कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल के लिए देश में खुलेगा 17,000 क्रेच

नई दिल्ली  केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पालना योजना के तहत देशभर में 17,000...

नई दिल्ली

 केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पालना योजना के तहत देशभर में 17,000 क्रेच केंद्र खोलेगा। इस योजना के तहत अबतक 5222 क्रेच को मंत्रालय मंजूरी दे चुका है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को कार्यबल में सक्रिय रूप से भाग लेने में सक्षम बनाना है। इससे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं और उनके बच्चों की देखभाल में मदद मिल सकेगी। योजना के तहत मौजूदा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के साथ दो अतिरिक्त क्रेच कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। इस संबंध में गुरुवार को पालना योजना के तहत आंगनवाड़ी-सह-क्रेच पर व्यापक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है।

अबतक 5,222 क्रेच को मंत्रालय से मंजूरी 
केंद्र सरकार की इस योजना से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं और उनके बच्चों की देखभाल में मदद मिल सकेगी। इस योजना के तहत अबतक 5,222 क्रेच को मंत्रालय मंजूरी दे चुका है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को कार्यबल में सक्रिय रूप से भाग लेने में सक्षम बनाना है। योजना के तहत मौजूदा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के साथ दो अतिरिक्त क्रेच कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। इस संबंध में गुरुवार को पालना योजना के तहत आंगनवाड़ी-सह-क्रेच पर व्यापक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है।

आजीविका के साथ बच्चों को सुरक्षित वातावरण देने में होंगी सक्षम

एक कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकासमंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता उस महिला तक पहुंचना है जो अपना घर छोड़कर दूसरे घर में काम करके अपनी आजीविका कमाती है, वह महिला जो खेतिहर मजदूर के रूप में काम करती है, महिला जो श्रमिक के रूप में काम करती है और आर्थिक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर प्रदान करती है, ताकि वह अपनी आजीविका के साथ-साथ अपने बच्चों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में सक्षम हो सके।

 

 शहरी और उप-शहरी क्षेत्रों को चिह्नित करने का निर्देश 
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उन राज्यों को अपना समर्थन देगी जो प्रस्तावित संख्या से अधिक आंगनवाड़ी एवं क्रेच खोलना चाहते हैं। उन्होंने राज्यों को अपने-अपने क्षेत्रों में निर्माण स्थलों का मूलभूत मूल्यांकन करने और शहरी और उप-शहरी क्षेत्रों को चिह्नित करने का निर्देश दिया, जहां संगठित और असंगठित क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी अधिक है, ताकि क्रेच के निर्माण के लिए उपयुक्त स्थलों की पहचान की जा सके।

 

आंगनवाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति की जाएगी
इस मौके पर सचिव इंदीवर पांडे ने कहा कि आंगनवाड़ी-सह-क्रेच (पालना) योजना का उद्देश्य विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था के विकास में भागीदारी कर रही महिलाओं की समस्या को संबोधित करना है, जहां परिवार के सदस्यों से बच्चों की देखभाल के लिए सहायता उपलब्ध नहीं है और योगदान की सुविधा के लिए संस्थागत समर्थन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पालना योजना के तहत मौजूदा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायिकाओं के साथ दो अतिरिक्त क्रेच कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। इस मौके पर राज्यमंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई के साथ कई अधिकारी मौजूद रहे।