लिवर को रखें स्वस्थ, ट्रांसप्लांट के बढ़ते मामलों को कम करने सचेत रहना आवश्यक-डॉ. जैन

रायपुर, 19 अप्रैल। एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल रायपुर (नारायणा हेल्थ की एक इकाई) ने बताया कि लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। यह शरीर का सबसे बड़ा आंतरिक अंग है, जो हमारे शरीर में पांच सौ से भी अधिक कार्य करता है। स्वस्थ लिवर के बिना जीवन असंभव है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार लिवर की बीमारियाँ भारत में मृत्यु का दसवां सबसे आम कारण हैं। कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डॉ. अभिषेक जैन ने बताया कि जागरूकता के उद्देश्य से एमएमआई नारायणा हॉस्पिटलरायपुर (नारायणा हेल्थ की एक इकाई)में स्वस्थ लिवर के महत्व को समझाने के लिए विश्व लिवर दिवस मनाया गया। नारायणा हॉस्पिटल का प्रयास रहता है कि लोगों को इलाज के साथ-साथ बचाव को लेकर भी जागरूक किया जाए। वहीं लिवर के महत्व की यदि बात की जाए तो यह हमारे शरीर में रक्त से विषाक्त पदार्थों को फि़ल्टर करने और पाचन में सहायता करने के लिए महत्वपूर्ण है। डॉ. जैन ने बताया कि परंतु आजकल स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही, अनुचित खानपान व अन्य कारणों के चलते हेपेटाइटिस, सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी बीमारियाँ बढ़ रही हैं, जो दुनिया भर में लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही हैं। शीघ्र जांच ही आपके लिवर को स्वस्थ रखने की कुंजी है -एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल रायपुरके कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डॉ. अभिषेक जैन ने कहा कि लिवर की बीमारियों को साइलेंट किलर के रूप में भी जाना जाता है। प्रारंभिक अवस्था में कोई मुख्य लक्षण नहीं देखा जाता है। डॉ. जैन ने बताया कि लिवर की समस्याओं के कुछ सबसे आम लक्षण हैं, जैसे-थकान, भूख न लगना, बेचैनी होना, पेट में दर्द या सूजन, पीले रंग का मूत्र और पीला मल आना, त्वचा और आँखों का पीला पडऩा (पीलिया) आदि प्रकार के लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है। लिवर की बीमारियों के आम कारणों में हेपेटाइटिस ए, बी, ई एवं सी है और आज के समय में अत्याधिक शराब सेवन तथा नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज प्रमुख कारण बनते जा रहे है। डॉ. जैन ने बताया कि साथ ही, डॉ. अभिषेक जैन ने बताया की आपके लिवर की सुरक्षा के लिए कुछ आदतों पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। जैसे- स्वस्थ वजन बनाए रखें, संतुलित आहार अपनाएं, शराब का सेवन ना करें, टीका लगवाएं, टीकाकरण के माध्यम से हेपेटाइटिस ए और बी से खुद को बचाएं और अपने चिकित्सक से परामर्श के बिना अनावश्यक दवाएं लेने से बचें। हमारा प्रयास रहता है कि लोगों को समय रहते उचित परामर्श मिल सके, जिससे एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके।

लिवर को रखें स्वस्थ, ट्रांसप्लांट के बढ़ते मामलों को कम करने सचेत रहना आवश्यक-डॉ. जैन
रायपुर, 19 अप्रैल। एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल रायपुर (नारायणा हेल्थ की एक इकाई) ने बताया कि लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। यह शरीर का सबसे बड़ा आंतरिक अंग है, जो हमारे शरीर में पांच सौ से भी अधिक कार्य करता है। स्वस्थ लिवर के बिना जीवन असंभव है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार लिवर की बीमारियाँ भारत में मृत्यु का दसवां सबसे आम कारण हैं। कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डॉ. अभिषेक जैन ने बताया कि जागरूकता के उद्देश्य से एमएमआई नारायणा हॉस्पिटलरायपुर (नारायणा हेल्थ की एक इकाई)में स्वस्थ लिवर के महत्व को समझाने के लिए विश्व लिवर दिवस मनाया गया। नारायणा हॉस्पिटल का प्रयास रहता है कि लोगों को इलाज के साथ-साथ बचाव को लेकर भी जागरूक किया जाए। वहीं लिवर के महत्व की यदि बात की जाए तो यह हमारे शरीर में रक्त से विषाक्त पदार्थों को फि़ल्टर करने और पाचन में सहायता करने के लिए महत्वपूर्ण है। डॉ. जैन ने बताया कि परंतु आजकल स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही, अनुचित खानपान व अन्य कारणों के चलते हेपेटाइटिस, सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी बीमारियाँ बढ़ रही हैं, जो दुनिया भर में लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही हैं। शीघ्र जांच ही आपके लिवर को स्वस्थ रखने की कुंजी है -एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल रायपुरके कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डॉ. अभिषेक जैन ने कहा कि लिवर की बीमारियों को साइलेंट किलर के रूप में भी जाना जाता है। प्रारंभिक अवस्था में कोई मुख्य लक्षण नहीं देखा जाता है। डॉ. जैन ने बताया कि लिवर की समस्याओं के कुछ सबसे आम लक्षण हैं, जैसे-थकान, भूख न लगना, बेचैनी होना, पेट में दर्द या सूजन, पीले रंग का मूत्र और पीला मल आना, त्वचा और आँखों का पीला पडऩा (पीलिया) आदि प्रकार के लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है। लिवर की बीमारियों के आम कारणों में हेपेटाइटिस ए, बी, ई एवं सी है और आज के समय में अत्याधिक शराब सेवन तथा नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज प्रमुख कारण बनते जा रहे है। डॉ. जैन ने बताया कि साथ ही, डॉ. अभिषेक जैन ने बताया की आपके लिवर की सुरक्षा के लिए कुछ आदतों पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। जैसे- स्वस्थ वजन बनाए रखें, संतुलित आहार अपनाएं, शराब का सेवन ना करें, टीका लगवाएं, टीकाकरण के माध्यम से हेपेटाइटिस ए और बी से खुद को बचाएं और अपने चिकित्सक से परामर्श के बिना अनावश्यक दवाएं लेने से बचें। हमारा प्रयास रहता है कि लोगों को समय रहते उचित परामर्श मिल सके, जिससे एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके।