मैहर को बनाया अलग वन मंडल:608 वर्ग किमी वन क्षेत्र और व्हाइट टाइगर सफारी का प्रशासनिक नियंत्रण मिला
मैहर को बनाया अलग वन मंडल:608 वर्ग किमी वन क्षेत्र और व्हाइट टाइगर सफारी का प्रशासनिक नियंत्रण मिला
मैहर को वन मंत्रालय ने 7 मार्च को अलग वन मंडल घोषित कर दिया है। सतना वनमंडल के पुनर्गठन के बाद मैहर को 608.48 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र मिला है। इस वन मंडल को मुकुंदपुर स्थित महाराजा मार्तण्ड सिंह व्हाइट टाइगर सफारी एवं चिड़ियाघर का प्रशासकीय नियंत्रण भी दिया गया है। नए वन मंडल में मैहर, अमरपाटन और मुकुंदपुर रेंज शामिल हैं। मैहर रेंज में अमदरा, भदनपुर और मैहर उप रेंज हैं। अमरपाटन रेंज में गोरसरी और अमरपाटन उप रेंज हैं। मुकुंदपुर रेंज में जिगना और रामगढ़ उप रेंज शामिल किए गए हैं। तीनों रेंज में कुल 48 बीट हैं। 5 सितंबर 2023 को गठित मैहर जिले का कुल क्षेत्रफल 2,722.79 वर्ग किलोमीटर है। इसमें 22.34 प्रतिशत भाग वन क्षेत्र है। पुनर्गठन के बाद सतना वनमंडल का क्षेत्रफल 1,658.34 वर्ग किलोमीटर रह गया है। सतना में अब दो उप वनमंडल और सात रेंज हैं। मैहर वनमंडल के कार्यालय और आवास निर्माण पर 6.15 करोड़ रुपए खर्च होंगे। नए वनमंडल के लिए 185 पदों की आवश्यकता है। इनमें से 160 पद सतना वनमंडल से स्थानांतरित होंगे और 24 नए पद स्वीकृत किए जाएंगे। इन पदों पर सालाना वेतन-भत्तों का खर्च 97.30 लाख रुपए होगा।
मैहर को वन मंत्रालय ने 7 मार्च को अलग वन मंडल घोषित कर दिया है। सतना वनमंडल के पुनर्गठन के बाद मैहर को 608.48 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र मिला है। इस वन मंडल को मुकुंदपुर स्थित महाराजा मार्तण्ड सिंह व्हाइट टाइगर सफारी एवं चिड़ियाघर का प्रशासकीय नियंत्रण भी दिया गया है। नए वन मंडल में मैहर, अमरपाटन और मुकुंदपुर रेंज शामिल हैं। मैहर रेंज में अमदरा, भदनपुर और मैहर उप रेंज हैं। अमरपाटन रेंज में गोरसरी और अमरपाटन उप रेंज हैं। मुकुंदपुर रेंज में जिगना और रामगढ़ उप रेंज शामिल किए गए हैं। तीनों रेंज में कुल 48 बीट हैं। 5 सितंबर 2023 को गठित मैहर जिले का कुल क्षेत्रफल 2,722.79 वर्ग किलोमीटर है। इसमें 22.34 प्रतिशत भाग वन क्षेत्र है। पुनर्गठन के बाद सतना वनमंडल का क्षेत्रफल 1,658.34 वर्ग किलोमीटर रह गया है। सतना में अब दो उप वनमंडल और सात रेंज हैं। मैहर वनमंडल के कार्यालय और आवास निर्माण पर 6.15 करोड़ रुपए खर्च होंगे। नए वनमंडल के लिए 185 पदों की आवश्यकता है। इनमें से 160 पद सतना वनमंडल से स्थानांतरित होंगे और 24 नए पद स्वीकृत किए जाएंगे। इन पदों पर सालाना वेतन-भत्तों का खर्च 97.30 लाख रुपए होगा।