आर्चडायोसिस ऑफ़ भोपाल ने मनाया शिक्षा रविवार:समाज में ज्ञान और सेवा का महत्व किया स्पष्ट
आर्चडायोसिस ऑफ़ भोपाल ने मनाया शिक्षा रविवार:समाज में ज्ञान और सेवा का महत्व किया स्पष्ट
आर्चडायोसिस ऑफ़ भोपाल ने अपने हर साल के परंपरागत शिक्षा रविवार के अवसर पर शहर के विभिन्न गिरजाघरों में विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया। यह विशेष दिन नवंबर माह के दूसरे रविवार को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य शिक्षा और ज्ञान को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर पवित्र मिस्सा, उपदेश और सामूहिक प्रार्थनाओं के माध्यम से शिक्षा के महत्व को साझा किया गया। सेक्रेड हार्ट चर्च, रतनपुर में आयोजित पवित्र मिस्सा की अगुवाई आर्चबिशप डॉ. ए. ए. एस. दुरईराज ने की। इस मौके पर उनके साथ फादर विपिन तिग्गा भी उपस्थित थे। आर्चबिशप ने अपनी संबोधन में कहा, "आज हम शिक्षा रविवार के अवसर पर उन सभी शैक्षणिक और व्यवसायिक संस्थाओं को सम्मानित करते हैं, जो राष्ट्र सेवा और भावी पीढ़ी के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। हम अपने शिक्षकों, विद्यार्थियों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हर व्यक्ति का आभार व्यक्त करते हैं, जो समाज में ज्ञान की ज्योति फैला रहे हैं।" इसके बाद कैथोलिक डायोसीजन एजुकेशन के नव नियुक्त सचिव फादर रोनाल्ड वान ने कहा कि "शिक्षा का प्रसार धर्मप्रान्तीय और धर्मसंघीय स्तर पर विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के माध्यम से किया जा रहा है। इन संस्थानों का उद्देश्य केवल शैक्षणिक ज्ञान देना ही नहीं, बल्कि नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों से छात्रों को सशक्त बनाना भी है, ताकि वे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।" कैथोलिक समाज के जनसम्पर्क अधिकारी फादर अल्फ्रेड डिसूज़ा ने बताया कि "शिक्षा रविवार का उद्देश्य शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना और यह याद दिलाना है कि शिक्षा और सेवा का मिलाजुला प्रभाव समाज में शांति, प्रेम और समर्पण का वातावरण बनाता है।" इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु एकत्रित हुए और शिक्षा के महत्व पर गहरे विचार किए, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव और सुधार की दिशा में एक नई प्रेरणा का संचार हुआ। शिक्षा रविवार का आयोजन इस बात का प्रतीक है कि शिक्षा सिर्फ ज्ञान अर्जन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रत्येक सदस्य की सेवा और समृद्धि का आधार भी है।
आर्चडायोसिस ऑफ़ भोपाल ने अपने हर साल के परंपरागत शिक्षा रविवार के अवसर पर शहर के विभिन्न गिरजाघरों में विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया। यह विशेष दिन नवंबर माह के दूसरे रविवार को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य शिक्षा और ज्ञान को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर पवित्र मिस्सा, उपदेश और सामूहिक प्रार्थनाओं के माध्यम से शिक्षा के महत्व को साझा किया गया। सेक्रेड हार्ट चर्च, रतनपुर में आयोजित पवित्र मिस्सा की अगुवाई आर्चबिशप डॉ. ए. ए. एस. दुरईराज ने की। इस मौके पर उनके साथ फादर विपिन तिग्गा भी उपस्थित थे। आर्चबिशप ने अपनी संबोधन में कहा, "आज हम शिक्षा रविवार के अवसर पर उन सभी शैक्षणिक और व्यवसायिक संस्थाओं को सम्मानित करते हैं, जो राष्ट्र सेवा और भावी पीढ़ी के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। हम अपने शिक्षकों, विद्यार्थियों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हर व्यक्ति का आभार व्यक्त करते हैं, जो समाज में ज्ञान की ज्योति फैला रहे हैं।" इसके बाद कैथोलिक डायोसीजन एजुकेशन के नव नियुक्त सचिव फादर रोनाल्ड वान ने कहा कि "शिक्षा का प्रसार धर्मप्रान्तीय और धर्मसंघीय स्तर पर विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के माध्यम से किया जा रहा है। इन संस्थानों का उद्देश्य केवल शैक्षणिक ज्ञान देना ही नहीं, बल्कि नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों से छात्रों को सशक्त बनाना भी है, ताकि वे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।" कैथोलिक समाज के जनसम्पर्क अधिकारी फादर अल्फ्रेड डिसूज़ा ने बताया कि "शिक्षा रविवार का उद्देश्य शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना और यह याद दिलाना है कि शिक्षा और सेवा का मिलाजुला प्रभाव समाज में शांति, प्रेम और समर्पण का वातावरण बनाता है।" इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु एकत्रित हुए और शिक्षा के महत्व पर गहरे विचार किए, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव और सुधार की दिशा में एक नई प्रेरणा का संचार हुआ। शिक्षा रविवार का आयोजन इस बात का प्रतीक है कि शिक्षा सिर्फ ज्ञान अर्जन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रत्येक सदस्य की सेवा और समृद्धि का आधार भी है।