चंदा नहीं देने पर 35 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार:बैतूल के गांव में मुनादी कर कहा- कोई बात नहीं करेगा, उल्लंघन पर 5 हजार जुर्माना
चंदा नहीं देने पर 35 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार:बैतूल के गांव में मुनादी कर कहा- कोई बात नहीं करेगा, उल्लंघन पर 5 हजार जुर्माना
बैतूल के आदिवासी बहुल विधानसभा के चोहटा गांव में धार्मिक आयोजन के चंदे को लेकर विवाद के बाद सामाजिक तनाव की स्थिति बन गई। शुक्रवार रात गांव में मुनादी कर समाज विशेष के 35 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। प्रशासन के दखल के बाद रविवार रात गांव में बैठक हुई और समझाइश दी गई। डुगडुगी बजाकर किया गया ऐलान
गांव में आदिवासी समाज ने मुनादी कर यह घोषणा की कि संबंधित समाज के लोगों से कोई बात नहीं करेगा। बच्चों तक से दूरी बनाने को कहा गया। मुनादी में उल्लंघन करने वालों पर ₹5,000 का जुर्माना और सूचना देने वाले को ₹1,000 इनाम की बात कही गई। लोग बोले- डर के साए में जी रहे हैं
ग्रामवासी देवराव बेले ने बताया कि उन्हें इस फरमान की वजह समझ नहीं आ रही है। उन्होंने कहा हम डर के साए में जी रहे हैं। शुक्र है कि नल जल योजना से पानी मिल रहा है, वरना हालात और बिगड़ सकते थे। दुकानों से सामान नहीं मिल रहा, आटा चक्कियों में पिसाई नहीं हो रही और सामाजिक तिरस्कार की भावना गहराती जा रही है। प्रशासन ने दी समझाइश, कहा- अब हालात सामान्य
एडीएम राजीव नंदन श्रीवास्तव रविवार रात गांव पहुंचे और दोनों पक्षों से बात की। उन्होंने बताया कि मामला चंदे की नाराजगी को लेकर था, जिसे सुलझा लिया गया है। अब बहिष्कार जैसी कोई बात नहीं है। गांव में निगरानी जारी
ग्राम सचिव ने बताया कि गांव की आबादी करीब 900 है। यहां हर साल देव पूजा होती है, जिसमें इस बार चंदा नहीं देने को लेकर विवाद हुआ। आदिवासी समाज के लगभग 100 मकान और अन्य समाज के करीब 25 मकान हैं।
बैतूल के आदिवासी बहुल विधानसभा के चोहटा गांव में धार्मिक आयोजन के चंदे को लेकर विवाद के बाद सामाजिक तनाव की स्थिति बन गई। शुक्रवार रात गांव में मुनादी कर समाज विशेष के 35 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। प्रशासन के दखल के बाद रविवार रात गांव में बैठक हुई और समझाइश दी गई। डुगडुगी बजाकर किया गया ऐलान
गांव में आदिवासी समाज ने मुनादी कर यह घोषणा की कि संबंधित समाज के लोगों से कोई बात नहीं करेगा। बच्चों तक से दूरी बनाने को कहा गया। मुनादी में उल्लंघन करने वालों पर ₹5,000 का जुर्माना और सूचना देने वाले को ₹1,000 इनाम की बात कही गई। लोग बोले- डर के साए में जी रहे हैं
ग्रामवासी देवराव बेले ने बताया कि उन्हें इस फरमान की वजह समझ नहीं आ रही है। उन्होंने कहा हम डर के साए में जी रहे हैं। शुक्र है कि नल जल योजना से पानी मिल रहा है, वरना हालात और बिगड़ सकते थे। दुकानों से सामान नहीं मिल रहा, आटा चक्कियों में पिसाई नहीं हो रही और सामाजिक तिरस्कार की भावना गहराती जा रही है। प्रशासन ने दी समझाइश, कहा- अब हालात सामान्य
एडीएम राजीव नंदन श्रीवास्तव रविवार रात गांव पहुंचे और दोनों पक्षों से बात की। उन्होंने बताया कि मामला चंदे की नाराजगी को लेकर था, जिसे सुलझा लिया गया है। अब बहिष्कार जैसी कोई बात नहीं है। गांव में निगरानी जारी
ग्राम सचिव ने बताया कि गांव की आबादी करीब 900 है। यहां हर साल देव पूजा होती है, जिसमें इस बार चंदा नहीं देने को लेकर विवाद हुआ। आदिवासी समाज के लगभग 100 मकान और अन्य समाज के करीब 25 मकान हैं।