हमास के हमले में 10 नेपाली छात्रों की मौत, 11 स्टूडेंट लापता

हमास इजराइल में हमास हमले में नेपाल के 10 छात्रों की मौत हो गई है।...

हमास
इजराइल में हमास हमले में नेपाल के 10 छात्रों की मौत हो गई है। इजराइल में नेपाल दूतावास के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। नेपाल के कई छात्र इजराइल में फंसे हुए हैं। हमास हमले के बाद इजराइल ने सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का आदेश दिया है। बता दें कि हमास ने इजाइल पर शनिवार को अचानक हमला कर दिया। जानकारी के मुताबिक, दो दिन में अब तक 1000 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2000 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं।

इससे पहले  नेपाल के विदेश मंत्री एन. पी. सऊद ने रविवार को कहा कि इजराइल में पढ़ाई कर रहे चार नेपाली छात्र आतंकवादी समूह हमास के हमले में घायल हुए हैं जबकि 11 छात्र लापता हैं। मंत्री ने कहा कि इजराइल के दक्षिणी हिस्से में पढ़ाई कर रहे लापता छात्रों के हताहत होने की आशंका है। गाजा पट्टी पर शासन करने वाले हमास ने शनिवार सुबह इजराइल के दक्षिण में हवा, भूमि और समुद्र से अचानक हमला कर दिया था। इजराइल में सैनिकों समेत कम से कम 1000 लोग मारे गए हैं और 2000 से अधिक घायल हुए हैं। इसे बीते 50 साल में देश में हुआ सबसे भीषण हमला कहा जा रहा है।

सऊद ने कहा, “11 नेपाली छात्रों से संपर्क स्थापित नहीं हो सका और उनके हताहत होने की आशंका है। हम हताहतों की सही संख्या का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।” विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार ‘‘सीखो और कमाओ'' कार्यक्रम के तहत 17 नेपाली छात्र दक्षिणी इजराइल के कुबुज अलुमिम में रह रहे थे। उनमें से दो छात्र सुरक्षित निकलने में सफल रहे और तीन छात्र घायल हो गए। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि घायल नेपाली छात्रों का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। फिलहाल 4,500 नेपाली इजराइल में काम कर रहे हैं वहीं 265 नेपाली छात्र ‘‘सीखो और कमाओ'' योजना के तहत विभिन्न कृषि कंपनियों में काम कर रहे हैं।

विदेश मंत्रालय ने हमास आतंकवादी समूह द्वारा इजराइल में किए गए हमले की कड़ी निंदा की है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नेपाल सरकार ने घटना को गंभीरता से लिया है। मंत्रालय के अनुसार, नेपाल सरकार ने विदेश मंत्री सऊद की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है जिसका उद्देश्य इजराइल में मौजूद नेपाली नागरिकों को बचाना है। सऊद ने रविवार को संसद को बताया, "समिति लगातार स्थिति की निगरानी करेगी, नेपाली नागरिकों के सामने आने वाली स्थितियों का मूल्यांकन करेगी, बचाव कार्यों के संबंध में आवश्यक निर्णय लेगी और प्रभावी ढंग से समन्वय एवं सहयोग करेगी।"