दलित बस्ती में फैला नशे का अवैध कारोबार:महिलाए बच्चों का घर से निकलना हुआ दूभर,पुलिस-प्रशासन पर भी संगीन आरोप

जबलपुर के घमापुर से लगी बस्ती में लगातार बढ़ती आपराधिक गतिविधि और नशे का कारोबार को लेकर जब पुलिस ने कार्रवाही नहीं की तो सामाजिक संगठनों सड़क पर उतरकर विरोध करना शुरू कर दिया हैं। जबलपुर की युवा संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने एकत्र होकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग की हैं कि शहर की दलित बस्तियों में महिला अत्याचारों से लेकर नशे के कारोबार तक लगाम लगाई जाए। ज्ञापन में यह भी बताया गया हैं कि जबलपुर पुलिस प्रशासन अपराधियों पर लगाम लगाने में नाकाम हो रहा हैं। युवा संघर्ष समिति के अध्यक्ष अशोक रोहिदास ने बताया कि शहर की दलित बस्तियों में जानबूझकर नशे का कारोबार फैलाया जा रहा है। यहां शराब सिंडिकेट के द्वारा औने-पौने दाम पर बेची जा रही है। जो शासकीय शराब दुकान हैं उसके खुलने बंद होने का कोई भी समय निर्धारित नहीं है नतीजतन सुबह से लेकर देर रात तक नशे में धुत होकर लोग वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि शहर की अधिकतर बस्तियों में रहने वाली महिलाएं का शाम होते ही घरों से निकलना दूभर हो जाता हैं। इतना ही नहीं बस्ती में रहने वाली महिलाओं के साथ नशे ने धुत बदमाश छेड़खानी करते हैं। मांग की है कि जल्द से जल्द इस समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो युवा संघर्ष समिति के बैनर तले महिलाएं और बच्चे सड़कों पर उतरकर अपने स्तर पर समस्या सुलझाने का कार्य करेंगे जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

दलित बस्ती में फैला नशे का अवैध कारोबार:महिलाए बच्चों का घर से निकलना हुआ दूभर,पुलिस-प्रशासन पर भी संगीन आरोप
जबलपुर के घमापुर से लगी बस्ती में लगातार बढ़ती आपराधिक गतिविधि और नशे का कारोबार को लेकर जब पुलिस ने कार्रवाही नहीं की तो सामाजिक संगठनों सड़क पर उतरकर विरोध करना शुरू कर दिया हैं। जबलपुर की युवा संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने एकत्र होकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग की हैं कि शहर की दलित बस्तियों में महिला अत्याचारों से लेकर नशे के कारोबार तक लगाम लगाई जाए। ज्ञापन में यह भी बताया गया हैं कि जबलपुर पुलिस प्रशासन अपराधियों पर लगाम लगाने में नाकाम हो रहा हैं। युवा संघर्ष समिति के अध्यक्ष अशोक रोहिदास ने बताया कि शहर की दलित बस्तियों में जानबूझकर नशे का कारोबार फैलाया जा रहा है। यहां शराब सिंडिकेट के द्वारा औने-पौने दाम पर बेची जा रही है। जो शासकीय शराब दुकान हैं उसके खुलने बंद होने का कोई भी समय निर्धारित नहीं है नतीजतन सुबह से लेकर देर रात तक नशे में धुत होकर लोग वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि शहर की अधिकतर बस्तियों में रहने वाली महिलाएं का शाम होते ही घरों से निकलना दूभर हो जाता हैं। इतना ही नहीं बस्ती में रहने वाली महिलाओं के साथ नशे ने धुत बदमाश छेड़खानी करते हैं। मांग की है कि जल्द से जल्द इस समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो युवा संघर्ष समिति के बैनर तले महिलाएं और बच्चे सड़कों पर उतरकर अपने स्तर पर समस्या सुलझाने का कार्य करेंगे जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।