बैतूल में MSP पर मूंग खरीदी शुरू करने की मांग:किसान संघ ने कलेक्ट्रेट में किया विरोध; आंदोलन की दी चेतावनी

बैतूल में भारतीय किसान संघ ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया। किसानों ने मूंग की खरीदी न होने का विरोध किया। मुख्यमंत्री के नाम दिए ज्ञापन में कहा गया कि सरकार हर साल मूंग की खरीदी करती थी। इस बार खरीदी से इनकार कर दिया गया है। किसान संघ ने तीन मांगें रखी हैं। पहली- मूंग की खरीदी तुरंत शुरू की जाए। दूसरी- मंडियों में समर्थन मूल्य से कम पर फसल न खरीदी जाए। तीसरी- तौल में प्लेट काटने जैसी अनियमितताएं बंद हों। मंडी अधिनियम का सख्ती से पालन करने की मांग तहसील अध्यक्ष नकुल भुसारे और नगर अध्यक्ष संतोष पाल के नेतृत्व में धरना हुआ। किसानों ने मंडी अधिनियम का सख्ती से पालन करने की मांग की। इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर बोली न लगाने का प्रावधान है। संघ ने आंदोलन की दी चेतावनी धरने में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। उन्होंने MSP लागू करने की मांग की। किसान संघ ने चेतावनी दी है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो वे निर्णायक आंदोलन करेंगे। वर्तमान में किसान मंडियों में MSP से कम कीमत पर मूंग बेचने को मजबूर हैं।

बैतूल में MSP पर मूंग खरीदी शुरू करने की मांग:किसान संघ ने कलेक्ट्रेट में किया विरोध; आंदोलन की दी चेतावनी
बैतूल में भारतीय किसान संघ ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया। किसानों ने मूंग की खरीदी न होने का विरोध किया। मुख्यमंत्री के नाम दिए ज्ञापन में कहा गया कि सरकार हर साल मूंग की खरीदी करती थी। इस बार खरीदी से इनकार कर दिया गया है। किसान संघ ने तीन मांगें रखी हैं। पहली- मूंग की खरीदी तुरंत शुरू की जाए। दूसरी- मंडियों में समर्थन मूल्य से कम पर फसल न खरीदी जाए। तीसरी- तौल में प्लेट काटने जैसी अनियमितताएं बंद हों। मंडी अधिनियम का सख्ती से पालन करने की मांग तहसील अध्यक्ष नकुल भुसारे और नगर अध्यक्ष संतोष पाल के नेतृत्व में धरना हुआ। किसानों ने मंडी अधिनियम का सख्ती से पालन करने की मांग की। इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर बोली न लगाने का प्रावधान है। संघ ने आंदोलन की दी चेतावनी धरने में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। उन्होंने MSP लागू करने की मांग की। किसान संघ ने चेतावनी दी है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो वे निर्णायक आंदोलन करेंगे। वर्तमान में किसान मंडियों में MSP से कम कीमत पर मूंग बेचने को मजबूर हैं।