ऑक्सीजन लगे मरीज को सडक़ पार कर मुख्य चिकित्सालय भवन ले जाते वीडियो फैला

पूर्व जिपं उपाध्यक्ष ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल की बदहाली पर जताई चिंता छत्तीसगढ़ संवाददाता अंबिकापुर, 22 अगस्त। पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल में व्याप्त बदहाली को लेकर चिंता जताई है। एक मरीज जिसे ऑक्सीजन लगा हुआ है को बड़ी बेबसी से स्ट्रेचर द्वारा सडक़ पार कर मुख्य चिकित्सालय भवन ले जाते परिजनों का वीडियो वायरल हुआ है। इसके वायरल होने के बाद उन्होंने प्रशासन से सवाल किया है कि कांग्रेस शासन काल के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव के प्रयास से दोनों अस्पताल भवनों को आपस में जोडऩे के लिए स्वीकृति ओव्हर ब्रिज का क्या हुआ? उल्लेखनीय है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री के प्रयास से मेडिकल अस्पताल कॉलेज के मुख्य भवन और मातृ शिशु अस्पताल को आपस में जोडऩे के लिए 1 करोड़ 5 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति हुई थी। इसके बन जाने के उपरांत मरीजों के साथ ही अस्पताल के स्टॉफ को भी दोनों भवनों के बीच आने जाने के लिए सडक़ पार नहीं करना पड़ता। लेकिन कार्य की स्वीकृति, बजट उपलब्ध कराने के बावजूद 2 साल में इसका निर्माण नहीं हो पाया है। इस ओवरब्रिज की निर्माण एजेंसी पी डब्ल्यू डी है। पी डब्ल्यू दी के निर्माण एजेंसी घोषित होने के कुछ दिन उपरांत प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया। सत्ता परिवर्तन के उपरांत उचित प्रशासकीय देखरेख के अभाव में यह कार्य आज तक प्रारंभ नहीं हो पाया है, नतीजतन आज मरीजों को उनके परिजन स्ट्रेचर पर सडक़ पार करा रहे हैं। पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने कहा है कि स्ट्रेचर पर मरीज को ले जाने के क्रम में बार बार मरीज के चेहरे से ऑक्सीजन मास्क हट जा रही थी। यह बात परेशान करने वाली है। अस्पताल मरीज को एम्बुलेंस नहीं उपलब्ध करा सका, लेकिन स्ट्रेचर को ले जाने के लिए कम से कम मेडिकल स्टॉफ उपलब्ध करा देना था। उन्होंने मांग की है कि राज्य शासन तत्काल ओवरब्रिज के कार्य को प्रारंभ कराये।उन्होंने अस्पताल के प्रबंधन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले एक-डेढ़ साल में अस्पताल की व्यवस्थाओं में गिरावट की गंभीर शिकायत सामने आयी है। रेडियोलॉजी और सोनोलॉजी विभाग में मरीजों को जांच के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, रीजेंट केमिकल के अभाव में हमार लैब के अक्सर ठप होने की शिकायतें मिल रही हैं, कभी अस्पताल के छत से पानी टपक रहा है तो कभी शॉर्ट सर्किट हो रहा है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल सरगुजा संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है जिस पर इस क्षेत्र की जनता इलाज के लिए आश्रित है। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन के साथ ही प्रशासन को भी यह संदेश दिया है कि जल्द ही व्यवस्थाओं को सुधारें।

ऑक्सीजन लगे मरीज को सडक़ पार कर मुख्य चिकित्सालय भवन ले जाते वीडियो फैला
पूर्व जिपं उपाध्यक्ष ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल की बदहाली पर जताई चिंता छत्तीसगढ़ संवाददाता अंबिकापुर, 22 अगस्त। पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल में व्याप्त बदहाली को लेकर चिंता जताई है। एक मरीज जिसे ऑक्सीजन लगा हुआ है को बड़ी बेबसी से स्ट्रेचर द्वारा सडक़ पार कर मुख्य चिकित्सालय भवन ले जाते परिजनों का वीडियो वायरल हुआ है। इसके वायरल होने के बाद उन्होंने प्रशासन से सवाल किया है कि कांग्रेस शासन काल के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव के प्रयास से दोनों अस्पताल भवनों को आपस में जोडऩे के लिए स्वीकृति ओव्हर ब्रिज का क्या हुआ? उल्लेखनीय है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री के प्रयास से मेडिकल अस्पताल कॉलेज के मुख्य भवन और मातृ शिशु अस्पताल को आपस में जोडऩे के लिए 1 करोड़ 5 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति हुई थी। इसके बन जाने के उपरांत मरीजों के साथ ही अस्पताल के स्टॉफ को भी दोनों भवनों के बीच आने जाने के लिए सडक़ पार नहीं करना पड़ता। लेकिन कार्य की स्वीकृति, बजट उपलब्ध कराने के बावजूद 2 साल में इसका निर्माण नहीं हो पाया है। इस ओवरब्रिज की निर्माण एजेंसी पी डब्ल्यू डी है। पी डब्ल्यू दी के निर्माण एजेंसी घोषित होने के कुछ दिन उपरांत प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया। सत्ता परिवर्तन के उपरांत उचित प्रशासकीय देखरेख के अभाव में यह कार्य आज तक प्रारंभ नहीं हो पाया है, नतीजतन आज मरीजों को उनके परिजन स्ट्रेचर पर सडक़ पार करा रहे हैं। पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने कहा है कि स्ट्रेचर पर मरीज को ले जाने के क्रम में बार बार मरीज के चेहरे से ऑक्सीजन मास्क हट जा रही थी। यह बात परेशान करने वाली है। अस्पताल मरीज को एम्बुलेंस नहीं उपलब्ध करा सका, लेकिन स्ट्रेचर को ले जाने के लिए कम से कम मेडिकल स्टॉफ उपलब्ध करा देना था। उन्होंने मांग की है कि राज्य शासन तत्काल ओवरब्रिज के कार्य को प्रारंभ कराये।उन्होंने अस्पताल के प्रबंधन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले एक-डेढ़ साल में अस्पताल की व्यवस्थाओं में गिरावट की गंभीर शिकायत सामने आयी है। रेडियोलॉजी और सोनोलॉजी विभाग में मरीजों को जांच के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, रीजेंट केमिकल के अभाव में हमार लैब के अक्सर ठप होने की शिकायतें मिल रही हैं, कभी अस्पताल के छत से पानी टपक रहा है तो कभी शॉर्ट सर्किट हो रहा है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल सरगुजा संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है जिस पर इस क्षेत्र की जनता इलाज के लिए आश्रित है। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन के साथ ही प्रशासन को भी यह संदेश दिया है कि जल्द ही व्यवस्थाओं को सुधारें।