तबादले के बाद भी नए सचिव को प्रभार नहीं, कलेक्टर से शिकायत

जनपद पंचायत में संलग्न पंचायत सचिवों की संख्या अब 7 छत्तीसगढ़ संवाददाता पिथौरा, 12 मार्च। स्थानीय जनपद पंचायत में संलग्न किये जाने वाले पंचायत सचिवों की संख्या अब 7 हो गई है। ज्ञात हो कि शासन द्वारा संलग्नीकरण समाप्त किये जाने के बाद भी जिला पंचायत द्वारा लगातार सचिवों को बगैर किसी कारण के ही जनपद कार्यालय पिथौरा में संलग्न किया जा रहा है। विकासखण्ड के चर्चित एवं कभी प्रभार नहीं देने वाले पंचायत सचिव नरेंद्र वैष्णव के नक्शे कदम अब अन्य सचिव भी चल निकले हंै। वैसा ही एक मामला विकासखण्ड की ग्राम पंचायत लक्ष्मीपुर से सामने आया है। यहां की आदिवासी महिला सरपंच कुमारी भोई ने जिला पंचायत एवं कलेक्टर को एक लिखित शिकायत में बताया कि उनकी ग्राम पंचायत में अभी एक महिला सचिव की पदस्थापना की गई है। यह महिला सचिव पूर्व में भी इसी पंचायत में कार्यरत थी। सरपंच की शिकायत के अनुसार उक्त सचिव द्वारा पंचायत के कोई भी अभिलेख नहीं बनाये गए है। उनकी शिकायत के बाद उन्हें लक्ष्मीपुर ग्राम पंचायत से हटाया गया था। उनके स्थान पर आए नए सचिव को भी महिला सचिव ने प्रभार में कुछ भी नहीं दिया, जिससे लक्ष्मीपुर ग्राम पंचायत में कोई भी सरकारी दस्तावेज नहीं है, जिससे यहां ऑडिट करवाने के साथ अन्य शासकीय कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। सरपंच श्रीमती भोई ने बताया कि एक बार पुन: उसी महिला सरपंच को जिला पंचायत के आदेश से लक्ष्मीपुर ग्राम पंचायत में ही स्थानांतरित किया गया है, जिससे अब पुन: इस ग्राम पंचायत के कार्य प्रभावित होंगे। श्रीमती भोई ने उक्त सचिव को लक्ष्मीपुर नहीं भेजने की अपील कलेक्टर से की है। ज्ञात हो कि वर्तमान में शासन के आदेश के विपरीत विकासखण्ड के छह पंचायत सचिवों को जनपद पंचायत पिथौरा में संलग्न किया जा चुका है। इस संबंध में जिला सीईओ से छत्तीसगढ़ की चर्चा नहीं हो पाई, परन्तु पिथौरा जनपद सूत्रों ने जिला पंचायत के आदेश से 6 सचिवों को पिथौरा जनपद में संलग्न करने की पुष्टि की गई है। ज्ञात हो कि वर्तमान में विकासखण्ड की 126 ग्राम पंचायतों के लिए 119 सचिव ही कार्यरत है, जिनमें से 7 सचिवों में नरेंद्र वैष्णव, मोहनलाल पटेल,महेश नाग, मेघा सिन्हा, आरती पटेल, हजारीलाल कैवर्त एवं पुष्पेंद्र निषाद को जनपद में संलग्न किये जाने से अब विकासखण्ड की पंचायतों में 7 सचिव और कम हो गए हंै। संलग्नीकरण के आदेश में जिला पंचायत द्वारा कारण भी नही दर्शाए जाने से यह रहस्य बरकरार है।

तबादले के बाद भी नए सचिव को प्रभार नहीं, कलेक्टर से शिकायत
जनपद पंचायत में संलग्न पंचायत सचिवों की संख्या अब 7 छत्तीसगढ़ संवाददाता पिथौरा, 12 मार्च। स्थानीय जनपद पंचायत में संलग्न किये जाने वाले पंचायत सचिवों की संख्या अब 7 हो गई है। ज्ञात हो कि शासन द्वारा संलग्नीकरण समाप्त किये जाने के बाद भी जिला पंचायत द्वारा लगातार सचिवों को बगैर किसी कारण के ही जनपद कार्यालय पिथौरा में संलग्न किया जा रहा है। विकासखण्ड के चर्चित एवं कभी प्रभार नहीं देने वाले पंचायत सचिव नरेंद्र वैष्णव के नक्शे कदम अब अन्य सचिव भी चल निकले हंै। वैसा ही एक मामला विकासखण्ड की ग्राम पंचायत लक्ष्मीपुर से सामने आया है। यहां की आदिवासी महिला सरपंच कुमारी भोई ने जिला पंचायत एवं कलेक्टर को एक लिखित शिकायत में बताया कि उनकी ग्राम पंचायत में अभी एक महिला सचिव की पदस्थापना की गई है। यह महिला सचिव पूर्व में भी इसी पंचायत में कार्यरत थी। सरपंच की शिकायत के अनुसार उक्त सचिव द्वारा पंचायत के कोई भी अभिलेख नहीं बनाये गए है। उनकी शिकायत के बाद उन्हें लक्ष्मीपुर ग्राम पंचायत से हटाया गया था। उनके स्थान पर आए नए सचिव को भी महिला सचिव ने प्रभार में कुछ भी नहीं दिया, जिससे लक्ष्मीपुर ग्राम पंचायत में कोई भी सरकारी दस्तावेज नहीं है, जिससे यहां ऑडिट करवाने के साथ अन्य शासकीय कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। सरपंच श्रीमती भोई ने बताया कि एक बार पुन: उसी महिला सरपंच को जिला पंचायत के आदेश से लक्ष्मीपुर ग्राम पंचायत में ही स्थानांतरित किया गया है, जिससे अब पुन: इस ग्राम पंचायत के कार्य प्रभावित होंगे। श्रीमती भोई ने उक्त सचिव को लक्ष्मीपुर नहीं भेजने की अपील कलेक्टर से की है। ज्ञात हो कि वर्तमान में शासन के आदेश के विपरीत विकासखण्ड के छह पंचायत सचिवों को जनपद पंचायत पिथौरा में संलग्न किया जा चुका है। इस संबंध में जिला सीईओ से छत्तीसगढ़ की चर्चा नहीं हो पाई, परन्तु पिथौरा जनपद सूत्रों ने जिला पंचायत के आदेश से 6 सचिवों को पिथौरा जनपद में संलग्न करने की पुष्टि की गई है। ज्ञात हो कि वर्तमान में विकासखण्ड की 126 ग्राम पंचायतों के लिए 119 सचिव ही कार्यरत है, जिनमें से 7 सचिवों में नरेंद्र वैष्णव, मोहनलाल पटेल,महेश नाग, मेघा सिन्हा, आरती पटेल, हजारीलाल कैवर्त एवं पुष्पेंद्र निषाद को जनपद में संलग्न किये जाने से अब विकासखण्ड की पंचायतों में 7 सचिव और कम हो गए हंै। संलग्नीकरण के आदेश में जिला पंचायत द्वारा कारण भी नही दर्शाए जाने से यह रहस्य बरकरार है।