सोशल मीडिया पोस्ट में सिखों को मुसलमानों के साथ भ्रमित करने के लिए यूके विश्वविद्यालय की आलोचना

लंदन, 20 फरवरी । ब्रिटेन में सिख समुदाय के सदस्यों ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्हें मुसलमानों के साथ भ्रमित करने के लिए बर्मिंघम विश्वविद्यालय की आलोचना की है और कहा है कि ये गलतियां 2024 में नहीं होनी चाहिए। बर्मिंघम मेल अखबार ने सोमवार को बताया कि विश्वविद्यालय ने उस पोस्ट को हटा दिया और माफी मांगी, जिसमें गलत दावा किया गया था कि उसके सिख छात्रों द्वारा हाल ही में आयोजित लंगर (सामुदायिक भोजन) कार्यक्रम इस्लामी जागरूकता सप्ताह का हिस्सा था। विश्वविद्यालय के सिख सोसाइटी के छात्रों ने इस महीने की शुरुआत में एक कार्यक्रम की मेजबानी की, जिसमें परिसर में मुफ्त शाकाहारी भोजन परोसा गया। लेकिन उन्हें तब निराशा हुई जब एक स्टाफ सदस्य ने उनके कार्यक्रम को डिस्कवर इस्लाम वीक टेक्स्ट के साथ एक पोस्ट में टैग किया, जो विश्वविद्यालय की इस्लामिक सोसाइटी द्वारा चलाया जाने वाला एक वार्षिक जागरूकता अभियान है। सिख प्रेस एसोसिएशन के सदस्य जसवीर सिंह ने अखबार को बताया, यह निराशाजनक है, विश्वविद्यालय में सिख धर्म के पहलुओं को पढ़ाया जाता है, इसमें समुदाय के व्याख्याता होते हैं और नियमित रूप से सिख कार्यक्रमों की मेजबानी करते हैं। सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इस गलती को शर्मनाक बताया, जिससे वे पूरी तरह से भ्रमित हो गए। बर्मिंघम विश्वविद्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा, विश्वविद्यालय इसके कारण हुए किसी भी अपराध या नाराजगी के लिए ईमानदारी से माफी मांगता है। हम मानते हैं कि यह पोस्ट गलत थी। इसकी जानकारी होने पर इसे तुरंत हटा दिया गया। सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय को इस गलती के लिए दो समूहों से व्यापक माफी मांगनी चाहिए। (आईएएनएस)

सोशल मीडिया पोस्ट में सिखों को मुसलमानों के साथ भ्रमित करने के लिए यूके विश्वविद्यालय की आलोचना
लंदन, 20 फरवरी । ब्रिटेन में सिख समुदाय के सदस्यों ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्हें मुसलमानों के साथ भ्रमित करने के लिए बर्मिंघम विश्वविद्यालय की आलोचना की है और कहा है कि ये गलतियां 2024 में नहीं होनी चाहिए। बर्मिंघम मेल अखबार ने सोमवार को बताया कि विश्वविद्यालय ने उस पोस्ट को हटा दिया और माफी मांगी, जिसमें गलत दावा किया गया था कि उसके सिख छात्रों द्वारा हाल ही में आयोजित लंगर (सामुदायिक भोजन) कार्यक्रम इस्लामी जागरूकता सप्ताह का हिस्सा था। विश्वविद्यालय के सिख सोसाइटी के छात्रों ने इस महीने की शुरुआत में एक कार्यक्रम की मेजबानी की, जिसमें परिसर में मुफ्त शाकाहारी भोजन परोसा गया। लेकिन उन्हें तब निराशा हुई जब एक स्टाफ सदस्य ने उनके कार्यक्रम को डिस्कवर इस्लाम वीक टेक्स्ट के साथ एक पोस्ट में टैग किया, जो विश्वविद्यालय की इस्लामिक सोसाइटी द्वारा चलाया जाने वाला एक वार्षिक जागरूकता अभियान है। सिख प्रेस एसोसिएशन के सदस्य जसवीर सिंह ने अखबार को बताया, यह निराशाजनक है, विश्वविद्यालय में सिख धर्म के पहलुओं को पढ़ाया जाता है, इसमें समुदाय के व्याख्याता होते हैं और नियमित रूप से सिख कार्यक्रमों की मेजबानी करते हैं। सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इस गलती को शर्मनाक बताया, जिससे वे पूरी तरह से भ्रमित हो गए। बर्मिंघम विश्वविद्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा, विश्वविद्यालय इसके कारण हुए किसी भी अपराध या नाराजगी के लिए ईमानदारी से माफी मांगता है। हम मानते हैं कि यह पोस्ट गलत थी। इसकी जानकारी होने पर इसे तुरंत हटा दिया गया। सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय को इस गलती के लिए दो समूहों से व्यापक माफी मांगनी चाहिए। (आईएएनएस)