फैक्ट्री में काम करते आदिवासी युवक की तीन उंगलियां कटी, निजी अस्पताल में इलाज
फैक्ट्री में काम करते आदिवासी युवक की तीन उंगलियां कटी, निजी अस्पताल में इलाज
प्रबंधन ने हादसे की जानकारी नहीं दी-टीआई
छत्तीसगढ़ संवाददाता
महासमुंद, 6 अप्रैल। जिले बिरकोनी औद्योगिक क्षेत्र में संचालित पांचजन्य फूड प्रोडक्ट्स प्रा.लि.में काम कर रहे एक आदिवासी युवक हादसे का शिकार हो गया। मशीन में हाथ आ जाने से उसकी तीन उंगलियां कट गई। घटना में बड़ी बात यह है कि प्रबंधन ने पुलिस, श्रम विभाग, स्वास्थ्य और सुरक्षा विभाग से घटना को छिपाये रखा। युवक का इलाज महासमुंद के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। जानकारी अनुसार जिस यूनिट में यह हादसा हुआ, वो अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था।
गौरतलब है कि बिरकोनी इंडस्ट्रियल एरिया में चल रहे पांचजन्य फूड प्रोडक्ट्स प्रालि में मिक्सचर बनाया जाता है। बीते 2 अप्रैल की दोपहर करीब 3 बजे पिथौरा ब्लॉक धनोरा निवासी हिमांशु दीवान इस फैक्ट्री के दूसरे यूनिट बोरे में बेसन भरने का काम कर रहा था। मशीन बार-बार बंद चालू हो रहा था। जिसके चलते बेसन फंस रहा था। ऑपरेटर ने युवक को टैंक को ठोकने को कहा। मशीन फिर बंद हो गई तो युवक हाथ से बेसन साफ करने लगा। अचानक मशीन चल पड़ी और युवक के बांये हाथ की तीन उंगलियां मशीन में फंसकर कट गई। प्रबंधन ने आनन-फानन में युवक को महासमुंद के निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया। इस पूरे मामले में प्रबंधन ने पुलिस को भी जानकारी देना जरूरी नहीं समझा।
जानकारी मिली है कि मिक्सचर फेक्ट्री के प्रबंधक एक लाइसेंस पर 2-2 यूनिट चला रहे हैं। दूसरे यूनिट के फ ोलर मिल में जिस जगह घटना घटी है, वो अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है। इस यूनिट को पर्यावरण क्लीयरेंस,डेट ऑफ प्रोडक्शन, डीओपी, फ ायर सेफ्टी एनओसी अब तक नहीं मिली है। लेकिन प्रबंधन ट्रायल के नाम पर कई महीनों से उत्पादन कर रहे हैं।
फैक्ट्री के मैनेजर आर. सूर्य नारायण का इस मामले में कहना है कि पर्यावरण क्लीयरेंस, डेट ऑफ प्रोडक्शन डीओपी, फायर सेफ्टी एनओसी अभी नहीं मिली है। श्रम विभाग से 20 मजदूरों का लाइसेंस है, लेकिन अभी 35 मजदूर काम कर रहे हैं।
सिटी कोतवाली प्रभारी शरद दुबे का कहना है कि फैक्ट्री के मेनेजमेंट ने हादसे की कोई भी जानकारी नहीं दी है। हादसा हुआ है तो कार्रवाई करेंगे। डीएड तक पढ़ाई कर चुके हिमांशु दीवान ने बताया कि पढ़ाई के साथ कुछ काम करके घर में आर्थिक सहायता करना चाहता था। इसीलिए मिक्सचर फैक्ट्री में पिछले 15 दिनों से काम कर रहा था। 12 घंटे का 10 हजार 300 रुपए और 8 घंटे का 7500 मजदूरी दिया जाता है। अभी कंपनी प्रबंधन इलाज करा रहा है। मुआवजा के लिए कुछ भी नहीं बताया है। उसने बताया कि घर में एक छोटा भाई, माता-पिता और दादा-दादी हैं। बड़े होने के कारण घर की जिम्मेदारी मुझ पर ज्यादा है।
निरीक्षण के लिए पहुंची टीम को हादसे की भनक नहीं
इस मिक्सचर फैक्ट्री में हुए हादसे के एक दिन बाद यानी 3 अप्रैल को जिला प्रशासन की एक संयुक्त टीम 500 मीटर दूर मनोरमा इंडस्ट्रीज का निरीक्षण करने पहुंची थी। लेकिन इस टीम को कुछ दूरी पर हुए हादसे की भनक तक नहीं लगी। इस फैक्ट्री ने श्रम विभाग से 20 मजदूरों का लाइसेंस लिया है लेकिन 35 मजदूरों से काम ले रहे हैं। यहां 20 कर्मचारी बताकर सिर्फ 11-12 लोगों का ही पीएफ अकाउंट है। ऐसे ही ईएसआई में रजिस्ट्रेशन कराया गया है।
