हैदराबाद, 14 अप्रैल। भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक एनएमडीसी ने आज हैदराबाद में अपने कॉर्पोरेट कार्यालय और देश भर में अपने सभी परियोजना स्थलों में भारतीय संविधान के जनक भारत रत्न डॉ. बी.आर अंबेडकर की 134 वीं जयंती मनाई।
समारोह का नेतृत्व करते हुए प्रियदर्शिनी गद्दाम, निदेशक (कार्मिक) और निदेशक (वित्त) अतिरिक्त प्रभार, बी. विश्वनाथ, सीवीओ, एनएमडीसी और के. प्रवीण कुमार, अधिशासी निदेशक (वाणिज्य) ने कर्मचारियों के साथ डॉ. बी. आर. अम्बेडकर की 134वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
एनएमडीसी एचओ एससी/एसटी कर्मचारी कल्याण संघ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कर्मचारियों और अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। एनएमडीसी एचओ एससी/एसटी कर्मचारी कल्याण संघ के अध्यक्ष बी. हनुमंत राव और महासचिव बी. पवन कुमार ने पदाधिकारियों के साथ इस कार्यक्रम के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। समारोह का उद्घाटन दीपक प्रज्ज्वलन और डॉ बी आर अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण के साथ प्रारम्भ हुआ, जिसके बाद प्रार्थना आयोजित की गई और उनके जीवन और दर्शन के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर एनएमडीसी की निदेशक (कार्मिक) एवं निदेशक (वित्त) अतिरिक्त प्रभार प्रियदर्शिनी गद्दाम ने जोर देकर कहा, शिक्षा भविष्य की पीढिय़ों को सशक्त बनाने की कुंजी है, जो डॉ. अम्बेडकर द्वारा परिकल्पित प्रबुद्ध समाज के निर्माण लिए आवश्यक है। शिक्षा और रोजगार में समावेशी अवसर सुनिश्चित करके अपने आसपास के लोगों का उत्थान करना हमारी जिम्मेदारी है। लाभान्वित होने वालों को सामूहिक सामाजिक प्रगति प्राप्त करने के लिए दूसरों को सशक्त बनाने का प्रयास करना चाहिए।
बी. विश्वनाथ, सीवीओ, एनएमडीसी ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने अन्याय से लडऩे और एक ऐसे भारत के निर्माण के प्रति अपना जीवन समर्पित कर दिया जिसकी संकल्पना हमारे संविधान में की गई है। पारदर्शिता, जवाबदेही और अनुशासित शासन पर उनके विचारों को प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है। शिक्षा हमें अपने अधिकारों का दावा करने और निष्पक्ष समाज के प्रति उनके दर्शन को बनाए रखने के लिए आवश्यक जान और साहस से लैस करती है। डॉ. अम्बेडकर के चिरस्थायी सिद्धांतों से निरंतर प्रेरणा लेते हुए एनएमडीसी ने उनके द्वारा परिकल्पित एक समावेशी भारत के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
समारोह का समापन एक जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम और बच्चों को स्कूल बैग के वितरण के साथ हुआ, जो सभी के लिए शिक्षा और समानता को बढ़ावा देने के प्रति एनएमडीसी के समर्पण का प्रतीक है।
हैदराबाद, 14 अप्रैल। भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक एनएमडीसी ने आज हैदराबाद में अपने कॉर्पोरेट कार्यालय और देश भर में अपने सभी परियोजना स्थलों में भारतीय संविधान के जनक भारत रत्न डॉ. बी.आर अंबेडकर की 134 वीं जयंती मनाई।
समारोह का नेतृत्व करते हुए प्रियदर्शिनी गद्दाम, निदेशक (कार्मिक) और निदेशक (वित्त) अतिरिक्त प्रभार, बी. विश्वनाथ, सीवीओ, एनएमडीसी और के. प्रवीण कुमार, अधिशासी निदेशक (वाणिज्य) ने कर्मचारियों के साथ डॉ. बी. आर. अम्बेडकर की 134वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
एनएमडीसी एचओ एससी/एसटी कर्मचारी कल्याण संघ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कर्मचारियों और अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। एनएमडीसी एचओ एससी/एसटी कर्मचारी कल्याण संघ के अध्यक्ष बी. हनुमंत राव और महासचिव बी. पवन कुमार ने पदाधिकारियों के साथ इस कार्यक्रम के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। समारोह का उद्घाटन दीपक प्रज्ज्वलन और डॉ बी आर अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण के साथ प्रारम्भ हुआ, जिसके बाद प्रार्थना आयोजित की गई और उनके जीवन और दर्शन के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर एनएमडीसी की निदेशक (कार्मिक) एवं निदेशक (वित्त) अतिरिक्त प्रभार प्रियदर्शिनी गद्दाम ने जोर देकर कहा, शिक्षा भविष्य की पीढिय़ों को सशक्त बनाने की कुंजी है, जो डॉ. अम्बेडकर द्वारा परिकल्पित प्रबुद्ध समाज के निर्माण लिए आवश्यक है। शिक्षा और रोजगार में समावेशी अवसर सुनिश्चित करके अपने आसपास के लोगों का उत्थान करना हमारी जिम्मेदारी है। लाभान्वित होने वालों को सामूहिक सामाजिक प्रगति प्राप्त करने के लिए दूसरों को सशक्त बनाने का प्रयास करना चाहिए।
बी. विश्वनाथ, सीवीओ, एनएमडीसी ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने अन्याय से लडऩे और एक ऐसे भारत के निर्माण के प्रति अपना जीवन समर्पित कर दिया जिसकी संकल्पना हमारे संविधान में की गई है। पारदर्शिता, जवाबदेही और अनुशासित शासन पर उनके विचारों को प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है। शिक्षा हमें अपने अधिकारों का दावा करने और निष्पक्ष समाज के प्रति उनके दर्शन को बनाए रखने के लिए आवश्यक जान और साहस से लैस करती है। डॉ. अम्बेडकर के चिरस्थायी सिद्धांतों से निरंतर प्रेरणा लेते हुए एनएमडीसी ने उनके द्वारा परिकल्पित एक समावेशी भारत के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
समारोह का समापन एक जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम और बच्चों को स्कूल बैग के वितरण के साथ हुआ, जो सभी के लिए शिक्षा और समानता को बढ़ावा देने के प्रति एनएमडीसी के समर्पण का प्रतीक है।