बालक आश्रम किस्टाराम में पीलिया से बच्चे की मौत

ग्रामीणों ने लगाया अधीक्षक पर लापरवाही का आरोप छत्तीसगढ़ संवाददाता सुकमा, 2 अगस्त। कोंटा ब्लॉक मुख्यालय से अति दुर्गम क्षेत्र किस्टाराम बालक आश्रम में पीलिया से बच्चे की मौत हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि अधीक्षक द्वारा सही समय पर उपचार न कराने से बच्चे की मौत हो गई है। यह छात्र पालाचलमा पंचायत के तुमिरपाड़ ग्राम का निवासी हैं। 100 सीटर बालक आश्रम किस्टाराम में सोढ़ी जोगा कक्षा दूसरी में अध्ययनरत रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि तुमिरपाड़ के ग्रामीण हाट बाजार करने के सिलसिले में मंगलवार को किस्टाराम आए हुए थे। ग्रामीण बच्चों से मिलने आश्रम पहुंचे, यहां सोढ़ी जोगा बीमार अवस्था में शयन कक्ष पर लेटा हुआ था। ग्रामीण सोढ़ी जोगा का हालचाल पूछने लगे। तभी अधीक्षक ने किस्टाराम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। चिकित्सक जांच के दौरान फौरन रेफर करने को कहा, पर, भद्राचलम सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मरीज को डिस्चार्ज कर पुन: किस्टाराम आश्रम लाया जाता है। जब तक मृतक के परिजन को खबर तक नहीं होती है। किस्टाराम आए हुए ग्रामीण मृतक सोढ़ी जोगा के परिजन को सूचना देने पर परिजन आहत होकर देशी उपचार कराने के लिए ले जाते हैं। मध्य रास्ते पर ही सोढ़ी जोगा की मौत हो जाती है।

बालक आश्रम किस्टाराम में पीलिया से बच्चे की मौत
ग्रामीणों ने लगाया अधीक्षक पर लापरवाही का आरोप छत्तीसगढ़ संवाददाता सुकमा, 2 अगस्त। कोंटा ब्लॉक मुख्यालय से अति दुर्गम क्षेत्र किस्टाराम बालक आश्रम में पीलिया से बच्चे की मौत हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि अधीक्षक द्वारा सही समय पर उपचार न कराने से बच्चे की मौत हो गई है। यह छात्र पालाचलमा पंचायत के तुमिरपाड़ ग्राम का निवासी हैं। 100 सीटर बालक आश्रम किस्टाराम में सोढ़ी जोगा कक्षा दूसरी में अध्ययनरत रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि तुमिरपाड़ के ग्रामीण हाट बाजार करने के सिलसिले में मंगलवार को किस्टाराम आए हुए थे। ग्रामीण बच्चों से मिलने आश्रम पहुंचे, यहां सोढ़ी जोगा बीमार अवस्था में शयन कक्ष पर लेटा हुआ था। ग्रामीण सोढ़ी जोगा का हालचाल पूछने लगे। तभी अधीक्षक ने किस्टाराम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। चिकित्सक जांच के दौरान फौरन रेफर करने को कहा, पर, भद्राचलम सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मरीज को डिस्चार्ज कर पुन: किस्टाराम आश्रम लाया जाता है। जब तक मृतक के परिजन को खबर तक नहीं होती है। किस्टाराम आए हुए ग्रामीण मृतक सोढ़ी जोगा के परिजन को सूचना देने पर परिजन आहत होकर देशी उपचार कराने के लिए ले जाते हैं। मध्य रास्ते पर ही सोढ़ी जोगा की मौत हो जाती है।