 1857 मे देश में आक्रोश पनपा था जिसकी अगुवाई करने वालों में रानी अवंतीबाई भी शामिल रहीं। इस अवसर पर दुर्ग-भिलाई लोधी क्षत्रिय समाज द्वारा कोहका से पद्मनाभपुर जेल तिराह अवंति बाई चौक तक वाहन रैली का भी कार्यक्रम भी हुआ। इस दौरान पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेश शर्मा, लोधी समाज के उत्तम वर्मा, राजेश जंघेल, रामअवतर चंदेल, अजय गारुडि़क, मनखम सिंह लोधी, अरविंद चंदेल, मेहतरुराम वर्मा, दिलीप वर्मा, शेखर वर्मा, दुर्गेश वर्मा, सुरेन्द्र कौशिक, देवेन्द्र कौशिक, जोगेन्द्र जंघेल, उमाशंकर वर्मा, धसीधरन वर्मा एवं दुर्ग-भिलाई लोधी समाज के नागरिकगण उपस्थित थे।