धमतरी-केरेगांव रेंज सीमा पर घूम रहे 3 दंतैल

धान फसलें रौंदी, 25 गांव में अलर्ट छत्तीसगढ़ संवाददाता धमतरी, 1 सितंबर। जिले में 4 हाथी 2 अलग-अलग स्थानों पर घूम रहे हैं। एक टस्कर हाथी मगरलोड क्षेत्र में है, जबकि 3 दंतैल केरेगांव-धमतरी रेंज सीमा में हैं। चारों हाथी खेतों में धान की फसल रौंद रहे हैं। हाथियों की चिंघाड़ से किसानों के साथ ग्रामीणों में दहशत में है। वन विभाग ने 25 से अधिक गांव में अलर्ट जारी कर ग्रामीणों को अलर्ट रहने कहा है। हाथियों के दल ने आज जोगीडीह और भालु चुवा के खेत में उत्पात मचाया। एमई 3 कक्ष 58 में है। उत्तर सिंगपुर के बोदलबाहरा, सरगी, केंवराडीह, राजपुर, जामली, मोहंदी, पाहंदा, धनबुड़ा, देवगांव, झाझरकेरा, बोरसी, सोनेवारा में अलर्ट जारी किया है। वहीं 3 दंतैल हाथी केरेगांव, धमतरी रेंज सीमा में हैं। वन विभाग ने जोगीडीह, कुर्रीडीह, बागोडार, पीपरछेड़ी, बासीखाई, सिरौदकला, भंवरमरा, साल्हेभाट, भालुचुवा में अलर्ट जारी किया है। वन्य प्राणियों के लिए अनुकूल हैं अभयारण्य जिले में पानी के लिए 4 बड़े बांध और पर्याप्त भोजन भी हैं। इस कारण 15 साल पहले टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला। अगले कुछ सालों में धमतरी के जंगल हाथियों का नया ठिकाना बन सकता है। 5 साल पहले जिले में राम-बलराम 2 हाथी आए थे। इसके बाद से जिले में हाथियों का लगातार आना-जाना चल रहा है। किसी भी हाथी में रेडिया कॉलर आईडी नहीं है। ऐसे में हाथियों की निगरानी मल-मूत्र, चिंघाड़ और पैर के पंजों से हो रही है। करीब 8 रेंज के अफसर-कर्मचारी इन हाथियों की निगरानी कर रहे हैं।

धमतरी-केरेगांव रेंज सीमा पर घूम रहे 3 दंतैल
धान फसलें रौंदी, 25 गांव में अलर्ट छत्तीसगढ़ संवाददाता धमतरी, 1 सितंबर। जिले में 4 हाथी 2 अलग-अलग स्थानों पर घूम रहे हैं। एक टस्कर हाथी मगरलोड क्षेत्र में है, जबकि 3 दंतैल केरेगांव-धमतरी रेंज सीमा में हैं। चारों हाथी खेतों में धान की फसल रौंद रहे हैं। हाथियों की चिंघाड़ से किसानों के साथ ग्रामीणों में दहशत में है। वन विभाग ने 25 से अधिक गांव में अलर्ट जारी कर ग्रामीणों को अलर्ट रहने कहा है। हाथियों के दल ने आज जोगीडीह और भालु चुवा के खेत में उत्पात मचाया। एमई 3 कक्ष 58 में है। उत्तर सिंगपुर के बोदलबाहरा, सरगी, केंवराडीह, राजपुर, जामली, मोहंदी, पाहंदा, धनबुड़ा, देवगांव, झाझरकेरा, बोरसी, सोनेवारा में अलर्ट जारी किया है। वहीं 3 दंतैल हाथी केरेगांव, धमतरी रेंज सीमा में हैं। वन विभाग ने जोगीडीह, कुर्रीडीह, बागोडार, पीपरछेड़ी, बासीखाई, सिरौदकला, भंवरमरा, साल्हेभाट, भालुचुवा में अलर्ट जारी किया है। वन्य प्राणियों के लिए अनुकूल हैं अभयारण्य जिले में पानी के लिए 4 बड़े बांध और पर्याप्त भोजन भी हैं। इस कारण 15 साल पहले टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला। अगले कुछ सालों में धमतरी के जंगल हाथियों का नया ठिकाना बन सकता है। 5 साल पहले जिले में राम-बलराम 2 हाथी आए थे। इसके बाद से जिले में हाथियों का लगातार आना-जाना चल रहा है। किसी भी हाथी में रेडिया कॉलर आईडी नहीं है। ऐसे में हाथियों की निगरानी मल-मूत्र, चिंघाड़ और पैर के पंजों से हो रही है। करीब 8 रेंज के अफसर-कर्मचारी इन हाथियों की निगरानी कर रहे हैं।