बलौदाबाज़ार के 46 आदिवासी बहुल ग्राम पंचायतों में बनेंंगे आदि सेवा केंद्र
बलौदाबाज़ार के 46 आदिवासी बहुल ग्राम पंचायतों में बनेंंगे आदि सेवा केंद्र
छत्तीसगढ़ संवाददाता
बलौदाबाज़ार, 21 अगस्त। जनजातीय अंचलों में सेवा, समर्पण और सुशासन की भावना के साथ शासकीय योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जनजातीय कार्य मंत्रालय के द्वारा पिछड़े और जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के कार्य को नई दिशा देने हेतु एक नई पहल की गई है, जिसे आदि कर्मयोगी अभियान नाम दिया गया है। आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टरों की बैठक लेकर अभियान की तैयारियों की समीक्षा की।
बोरा ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण अभियान है जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के दिन हो रही है। छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल राज्य है और प्रदेश सरकार आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है । श्री बोरा ने कहा कि इस अभियान की थीम है सेवा, संकल्प एवं समर्पण और विकसित भारत मिशन 2047 की तर्ज पर जनजातीय ग्राम विजऩ 2030 तैयार करना है। बैठक में ट्राईफ़ेड के प्रबंध निदेशक श्री हृदेश कुमार भी शामिल हुए ।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी विकास के लिए बहुत अच्छा कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को छत्तीसगढ़ से बहुत उम्मीदें हैं। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में सभी कलेक्टरों द्वारा इस महत्वपूर्ण अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे।
कलेक्टर दीपक सोनी ने बैठक में अभियान के तहत जिला स्तर पर हो रहे कार्यों की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत आयोजित राज्यस्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले से 7 मास्टर ट्रेनर्स ने प्रशिक्षण प्राप्त कर डिस्ट्रिक्ट मास्टर ट्रेनर का अवॉर्ड प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि जिले के 46 आदिवासी बहुल ग्राम पंचायतों में आदि सेवा केंद्र बनाये जाएंगे और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन हेतु युवाओं को आदि साथी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति एवं जनजातीय बाहुल्य ग्रामों के समुचित विकास हेतु प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महा अभियान ( पीएम जनमन) एवं धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान का संचालन किया जा रहा है । धरती आबा योजना अंतर्गत जिले के 46 विशेष पिछड़ी जनजाति के ग्रामों के लिए 9 अलग अलग मंत्रालयों के 11 प्रकार के कार्यों से संतृप्ति का कार्य किया जा रहा है जिसमें जिले में निवासरत आदिम जाति वर्ग के अंतिम व्यक्ति को व्यक्तिगत मूलक में आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, बैंक खाता, जाति प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों को बनाया जा रहा है। साथ ही सामुदायिक उत्थान हेतु प्रधानमंत्री आवास, स्वच्छ पेयजल, बिजली, रोड इत्यादि के कार्य भी कराए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत अब बेहतर विकास कार्य के तीन स्तर पर कार्य किया जाएगा जिसमें पहला है आदि कर्मयोगी तैयार करना जिसमें प्रशासनिक अमले से राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय एवं ब्लॉक स्तरीय मास्टर तैयार किए जाएंगे। दूसरे क्रम में ब्लॉक मास्टर ट्रेनर के द्वारा आदि सहयोगियों की टीम बनाई जाएगी, आदि सहयोगी वह टीम होगी, जो ग्राम स्तर पर कार्य करेंगे जिसमें शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, चिकित्सक, युवा नेता, सामाजिक मुखिया जैसे व्यक्ति ग्राम के विकास की रूपरेखा व्यक्तिगत मूलक, पारिवारिक मूलक एवं सामुदायिक मूलक के अनुसार तैयार करेंगे। तीसरे क्रम पर होंगे आदि साथी, यह वे व्यक्ति होंगे जिन्हें योजनाओं का लाभ दिया जाना है।
माह सितंबर में मंत्रालय से निर्देश प्राप्त होने पश्चात विकासखंड स्तर के आदि कर्मयोगी तैयार करने हेतु जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा।
इन मास्टर ट्रेनर के द्वारा बताया गया कि पहले सभी अपने अपने विभाग का कार्य ही किया करते थे एवं अन्य विभागों से सहभागिता नहीं हो पाती थी, किंतु अब सभी विभाग एक मु_ी की तरह कार्य करते हुए पिछड़े बहुल और जनजातीय क्षेत्र के अंतिम छोर तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
