कल से चैत्र नवरात्र, कलश स्थापना के लिए पांच घंटे का शुभमुहूर्त

छत्तीसगढ़ संवाददाता रायपुर, 8 अप्रैल। मंगलवार से नवरात्रि की शुरूआत हो रही है। नवरात्रि के दिन देवी दुर्गा की पूजा से पहले कलश की स्थापना सुबह 5:52 बजे से लेकर 10:04 बजे तक कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त बन रहा है। अभिजीत मुहूर्त में 11.20 बजे से 12.10 बजे तक अमृत काल में 5:22 बजे से 6:48 बजे तक और ब्रह्म मुहूर्त में 3.55 बजे से 4.43 बजे तक शुभ मुर्हूत बन रहा है। इन नव दिनों में भक्त माता के स्वरुपों की आराधना करेंगे। इसका समापन 17 अप्रैल को होगा। 17 को रामनवमी मनाई जाएगी। अश्विनी नक्षत्र और मंगलवार पडऩे के कारण अमृतसिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो कि इस तिथि को और भी विशेष बना रहा है। चैत्र नवरात्र में इस बार मंदिरों में पिछले वर्ष की तुलना में कलश मनोकामना ज्योति की संख्या बढ़ी है। शहर के पुरानी बस्ती स्थित प्राचीन माता देवालय महामाया देवी, कुशालपुर स्थित मां दंतेश्वरी, आकाशवाणी चौक मां काली, कांकाली पारा के मां कंकाली माता और जेल रोड़ स्थित चामुंडा मंदिर और शहर के छोटे- बड़े माता देवालयों में उत्साह का माहोल है। नवरात्री से पहले भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार चैत्र नवरात्र मंगलवार को शुरू हो रहा है। मां दुर्गा इस बार घोड़ा पर आ रही है। नवरात्रि के प्रथम दिन इस बार 30 साल के बाद अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग और गजकेसरी योग का भी निर्माण हो रहा है। गजकेसरी योग में किए गए सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। सर्वार्थ सिद्धि योग में किसी भी कार्य के आरंभ करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है, एवं अमृत सिद्धि योग में नए व्यापारिक कार्य, कानूनी कार्य करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं एवं अमृत सिद्धि योग में मां दुर्गा की आराधना करने से सभी कष्टों एवं दुखों से मुक्ति मिलती है।

कल से चैत्र नवरात्र, कलश स्थापना के लिए पांच घंटे का शुभमुहूर्त
छत्तीसगढ़ संवाददाता रायपुर, 8 अप्रैल। मंगलवार से नवरात्रि की शुरूआत हो रही है। नवरात्रि के दिन देवी दुर्गा की पूजा से पहले कलश की स्थापना सुबह 5:52 बजे से लेकर 10:04 बजे तक कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त बन रहा है। अभिजीत मुहूर्त में 11.20 बजे से 12.10 बजे तक अमृत काल में 5:22 बजे से 6:48 बजे तक और ब्रह्म मुहूर्त में 3.55 बजे से 4.43 बजे तक शुभ मुर्हूत बन रहा है। इन नव दिनों में भक्त माता के स्वरुपों की आराधना करेंगे। इसका समापन 17 अप्रैल को होगा। 17 को रामनवमी मनाई जाएगी। अश्विनी नक्षत्र और मंगलवार पडऩे के कारण अमृतसिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो कि इस तिथि को और भी विशेष बना रहा है। चैत्र नवरात्र में इस बार मंदिरों में पिछले वर्ष की तुलना में कलश मनोकामना ज्योति की संख्या बढ़ी है। शहर के पुरानी बस्ती स्थित प्राचीन माता देवालय महामाया देवी, कुशालपुर स्थित मां दंतेश्वरी, आकाशवाणी चौक मां काली, कांकाली पारा के मां कंकाली माता और जेल रोड़ स्थित चामुंडा मंदिर और शहर के छोटे- बड़े माता देवालयों में उत्साह का माहोल है। नवरात्री से पहले भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार चैत्र नवरात्र मंगलवार को शुरू हो रहा है। मां दुर्गा इस बार घोड़ा पर आ रही है। नवरात्रि के प्रथम दिन इस बार 30 साल के बाद अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग और गजकेसरी योग का भी निर्माण हो रहा है। गजकेसरी योग में किए गए सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। सर्वार्थ सिद्धि योग में किसी भी कार्य के आरंभ करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है, एवं अमृत सिद्धि योग में नए व्यापारिक कार्य, कानूनी कार्य करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं एवं अमृत सिद्धि योग में मां दुर्गा की आराधना करने से सभी कष्टों एवं दुखों से मुक्ति मिलती है।