उत्तर कोरिया और रूस के बीच समग्र सैन्य सहयोग पर भी हमारी नजर : दक्षिण कोरिया

सियोल, 12 मई । दक्षिण कोरिया की जासूसी एजेंसी इस संदेह की जांच कर रही है कि प्योंगयांग और मॉस्को के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग के बीच 1970 के दशक में बने उत्तर कोरियाई हथियारों को यूक्रेन में युद्ध के लिए रूस को आपूर्ति की गई थी। समाचार एजेंसी योनहाप की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय खुफिया सेवा (एनआईएस) की यह टिप्पणी एक स्थानीय मीडिया आउटलेट की हालिया रिपोर्ट के जवाब में आई है। जिसमें बताया गया कि 1970 के दशक में उत्तर कोरिया में निर्मित 122 मिमी के तोपखाने के गोले उन हथियारों में से एक लगते हैं, जिनका उपयोग रूस ने कीव के खिलाफ चल रहे युद्ध में किया था। जासूसी एजेंसी ने कहा, एनआईएस उपयुक्त परिस्थिति का विस्तार से विश्लेषण कर रहा है। उत्तर कोरिया और रूस के बीच समग्र सैन्य सहयोग पर भी हमारी नजर है। पिछले साल एक यूक्रेनी फोटोग्राफर की ओर से जारी तस्वीरों में रॉकेट शेल पर कोरियाई अक्षर अंकित दिखे थे। विशेषज्ञों ने कहा कि यह मुमकिन है कि 122 मिमी मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर गोला था। (आईएएनएस)

उत्तर कोरिया और रूस के बीच समग्र सैन्य सहयोग पर भी हमारी नजर : दक्षिण कोरिया
सियोल, 12 मई । दक्षिण कोरिया की जासूसी एजेंसी इस संदेह की जांच कर रही है कि प्योंगयांग और मॉस्को के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग के बीच 1970 के दशक में बने उत्तर कोरियाई हथियारों को यूक्रेन में युद्ध के लिए रूस को आपूर्ति की गई थी। समाचार एजेंसी योनहाप की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय खुफिया सेवा (एनआईएस) की यह टिप्पणी एक स्थानीय मीडिया आउटलेट की हालिया रिपोर्ट के जवाब में आई है। जिसमें बताया गया कि 1970 के दशक में उत्तर कोरिया में निर्मित 122 मिमी के तोपखाने के गोले उन हथियारों में से एक लगते हैं, जिनका उपयोग रूस ने कीव के खिलाफ चल रहे युद्ध में किया था। जासूसी एजेंसी ने कहा, एनआईएस उपयुक्त परिस्थिति का विस्तार से विश्लेषण कर रहा है। उत्तर कोरिया और रूस के बीच समग्र सैन्य सहयोग पर भी हमारी नजर है। पिछले साल एक यूक्रेनी फोटोग्राफर की ओर से जारी तस्वीरों में रॉकेट शेल पर कोरियाई अक्षर अंकित दिखे थे। विशेषज्ञों ने कहा कि यह मुमकिन है कि 122 मिमी मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर गोला था। (आईएएनएस)