बलौदाबाज़ार, 21 अगस्त। जनजातीय अंचलों में सेवा, समर्पण और सुशासन की भावना के साथ शासकीय योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जनजातीय कार्य मंत्रालय के द्वारा पिछड़े और जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के कार्य को नई दिशा देने हेतु एक नई पहल की गई है, जिसे आदि कर्मयोगी अभियान नाम दिया गया है। आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टरों की बैठक लेकर अभियान की तैयारियों की समीक्षा की।
बोरा ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण अभियान है जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के दिन हो रही है। छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल राज्य है और प्रदेश सरकार आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है । श्री बोरा ने कहा कि इस अभियान की थीम है सेवा, संकल्प एवं समर्पण और विकसित भारत मिशन 2047 की तर्ज पर जनजातीय ग्राम विजऩ 2030 तैयार करना है। बैठक में ट्राईफ़ेड के प्रबंध निदेशक श्री हृदेश कुमार भी शामिल हुए ।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी विकास के लिए बहुत अच्छा कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को छत्तीसगढ़ से बहुत उम्मीदें हैं। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में सभी कलेक्टरों द्वारा इस महत्वपूर्ण अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे।
कलेक्टर दीपक सोनी ने बैठक में अभियान के तहत जिला स्तर पर हो रहे कार्यों की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत आयोजित राज्यस्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले से 7 मास्टर ट्रेनर्स ने प्रशिक्षण प्राप्त कर डिस्ट्रिक्ट मास्टर ट्रेनर का अवॉर्ड प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि जिले के 46 आदिवासी बहुल ग्राम पंचायतों में आदि सेवा केंद्र बनाये जाएंगे और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन हेतु युवाओं को आदि साथी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति एवं जनजातीय बाहुल्य ग्रामों के समुचित विकास हेतु प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महा अभियान ( पीएम जनमन) एवं धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान का संचालन किया जा रहा है । धरती आबा योजना अंतर्गत जिले के 46 विशेष पिछड़ी जनजाति के ग्रामों के लिए 9 अलग अलग मंत्रालयों के 11 प्रकार के कार्यों से संतृप्ति का कार्य किया जा रहा है जिसमें जिले में निवासरत आदिम जाति वर्ग के अंतिम व्यक्ति को व्यक्तिगत मूलक में आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, बैंक खाता, जाति प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों को बनाया जा रहा है। साथ ही सामुदायिक उत्थान हेतु प्रधानमंत्री आवास, स्वच्छ पेयजल, बिजली, रोड इत्यादि के कार्य भी कराए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत अब बेहतर विकास कार्य के तीन स्तर पर कार्य किया जाएगा जिसमें पहला है आदि कर्मयोगी तैयार करना जिसमें प्रशासनिक अमले से राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय एवं ब्लॉक स्तरीय मास्टर तैयार किए जाएंगे। दूसरे क्रम में ब्लॉक मास्टर ट्रेनर के द्वारा आदि सहयोगियों की टीम बनाई जाएगी, आदि सहयोगी वह टीम होगी, जो ग्राम स्तर पर कार्य करेंगे जिसमें शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, चिकित्सक, युवा नेता, सामाजिक मुखिया जैसे व्यक्ति ग्राम के विकास की रूपरेखा व्यक्तिगत मूलक, पारिवारिक मूलक एवं सामुदायिक मूलक के अनुसार तैयार करेंगे। तीसरे क्रम पर होंगे आदि साथी, यह वे व्यक्ति होंगे जिन्हें योजनाओं का लाभ दिया जाना है।
माह सितंबर में मंत्रालय से निर्देश प्राप्त होने पश्चात विकासखंड स्तर के आदि कर्मयोगी तैयार करने हेतु जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा।
इन मास्टर ट्रेनर के द्वारा बताया गया कि पहले सभी अपने अपने विभाग का कार्य ही किया करते थे एवं अन्य विभागों से सहभागिता नहीं हो पाती थी, किंतु अब सभी विभाग एक मु_ी की तरह कार्य करते हुए पिछड़े बहुल और जनजातीय क्षेत्र के अंतिम छोर तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा।