जंगल में हुई बारिश से उफान पर नदी-नाले:ककरधा-पातालगढ़ रोड पर बने 3 रपटे पानी से डूबे, जोखिम उठाकर रपटे पार कर रहे लोग

श्योपुर में मंगलवार रात भर से हो रही रिमझिम और झमाझम बारिश के चलते नदी-नालों का जलस्तर एक बार फिर से बढ़ गया है। विजयपुर क्षेत्र की क्वांरी नदी भी उफान पर पहुंच गई और जंगल के तमाम नदी-नालों का जलस्तर भी बढ़ गया है। इन हालातों में पातालगढ़, झरेर सहित अन्य आदिवासी बस्तियों को ककरधा और श्योपुर से जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर बने रपटे पानी से डूब गए हैं। इससे एंबूलेंस सहित अन्य वाहन इन गांवों तक नहीं पहुंच रहे है, लोग जान का जोखिम उठाकर उफनते हुए नालों पर बने रपटों को पार कर रहे है। बता दें कि, पातालगढ़ को ककरधा और श्योपुर-शिवपुरी मुख्य मार्ग से जोड़ने बाले मुख्य मार्ग पर बनाए गए रपटे बेहद कम ऊंचाई के बनाए गए थे, इस वजह से नालों का जलस्तर जरा सा भी बढ़ जाता है तो रपटे पानी से डूब जाते हैं, मौजूदा हालातों में भी इसी तरह के हालात बने हुए है, इसे लेकर लोगों की परेशानियां बढ़ी हुई है।

जंगल में हुई बारिश से उफान पर नदी-नाले:ककरधा-पातालगढ़ रोड पर बने 3 रपटे पानी से डूबे, जोखिम उठाकर रपटे पार कर रहे लोग
श्योपुर में मंगलवार रात भर से हो रही रिमझिम और झमाझम बारिश के चलते नदी-नालों का जलस्तर एक बार फिर से बढ़ गया है। विजयपुर क्षेत्र की क्वांरी नदी भी उफान पर पहुंच गई और जंगल के तमाम नदी-नालों का जलस्तर भी बढ़ गया है। इन हालातों में पातालगढ़, झरेर सहित अन्य आदिवासी बस्तियों को ककरधा और श्योपुर से जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर बने रपटे पानी से डूब गए हैं। इससे एंबूलेंस सहित अन्य वाहन इन गांवों तक नहीं पहुंच रहे है, लोग जान का जोखिम उठाकर उफनते हुए नालों पर बने रपटों को पार कर रहे है। बता दें कि, पातालगढ़ को ककरधा और श्योपुर-शिवपुरी मुख्य मार्ग से जोड़ने बाले मुख्य मार्ग पर बनाए गए रपटे बेहद कम ऊंचाई के बनाए गए थे, इस वजह से नालों का जलस्तर जरा सा भी बढ़ जाता है तो रपटे पानी से डूब जाते हैं, मौजूदा हालातों में भी इसी तरह के हालात बने हुए है, इसे लेकर लोगों की परेशानियां बढ़ी हुई है।