भारत बंद को कारोबारियों का समर्थन, बंद रखी दुकानें

छत्तीसगढ़ संवाददाता भोपालपटनम, 21 अगस्त।अनुसूचित जाति व जनजाति के आरक्षण में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बुधवार को बुलाए गए भारत बंद का असर राज्य के अंतिम छोर भोपालपटनम में भी देखने को मिला। प्रदर्शनकारियों नें नेशनल हाइवे पर बाइक का घेरा लगाकर रोड जाम कर दिया है। आने-जाने वाली गाडिय़ों को रोककर बंद का समर्थन देने की अपील की गई है। छत्तीसगढ़ का अंतिम छोर व बार्डर इलाका होने कि वज़ह से नेशनल हाइवे में भारी वाहनों की आवाजाही लगातार रहती है। बंद के चलते कई गाडिय़ां बार्डर पर आकर रुक गई थी। आदिवासी समाज ने अपने भवन के सामने मोटरसाईकिल व लकडिय़ा डालकर जाम कर दिया व फारेस्ट नाके के पास रोड पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को वापस लेने प्रदर्शनकारी नारे लगाते रहे व संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर की जय जयकार करते रहे। फारेस्ट नाके से विशाल रैली के माध्यम से एसडीएम कार्यलय पहुंचकर डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। इस भारत बंद में बड़ी संख्या में एसटी-एससी वर्ग के लोग शामिल हुए व बड़ी संख्या में महिलाएं रैली में शामिल होकर अपने हक की आवाज़ बुलंद की। भारत बंद में जरूरी सेवाओं को छोडक़र बाकि दुकानें बंद रही। बुधवार को भारत बंद पर व्यापारियों का भरपूर समर्थन मिला। सुबह से शाम तक दुकानें बंद रही। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज बंद को सफल व समर्थन करने आदिवासी समाज ने व्यापारियों से एक दिन अपनी दुकाने बंद रखने आवेदन देकर समर्थन मांगा था। व्यापारी संघ ने अपना समर्थन देते हुए अपनी प्रतिष्ठानें बंद रखी। चाय - पान ठेके तक के छोटे व्यापारियों ने भी इस बंद का पूरा समर्थन किया है। बंद के दिन कोई अनहोनी न हो, इसके लिए पूरे इलाके, हर चौक चौराहे पर पुलिस जवान ड्यूटी करते रहे।

भारत बंद को कारोबारियों का समर्थन, बंद रखी दुकानें
छत्तीसगढ़ संवाददाता भोपालपटनम, 21 अगस्त।अनुसूचित जाति व जनजाति के आरक्षण में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बुधवार को बुलाए गए भारत बंद का असर राज्य के अंतिम छोर भोपालपटनम में भी देखने को मिला। प्रदर्शनकारियों नें नेशनल हाइवे पर बाइक का घेरा लगाकर रोड जाम कर दिया है। आने-जाने वाली गाडिय़ों को रोककर बंद का समर्थन देने की अपील की गई है। छत्तीसगढ़ का अंतिम छोर व बार्डर इलाका होने कि वज़ह से नेशनल हाइवे में भारी वाहनों की आवाजाही लगातार रहती है। बंद के चलते कई गाडिय़ां बार्डर पर आकर रुक गई थी। आदिवासी समाज ने अपने भवन के सामने मोटरसाईकिल व लकडिय़ा डालकर जाम कर दिया व फारेस्ट नाके के पास रोड पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को वापस लेने प्रदर्शनकारी नारे लगाते रहे व संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर की जय जयकार करते रहे। फारेस्ट नाके से विशाल रैली के माध्यम से एसडीएम कार्यलय पहुंचकर डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। इस भारत बंद में बड़ी संख्या में एसटी-एससी वर्ग के लोग शामिल हुए व बड़ी संख्या में महिलाएं रैली में शामिल होकर अपने हक की आवाज़ बुलंद की। भारत बंद में जरूरी सेवाओं को छोडक़र बाकि दुकानें बंद रही। बुधवार को भारत बंद पर व्यापारियों का भरपूर समर्थन मिला। सुबह से शाम तक दुकानें बंद रही। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज बंद को सफल व समर्थन करने आदिवासी समाज ने व्यापारियों से एक दिन अपनी दुकाने बंद रखने आवेदन देकर समर्थन मांगा था। व्यापारी संघ ने अपना समर्थन देते हुए अपनी प्रतिष्ठानें बंद रखी। चाय - पान ठेके तक के छोटे व्यापारियों ने भी इस बंद का पूरा समर्थन किया है। बंद के दिन कोई अनहोनी न हो, इसके लिए पूरे इलाके, हर चौक चौराहे पर पुलिस जवान ड्यूटी करते रहे।