खरगोन के सिद्धनाथ मंदिर में गुरुपूर्णिमा पर हुई प्राण प्रतिष्ठा:नर्मदा के पत्थरों से बने द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थापित; श्रावण मास में भक्त करेंगे दर्शन
खरगोन के सिद्धनाथ मंदिर में गुरुपूर्णिमा पर हुई प्राण प्रतिष्ठा:नर्मदा के पत्थरों से बने द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थापित; श्रावण मास में भक्त करेंगे दर्शन
खरगोन के भावसार मोहल्ले में स्थित श्री सिद्धनाथ महादेव मंदिर में मां नर्मदा के पत्थरों से निर्मित द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थापित किए गए हैं। ये मंदिर 400 साल पुराना है। गुरुपूर्णिमा के शुभ अवसर पर इन ज्योतिर्लिंगों की प्राण प्रतिष्ठा की गई। आचार्य पंडित राजेंद्र पगारे के मार्गदर्शन में मंदिर समिति के सदस्यों ने पूजन-अर्चन किया। कार्यक्रम में धर्मेंद्र भावसार, हरीश गोस्वामी सहित मंदिर समिति के पदाधिकारी और समाज के लोग उपस्थित रहे। 'नर्मदा का हर कंकर शंकर का रूप है'
मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज भावसार ने बताया कि सभी द्वादश ज्योतिर्लिंग मां नर्मदा से प्राप्त पत्थरों से बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि नर्मदा का हर कंकर शंकर का रूप है। इन ज्योतिर्लिंगों का निर्माण नर्मदा तट पर स्थित बकावां के कुशल कारीगरों ने किया है। श्रावण मास में भक्तगण यहां जलाभिषेक कर इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर सकेंगे।
खरगोन के भावसार मोहल्ले में स्थित श्री सिद्धनाथ महादेव मंदिर में मां नर्मदा के पत्थरों से निर्मित द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थापित किए गए हैं। ये मंदिर 400 साल पुराना है। गुरुपूर्णिमा के शुभ अवसर पर इन ज्योतिर्लिंगों की प्राण प्रतिष्ठा की गई। आचार्य पंडित राजेंद्र पगारे के मार्गदर्शन में मंदिर समिति के सदस्यों ने पूजन-अर्चन किया। कार्यक्रम में धर्मेंद्र भावसार, हरीश गोस्वामी सहित मंदिर समिति के पदाधिकारी और समाज के लोग उपस्थित रहे। 'नर्मदा का हर कंकर शंकर का रूप है'
मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज भावसार ने बताया कि सभी द्वादश ज्योतिर्लिंग मां नर्मदा से प्राप्त पत्थरों से बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि नर्मदा का हर कंकर शंकर का रूप है। इन ज्योतिर्लिंगों का निर्माण नर्मदा तट पर स्थित बकावां के कुशल कारीगरों ने किया है। श्रावण मास में भक्तगण यहां जलाभिषेक कर इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर सकेंगे।