मंडला में महान चित्रकार हैदर रजा को श्रद्धांजलि:103वीं जयंती पर कब्र पर चादर चढ़ाई, चार दिवसीय कला उत्सव शुरू
मंडला में महान चित्रकार हैदर रजा को श्रद्धांजलि:103वीं जयंती पर कब्र पर चादर चढ़ाई, चार दिवसीय कला उत्सव शुरू
पद्म विभूषण से सम्मानित विश्व प्रसिद्ध चित्रकार सैयद हैदर रजा की 103वीं जयंती पर विशेष आयोजन किया गया। स्थानीय कब्रिस्तान में उनकी और उनके पिता की कब्र पर चादर चढ़ाकर रजा उत्सव की शुरुआत हुई। रजा फाउंडेशन के कलाकारों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की। कला प्रेमी और समाजसेवी जयदत्त झा ने कहा कि रजा साहब महान कलाकार होने के साथ उत्कृष्ट व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने 60 वर्षों तक विदेश में रहने के बावजूद मंडला की माटी से रिश्ता नहीं तोड़ा। वरिष्ठ चित्रकार अखिलेश ने बताया कि रजा साहब के पेरिस स्थित स्टूडियो में भी मंडला की माटी रखी रहती थी। वह मिलने आए लोगों को गर्व से यह माटी दिखाते थे। उनके निधन के बाद से जन्म दिवस और पुण्यतिथि पर कला कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। रजा उत्सव 2025 के तहत 22 से 25 फरवरी तक रजा कला वीथिका में विशेष कार्यक्रम होंगे। सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक चित्रकला कार्यशाला और 'माटी के रंग' कार्यक्रम चलेगा। शनिवार की शाम को शहनाई, तबला, बांसुरी और वायलिन की जुगलबंदी का विशेष आयोजन होगा। रजा फाउंडेशन लगातार मंडला में कला के क्षेत्र में काम कर रहा है। इसका सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है। मंडला के कलाकारों को अब राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। दिल्ली में भी उनकी कला प्रदर्शनियां लग रही हैं, जिनकी कला जगत में सराहना हो रही है।
पद्म विभूषण से सम्मानित विश्व प्रसिद्ध चित्रकार सैयद हैदर रजा की 103वीं जयंती पर विशेष आयोजन किया गया। स्थानीय कब्रिस्तान में उनकी और उनके पिता की कब्र पर चादर चढ़ाकर रजा उत्सव की शुरुआत हुई। रजा फाउंडेशन के कलाकारों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की। कला प्रेमी और समाजसेवी जयदत्त झा ने कहा कि रजा साहब महान कलाकार होने के साथ उत्कृष्ट व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने 60 वर्षों तक विदेश में रहने के बावजूद मंडला की माटी से रिश्ता नहीं तोड़ा। वरिष्ठ चित्रकार अखिलेश ने बताया कि रजा साहब के पेरिस स्थित स्टूडियो में भी मंडला की माटी रखी रहती थी। वह मिलने आए लोगों को गर्व से यह माटी दिखाते थे। उनके निधन के बाद से जन्म दिवस और पुण्यतिथि पर कला कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। रजा उत्सव 2025 के तहत 22 से 25 फरवरी तक रजा कला वीथिका में विशेष कार्यक्रम होंगे। सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक चित्रकला कार्यशाला और 'माटी के रंग' कार्यक्रम चलेगा। शनिवार की शाम को शहनाई, तबला, बांसुरी और वायलिन की जुगलबंदी का विशेष आयोजन होगा। रजा फाउंडेशन लगातार मंडला में कला के क्षेत्र में काम कर रहा है। इसका सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है। मंडला के कलाकारों को अब राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। दिल्ली में भी उनकी कला प्रदर्शनियां लग रही हैं, जिनकी कला जगत में सराहना हो रही है।