प्रहलाद जैसा संकट किसी दूसरे पुरूष के जीवन में नहीं-अभिराम दास

छत्तीसगढ़ संवाददाता रायपुर, 16 जून। मथुरा वृन्दावन पीठ के स्वामी अभिराम दास देवाचार्य की भागवत कथा रविवार को कलश यात्रा के साथ शुरू हुई। पहले दिन स्वामी जी ने विधि पूजन कर करके कथा करने,सुनने की विधि, वक्ता और श्रोता के लक्षण, कथा के दौरान ग्रहण किए जाने वाले सात्विक अन्न का भी विवरण दिया। श्री वेदाचार्य ने भागवत महात्मय में धुंधकारी की कथा सुनाई। इसमें प्रेत के मोक्ष को बताया। उन्होंने प्रहलाद दैत्यकुल में भी पैदा होकर उन्होंने भगवत प्राप्ति की जितना संकट और दुविधा उनके जीवन में आई, उतना किसी अन्य पुरूष के जीवन में नहीं। इसके बाद भी प्रहलाद के मन में भगवान के प्रति कोई शिकायत नहीं रही। आज दूसरे दिन उन्होंने परीक्षित संवाद, श्रृष्टिक्रम, कपिल व्याख्यान दिया।यह आयोजन शीतला माता मंदिर नहरपारा कांपा मोवा में 23 जून तक चलेगा। 24 को दोपहर भंडारा है। कल17 जून को सती चरित्र, ध्रुव चरित्र, जडभरत, 18 जून वृत्रासूर, प्रहलाद चरित्र, गजेन्द्र मोक्ष, 19 जून श्रीराम कथा, श्री कृष्ण जन्मोत्सव, 20 जून गोवर्धन लीला, महारास उद्धव गोपी संवाद, 21 जून रूकमणी विवाह, राजसूय यज्ञ, सुदामी चरित्र, 22 जून श्रीमद् भागवत सार, परीक्षित मोक्ष, 23 जून गीता पाठ, तुलसी वर्षा, हवन, पूर्णाहुति, सहस्त्र धारा और शोभायात्रा के साथ समापन होगा।

प्रहलाद जैसा संकट किसी दूसरे पुरूष के जीवन में नहीं-अभिराम दास
छत्तीसगढ़ संवाददाता रायपुर, 16 जून। मथुरा वृन्दावन पीठ के स्वामी अभिराम दास देवाचार्य की भागवत कथा रविवार को कलश यात्रा के साथ शुरू हुई। पहले दिन स्वामी जी ने विधि पूजन कर करके कथा करने,सुनने की विधि, वक्ता और श्रोता के लक्षण, कथा के दौरान ग्रहण किए जाने वाले सात्विक अन्न का भी विवरण दिया। श्री वेदाचार्य ने भागवत महात्मय में धुंधकारी की कथा सुनाई। इसमें प्रेत के मोक्ष को बताया। उन्होंने प्रहलाद दैत्यकुल में भी पैदा होकर उन्होंने भगवत प्राप्ति की जितना संकट और दुविधा उनके जीवन में आई, उतना किसी अन्य पुरूष के जीवन में नहीं। इसके बाद भी प्रहलाद के मन में भगवान के प्रति कोई शिकायत नहीं रही। आज दूसरे दिन उन्होंने परीक्षित संवाद, श्रृष्टिक्रम, कपिल व्याख्यान दिया।यह आयोजन शीतला माता मंदिर नहरपारा कांपा मोवा में 23 जून तक चलेगा। 24 को दोपहर भंडारा है। कल17 जून को सती चरित्र, ध्रुव चरित्र, जडभरत, 18 जून वृत्रासूर, प्रहलाद चरित्र, गजेन्द्र मोक्ष, 19 जून श्रीराम कथा, श्री कृष्ण जन्मोत्सव, 20 जून गोवर्धन लीला, महारास उद्धव गोपी संवाद, 21 जून रूकमणी विवाह, राजसूय यज्ञ, सुदामी चरित्र, 22 जून श्रीमद् भागवत सार, परीक्षित मोक्ष, 23 जून गीता पाठ, तुलसी वर्षा, हवन, पूर्णाहुति, सहस्त्र धारा और शोभायात्रा के साथ समापन होगा।