गोवा में हिंदी पर तीन-दिवसीय विशेष समारोह:इंदौर के साहित्यकारों ने किया काव्य पाठ, आर्म्ड डीसूजा यायावर सम्मान भी मिला

पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी शिलांग (मेघालय) द्वारा हिंदी दिवस पर गोवा में 13 से 16 सितंबर तक तीन-दिवसीय विशेष कार्यक्रम द गोल्डन सेंड ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। इसमें देश के विभिन्न राज्यों के साहित्यकारों ने हिस्सा लिया और हिंदी भाषा को राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ। इस समारोह में इंदौर के रचनाकार छाए रहे। समारोह की अध्यक्षता शांति कुमार स्याल (पूर्व संपादक राज्य भाषा गृह मंत्रालय) ने की। इस कार्यक्रम में इंदौर मनपसंद कला साहित्य मंच के सदस्यों ने भी हिस्सा लिया। संस्थापक अध्यक्ष जनार्दन शर्मा की गणेश वंदना से कार्यक्रम का श्रीगणेश हुआ व उनके संचालन में रंजना शर्मा 'सुमन', डॉ. रंजना शर्मा, गायत्री शर्मा, सीता सेन, उषा कुशवाह और अन्य कवियों ने हिंदी भाषा के उत्थान के लिए अपने विचार रखे और कविता पाठ किया। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, पंजाब, गुजरात, शिलांग, केरल, महाराष्ट्र, बैंगलुरू आदि से आए कवियों ने भी अपने उद्बोधन में हिंदी भाषा को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा देने की पुरजोर बात कही। पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी शिलांग के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अकेला भाई ने संस्था के इस अठारहवें साल के कार्यक्रम में बताया कि किस तरह से प्रतिवर्ष विभिन्न राज्यों में हिंदी भाषा के लिए यह कार्यक्रम करते रहे हैं और हाल ही में भूटान में भी ऐसा ही कार्यक्रम संस्था ने किया है। कार्यक्रम के अंतिम दिन साहित्यकारों को "आर्म्ड डीसूजा यायावर" सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर इंदौर के साहित्यकारो ने लघु नाटिका की प्रस्तुति भी दी। अंत में आभार अजय कुलश्रेष्ठ जी ने व्यक्त किया। कुल मिलाकर यह एक यादगार कार्यक्रम रहा।

गोवा में हिंदी पर तीन-दिवसीय विशेष समारोह:इंदौर के साहित्यकारों ने किया काव्य पाठ, आर्म्ड डीसूजा यायावर सम्मान भी मिला
पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी शिलांग (मेघालय) द्वारा हिंदी दिवस पर गोवा में 13 से 16 सितंबर तक तीन-दिवसीय विशेष कार्यक्रम द गोल्डन सेंड ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। इसमें देश के विभिन्न राज्यों के साहित्यकारों ने हिस्सा लिया और हिंदी भाषा को राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ। इस समारोह में इंदौर के रचनाकार छाए रहे। समारोह की अध्यक्षता शांति कुमार स्याल (पूर्व संपादक राज्य भाषा गृह मंत्रालय) ने की। इस कार्यक्रम में इंदौर मनपसंद कला साहित्य मंच के सदस्यों ने भी हिस्सा लिया। संस्थापक अध्यक्ष जनार्दन शर्मा की गणेश वंदना से कार्यक्रम का श्रीगणेश हुआ व उनके संचालन में रंजना शर्मा 'सुमन', डॉ. रंजना शर्मा, गायत्री शर्मा, सीता सेन, उषा कुशवाह और अन्य कवियों ने हिंदी भाषा के उत्थान के लिए अपने विचार रखे और कविता पाठ किया। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, पंजाब, गुजरात, शिलांग, केरल, महाराष्ट्र, बैंगलुरू आदि से आए कवियों ने भी अपने उद्बोधन में हिंदी भाषा को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा देने की पुरजोर बात कही। पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी शिलांग के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अकेला भाई ने संस्था के इस अठारहवें साल के कार्यक्रम में बताया कि किस तरह से प्रतिवर्ष विभिन्न राज्यों में हिंदी भाषा के लिए यह कार्यक्रम करते रहे हैं और हाल ही में भूटान में भी ऐसा ही कार्यक्रम संस्था ने किया है। कार्यक्रम के अंतिम दिन साहित्यकारों को "आर्म्ड डीसूजा यायावर" सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर इंदौर के साहित्यकारो ने लघु नाटिका की प्रस्तुति भी दी। अंत में आभार अजय कुलश्रेष्ठ जी ने व्यक्त किया। कुल मिलाकर यह एक यादगार कार्यक्रम रहा।