सामाजिक बहिष्कार करने वालों ने आयोग के सामने मांगी माफी

19 प्रकरणों पर की सुनवाई छत्तीसगढ़ संवाददाता कोण्डागांव, 22 अगस्त। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक द्वारा गुरुवार को कोण्डागांव कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की गई। आयोग अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में यह 270 वीं सुनवाई हुई एवं कोण्डागांव जिला स्तर में 7वीं सुनवाई थी। इस अवसर उन्होंने मानसिक प्रताडऩा के 10 प्रकरणों सहित घरेलू हिंसा के एक प्रकरण, कार्यस्थल पर प्रताडऩा के 02 प्रकरणों, शारीरिक एवं मानसिक प्रताडऩा का एक प्रकरण, शारीरिक शोषण एवं भरण पोषण का एक प्रकरण, भरण पोषण का एक प्रकरण, संपत्ति विवाद का एक प्रकरण और विविध के 2 प्रकरणों पर सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान एक प्रकरण को अतिगंभीर मानते हुए आवेदिका के आवेदन प्राप्ति के पश्चात 30 जुलाई 2024 को आयोग द्वारा रायपुर में सुनवाई की गई थी, उक्त प्रकरण में आज दूसरी सुनवाई नियत थी, सुनवाई के दौरान आवेदिका की फोटो को हल्बा सामाजिक वाट्सअप ग्रुप में वायरल करने तथा आवेदिका की शादी को रूकवाने का आरोप सामाजिक पदाधिकारियों तथा अनावेदकगणों पर था, जिसमें आयोग के अध्यक्ष द्वारा उभय पक्षों को सुनने के बाद सामाजिक पदाधिकारियों को सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए आवेदिका की शादी में उपस्थित होकर विवाह प्रमाण पत्र प्रदान करने का निर्णय किया गया। प्रकरण में आवेदिका लगभग 12 वर्षों तक लगातार सामाजिक तौर पर प्रताडि़त थी। अनावेदकगण द्वारा समाज की आड़ में आवेदिका का फोटो और घटनाक्रम को वायरल करने के कारण आवेदिका की निजता भंग का अपराध जो धारा 66 (ई) आईटी एक्ट के तहत 3 साल की सजा और 2 लाख रूपये से दण्डनीय था। वहीं एक अन्य प्रकरण में आवेदिका को समाज से बहिष्कृत किया गया और अब तक समाज में शामिल नहीं किया गया है। इस प्रकरण के अलावा मरार समाज में इस प्रकार के 4 और प्ररकणों को एक साथ सुनवाई कर निराकृत करने हेतु आयोग द्वारा डीएसपी लितेश सिंग के नेतृत्व में टीम गठन कर आगामी 9 सितम्बर 2024 को प्रकरण के निराकरण हेतु कोण्डागांव में जन सुनवाई आयोग के जनप्रतिधियों के माध्यम से करने हेतु निर्देशित किया गया है। जन सुनवाई में प्रकरण निराकृत नहीं होने की दशा में संबंधितों के खिलाफ सुसंगत धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर आयोग को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है। आयोग अध्यक्ष द्वारा गुरुवार को 19 प्रकरणों में कार्यवाही की गई तथा तीन नये प्रकरण प्राप्त हुए हैं। इस मौके पर आयोग अध्यक्ष द्वारा मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए इस तरह के सामाजिक बहिष्कार के घटनाओं को असंवैधानिक एवं मानव अधिकार के विपरित बताते हुए जनजागरूकता निर्मित करने हेतु सहयोग की अपील भी की गई।

सामाजिक बहिष्कार करने वालों ने आयोग के सामने मांगी माफी
19 प्रकरणों पर की सुनवाई छत्तीसगढ़ संवाददाता कोण्डागांव, 22 अगस्त। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक द्वारा गुरुवार को कोण्डागांव कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की गई। आयोग अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में यह 270 वीं सुनवाई हुई एवं कोण्डागांव जिला स्तर में 7वीं सुनवाई थी। इस अवसर उन्होंने मानसिक प्रताडऩा के 10 प्रकरणों सहित घरेलू हिंसा के एक प्रकरण, कार्यस्थल पर प्रताडऩा के 02 प्रकरणों, शारीरिक एवं मानसिक प्रताडऩा का एक प्रकरण, शारीरिक शोषण एवं भरण पोषण का एक प्रकरण, भरण पोषण का एक प्रकरण, संपत्ति विवाद का एक प्रकरण और विविध के 2 प्रकरणों पर सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान एक प्रकरण को अतिगंभीर मानते हुए आवेदिका के आवेदन प्राप्ति के पश्चात 30 जुलाई 2024 को आयोग द्वारा रायपुर में सुनवाई की गई थी, उक्त प्रकरण में आज दूसरी सुनवाई नियत थी, सुनवाई के दौरान आवेदिका की फोटो को हल्बा सामाजिक वाट्सअप ग्रुप में वायरल करने तथा आवेदिका की शादी को रूकवाने का आरोप सामाजिक पदाधिकारियों तथा अनावेदकगणों पर था, जिसमें आयोग के अध्यक्ष द्वारा उभय पक्षों को सुनने के बाद सामाजिक पदाधिकारियों को सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए आवेदिका की शादी में उपस्थित होकर विवाह प्रमाण पत्र प्रदान करने का निर्णय किया गया। प्रकरण में आवेदिका लगभग 12 वर्षों तक लगातार सामाजिक तौर पर प्रताडि़त थी। अनावेदकगण द्वारा समाज की आड़ में आवेदिका का फोटो और घटनाक्रम को वायरल करने के कारण आवेदिका की निजता भंग का अपराध जो धारा 66 (ई) आईटी एक्ट के तहत 3 साल की सजा और 2 लाख रूपये से दण्डनीय था। वहीं एक अन्य प्रकरण में आवेदिका को समाज से बहिष्कृत किया गया और अब तक समाज में शामिल नहीं किया गया है। इस प्रकरण के अलावा मरार समाज में इस प्रकार के 4 और प्ररकणों को एक साथ सुनवाई कर निराकृत करने हेतु आयोग द्वारा डीएसपी लितेश सिंग के नेतृत्व में टीम गठन कर आगामी 9 सितम्बर 2024 को प्रकरण के निराकरण हेतु कोण्डागांव में जन सुनवाई आयोग के जनप्रतिधियों के माध्यम से करने हेतु निर्देशित किया गया है। जन सुनवाई में प्रकरण निराकृत नहीं होने की दशा में संबंधितों के खिलाफ सुसंगत धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर आयोग को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है। आयोग अध्यक्ष द्वारा गुरुवार को 19 प्रकरणों में कार्यवाही की गई तथा तीन नये प्रकरण प्राप्त हुए हैं। इस मौके पर आयोग अध्यक्ष द्वारा मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए इस तरह के सामाजिक बहिष्कार के घटनाओं को असंवैधानिक एवं मानव अधिकार के विपरित बताते हुए जनजागरूकता निर्मित करने हेतु सहयोग की अपील भी की गई।