मधुमक्खियों का हमला, 14 स्कूली बच्चे घायल

छत्तीसगढ़ संवाददाता अंबिकापुर, 15 फरवरी। आज दोपहर अंबिकापुर नगर के मणिपुर शासकीय स्कूल में वार्षिक उत्सव प्रोग्राम के दौरान मधुमक्खियों ने बच्चों पर हमला कर दिया। जिससे भगदड़ की स्थिति मच गई। बच्चे चीखने पुकारने लगे। इस हमले में 14 बच्चे घायल हो गए। उनका उपचार अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है। जानकारी के मुताबिक गुरुवार की दोपहर मणिपुर स्कूल में प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के बच्चे वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में शामिल होने आए हुए थे। इसी दौरान कुछ बच्चे वार्षिक उत्सव प्रोग्राम के दौरान खाना खा रहे थे एवं कुछ बच्चे प्रोग्राम देख रहे थे, तभी अचानक मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया। मधुमक्खियों के हमले से करीब 14 छात्र-छात्राएं घायल हुए। सभी घायल बच्चों को तत्काल ऑटो की सहायता से अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय लाया गया, जहां बच्चों का उपचार चल रहा है। बताया जाता है कि स्कूल परिसर में ही स्थित पानी टंकी के ऊपर कई मधुमक्खियों का छत्ता है, जिसे निकलवाने स्कूल प्रबंधन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं कराई गई। हर रोज यहां हजारों बच्चे पढऩे आते हैं, इसके बावजूद वहां से मधुमक्खियां का छत्ता नहीं हटवाया गया जिसके कारण आज यह घटना घटित हुई।

मधुमक्खियों का  हमला, 14 स्कूली बच्चे घायल
छत्तीसगढ़ संवाददाता अंबिकापुर, 15 फरवरी। आज दोपहर अंबिकापुर नगर के मणिपुर शासकीय स्कूल में वार्षिक उत्सव प्रोग्राम के दौरान मधुमक्खियों ने बच्चों पर हमला कर दिया। जिससे भगदड़ की स्थिति मच गई। बच्चे चीखने पुकारने लगे। इस हमले में 14 बच्चे घायल हो गए। उनका उपचार अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है। जानकारी के मुताबिक गुरुवार की दोपहर मणिपुर स्कूल में प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के बच्चे वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में शामिल होने आए हुए थे। इसी दौरान कुछ बच्चे वार्षिक उत्सव प्रोग्राम के दौरान खाना खा रहे थे एवं कुछ बच्चे प्रोग्राम देख रहे थे, तभी अचानक मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया। मधुमक्खियों के हमले से करीब 14 छात्र-छात्राएं घायल हुए। सभी घायल बच्चों को तत्काल ऑटो की सहायता से अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय लाया गया, जहां बच्चों का उपचार चल रहा है। बताया जाता है कि स्कूल परिसर में ही स्थित पानी टंकी के ऊपर कई मधुमक्खियों का छत्ता है, जिसे निकलवाने स्कूल प्रबंधन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं कराई गई। हर रोज यहां हजारों बच्चे पढऩे आते हैं, इसके बावजूद वहां से मधुमक्खियां का छत्ता नहीं हटवाया गया जिसके कारण आज यह घटना घटित हुई।