गोवंश को सड़क दुर्घटना से बचाने की पहल:ग्रामीणों ने बना डाली अस्थाई गोशाला, कलेक्टर के निर्देशों का नहीं हुआ था पालन

शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा क्षेत्र में लगातार गोवंश सड़क दुर्घटना का शिकार होकर अपनी जान गवां रहे हैं। ऐसी दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए कलेक्टर द्वारा निर्देश जारी किए थे। लेकिन इन निर्देशों का भी पालन धरातल पर नहीं हुआ। इसके चलते बदरवास कस्बे सहित कुछ ग्रामीणों ने मिलकर बैकुंठ धाम परिवार एवं गोसमिति के सदस्यों ने मिलकर कुछ चंदा एकत्रित किया। इस पैसे से ग्रामीणों ने अस्थाई गोशाला का निर्माण किया हैं। इस अस्थाई गोशाला में गोवंश के लिए चारे से लेकर पीने के पानी की व्यवस्था की गई हैं। जिससे हाईवे पर गोवंश दुर्घटना का शिकार न हो सके। बता दें कि इस अस्थाई गोशाला का निर्माण एनवारा गांव में सिंध नदी किनारे किया गया हैं। इस अस्थाई में गोशाला को तार फेन्सिंग से बनाया गया हैं। जिससे गाय बाहर न आ सके साथ ही उनके खाने पीने की व्यवस्था की की गई हैं। खास बात है कि समिति सभी सदस्य अब तक 12 किलोमीटर हाईवे पर बैठी 327 गोवंश को बैकुंठ धाम गोशाला के नाम से बनाई गई अस्थाई गोशाला में पहुंचा चुके हैं। समिति के द्वारा जितना चंदा एकत्रित हुआ उससे इन गोवंश को खाने के लिए करीब दो माह के चारे की व्यवस्था भी की गई हैं। समिति के सदस्यों की इस सराहनीय पहल से निश्चित ही सड़क हादसे का शिकार हो रहीं गोवंश के ग्राफ में गिरावट देखने को मिलेगी।

गोवंश को सड़क दुर्घटना से बचाने की पहल:ग्रामीणों ने बना डाली अस्थाई गोशाला, कलेक्टर के निर्देशों का नहीं हुआ था पालन
शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा क्षेत्र में लगातार गोवंश सड़क दुर्घटना का शिकार होकर अपनी जान गवां रहे हैं। ऐसी दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए कलेक्टर द्वारा निर्देश जारी किए थे। लेकिन इन निर्देशों का भी पालन धरातल पर नहीं हुआ। इसके चलते बदरवास कस्बे सहित कुछ ग्रामीणों ने मिलकर बैकुंठ धाम परिवार एवं गोसमिति के सदस्यों ने मिलकर कुछ चंदा एकत्रित किया। इस पैसे से ग्रामीणों ने अस्थाई गोशाला का निर्माण किया हैं। इस अस्थाई गोशाला में गोवंश के लिए चारे से लेकर पीने के पानी की व्यवस्था की गई हैं। जिससे हाईवे पर गोवंश दुर्घटना का शिकार न हो सके। बता दें कि इस अस्थाई गोशाला का निर्माण एनवारा गांव में सिंध नदी किनारे किया गया हैं। इस अस्थाई में गोशाला को तार फेन्सिंग से बनाया गया हैं। जिससे गाय बाहर न आ सके साथ ही उनके खाने पीने की व्यवस्था की की गई हैं। खास बात है कि समिति सभी सदस्य अब तक 12 किलोमीटर हाईवे पर बैठी 327 गोवंश को बैकुंठ धाम गोशाला के नाम से बनाई गई अस्थाई गोशाला में पहुंचा चुके हैं। समिति के द्वारा जितना चंदा एकत्रित हुआ उससे इन गोवंश को खाने के लिए करीब दो माह के चारे की व्यवस्था भी की गई हैं। समिति के सदस्यों की इस सराहनीय पहल से निश्चित ही सड़क हादसे का शिकार हो रहीं गोवंश के ग्राफ में गिरावट देखने को मिलेगी।