37 जोड़ों की शादी, दानदाताओं ने मुक्त हस्त से किया दान
37 जोड़ों की शादी, दानदाताओं ने मुक्त हस्त से किया दान
छत्तीसगढ़ संवाददाता
पिथौरा, 6 अप्रैल। रामनवमी उत्सव समिति द्वारा आज 37 जोड़ों का सामूहिक विवाह आयोजित किया गया। विवाह समारोह में नगर के दानदाताओं ने मुक्त हस्त से दान दिया।
खेल मैदान में आयोजित वैवाहिक समारोह में नगर के गणमान्यजनों के साथ भारी संख्या में समाजसेवी महिलाएं शामिल हुईं, वहीं नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देने रायपुर से साध्वी प्रज्ञा देवी भी कार्यक्रम स्थल पहुंचीं।
स्थानीय समाजसेवक आकाश एरन के नेतृत्व में रामनवमी उत्सव समिति के सदस्य विगत पखवाड़े भर से सामूहिक विवाह की तैयारियों में जुटे थे। कुल 37 कन्याओं के विवाह हेतु पंजीयन किया गया था। नगर के विभिन्न व्यवसायिक संस्थान संचालकों द्वारा अपने व्यवसाय के अनुसार कपड़े जेवर एवं विवाह हेतु आवश्यक सामग्री दान की, वहीं अनेक दानदाताओं ने भंडारा हेतु सामग्री एवम नगद राशि का सहयोग किया।
व्यवस्थित हुए कार्यक्रम
सामूहिक विवाह समारोह पूरी तरह गैर सरकारी एवम गैर राजनीतिक था। कार्यक्रम में पहले राजमहल से सभी 37 दूल्हों की बारात बैंड बाजों एवं पटाखों की गूंज से निकल का खेल मैदान पहुंची। वहां वधु पक्ष द्वारा बारातियों का स्वागत सत्कार किया गया। जलपान के बाद दूल्हा-दुल्हन को विवाह वेदी पर बैठाकर मंत्रोच्चार के साथ विवाह संपन्न करवाया गया।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
पिथौरा, 6 अप्रैल। रामनवमी उत्सव समिति द्वारा आज 37 जोड़ों का सामूहिक विवाह आयोजित किया गया। विवाह समारोह में नगर के दानदाताओं ने मुक्त हस्त से दान दिया।
खेल मैदान में आयोजित वैवाहिक समारोह में नगर के गणमान्यजनों के साथ भारी संख्या में समाजसेवी महिलाएं शामिल हुईं, वहीं नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देने रायपुर से साध्वी प्रज्ञा देवी भी कार्यक्रम स्थल पहुंचीं।
स्थानीय समाजसेवक आकाश एरन के नेतृत्व में रामनवमी उत्सव समिति के सदस्य विगत पखवाड़े भर से सामूहिक विवाह की तैयारियों में जुटे थे। कुल 37 कन्याओं के विवाह हेतु पंजीयन किया गया था। नगर के विभिन्न व्यवसायिक संस्थान संचालकों द्वारा अपने व्यवसाय के अनुसार कपड़े जेवर एवं विवाह हेतु आवश्यक सामग्री दान की, वहीं अनेक दानदाताओं ने भंडारा हेतु सामग्री एवम नगद राशि का सहयोग किया।
व्यवस्थित हुए कार्यक्रम
सामूहिक विवाह समारोह पूरी तरह गैर सरकारी एवम गैर राजनीतिक था। कार्यक्रम में पहले राजमहल से सभी 37 दूल्हों की बारात बैंड बाजों एवं पटाखों की गूंज से निकल का खेल मैदान पहुंची। वहां वधु पक्ष द्वारा बारातियों का स्वागत सत्कार किया गया। जलपान के बाद दूल्हा-दुल्हन को विवाह वेदी पर बैठाकर मंत्रोच्चार के साथ विवाह संपन्न करवाया गया।