प्रबंधन ने हादसे की जानकारी नहीं दी-टीआई
छत्तीसगढ़ संवाददाता
महासमुंद, 6 अप्रैल। जिले बिरकोनी औद्योगिक क्षेत्र में संचालित पांचजन्य फूड प्रोडक्ट्स प्रा.लि.में काम कर रहे एक आदिवासी युवक हादसे का शिकार हो गया। मशीन में हाथ आ जाने से उसकी तीन उंगलियां कट गई। घटना में बड़ी बात यह है कि प्रबंधन ने पुलिस, श्रम विभाग, स्वास्थ्य और सुरक्षा विभाग से घटना को छिपाये रखा। युवक का इलाज महासमुंद के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। जानकारी अनुसार जिस यूनिट में यह हादसा हुआ, वो अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था।
गौरतलब है कि बिरकोनी इंडस्ट्रियल एरिया में चल रहे पांचजन्य फूड प्रोडक्ट्स प्रालि में मिक्सचर बनाया जाता है। बीते 2 अप्रैल की दोपहर करीब 3 बजे पिथौरा ब्लॉक धनोरा निवासी हिमांशु दीवान इस फैक्ट्री के दूसरे यूनिट बोरे में बेसन भरने का काम कर रहा था। मशीन बार-बार बंद चालू हो रहा था। जिसके चलते बेसन फंस रहा था। ऑपरेटर ने युवक को टैंक को ठोकने को कहा। मशीन फिर बंद हो गई तो युवक हाथ से बेसन साफ करने लगा। अचानक मशीन चल पड़ी और युवक के बांये हाथ की तीन उंगलियां मशीन में फंसकर कट गई। प्रबंधन ने आनन-फानन में युवक को महासमुंद के निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया। इस पूरे मामले में प्रबंधन ने पुलिस को भी जानकारी देना जरूरी नहीं समझा।
जानकारी मिली है कि मिक्सचर फेक्ट्री के प्रबंधक एक लाइसेंस पर 2-2 यूनिट चला रहे हैं। दूसरे यूनिट के फ ोलर मिल में जिस जगह घटना घटी है, वो अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है। इस यूनिट को पर्यावरण क्लीयरेंस,डेट ऑफ प्रोडक्शन, डीओपी, फ ायर सेफ्टी एनओसी अब तक नहीं मिली है। लेकिन प्रबंधन ट्रायल के नाम पर कई महीनों से उत्पादन कर रहे हैं।
फैक्ट्री के मैनेजर आर. सूर्य नारायण का इस मामले में कहना है कि पर्यावरण क्लीयरेंस, डेट ऑफ प्रोडक्शन डीओपी, फायर सेफ्टी एनओसी अभी नहीं मिली है। श्रम विभाग से 20 मजदूरों का लाइसेंस है, लेकिन अभी 35 मजदूर काम कर रहे हैं।
सिटी कोतवाली प्रभारी शरद दुबे का कहना है कि फैक्ट्री के मेनेजमेंट ने हादसे की कोई भी जानकारी नहीं दी है। हादसा हुआ है तो कार्रवाई करेंगे। डीएड तक पढ़ाई कर चुके हिमांशु दीवान ने बताया कि पढ़ाई के साथ कुछ काम करके घर में आर्थिक सहायता करना चाहता था। इसीलिए मिक्सचर फैक्ट्री में पिछले 15 दिनों से काम कर रहा था। 12 घंटे का 10 हजार 300 रुपए और 8 घंटे का 7500 मजदूरी दिया जाता है। अभी कंपनी प्रबंधन इलाज करा रहा है। मुआवजा के लिए कुछ भी नहीं बताया है। उसने बताया कि घर में एक छोटा भाई, माता-पिता और दादा-दादी हैं। बड़े होने के कारण घर की जिम्मेदारी मुझ पर ज्यादा है।
निरीक्षण के लिए पहुंची टीम को हादसे की भनक नहीं
इस मिक्सचर फैक्ट्री में हुए हादसे के एक दिन बाद यानी 3 अप्रैल को जिला प्रशासन की एक संयुक्त टीम 500 मीटर दूर मनोरमा इंडस्ट्रीज का निरीक्षण करने पहुंची थी। लेकिन इस टीम को कुछ दूरी पर हुए हादसे की भनक तक नहीं लगी। इस फैक्ट्री ने श्रम विभाग से 20 मजदूरों का लाइसेंस लिया है लेकिन 35 मजदूरों से काम ले रहे हैं। यहां 20 कर्मचारी बताकर सिर्फ 11-12 लोगों का ही पीएफ अकाउंट है। ऐसे ही ईएसआई में रजिस्ट्रेशन कराया गया है।