अमेरिका के विदेशमंत्री ब्लिंकन इस सप्ताहांत करेंगे इजराइल की यात्रा

अमेरिका के विदेशमंत्री ब्लिंकन इस सप्ताहांत करेंगे इजराइल की यात्रा वाशिंगटन अमेरिका के विदेश मंत्री...

अमेरिका के विदेशमंत्री ब्लिंकन इस सप्ताहांत करेंगे इजराइल की यात्रा

वाशिंगटन
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इस सप्ताहांत इजराइल की यात्रा पर तेल अवीव पहुंचेंगे। उनकी इस यात्रा का मकसद गाजा में संघर्ष विराम की अवधि को आगे बढ़वाने के प्रयासों के तहत देखा जा रहा है। यह जानकारी इजराइल के प्रमुख अखबार द टाइम्स ऑफ इजराइल ने दी है।

द टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार 7 अक्टूबर को हमास के इजराइल पर आक्रमण के बाद इस क्षेत्र की उनकी तीसरी यात्रा होगी। ब्लिंकन सोमवार को अमेरिका से ब्रुलेल्स के लिए रवाना हुए हैं। बुधवार को ब्रुसेल्स और स्कोप्जे, उत्तरी मैसेडोनिया में यूक्रेन-केंद्रित बैठकों में भाग लेने के बाद इजराइल और वेस्ट बैंक की यात्रा करेंगे। यहां नाटो और यूरोप में शांति और सुरक्षा संगठन के विदेश मंत्री एकत्र हो रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि इजराइल और हमास के बीच सोमवार को खत्म होने वाला चार दिवसीय संघर्ष विराम समझौता दो दिनों के लिए बढ़ गया है। संघर्ष विराम के दौरान हमास 50 इजराइली बंधकों के अलावा 18 विदेशी नागरिकों और एक रूसी-इजराइल नागरिक को रिहा कर चुका है। इस अवधि में इजराइल ने 150 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है। अखबार के अनुसार, व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने  कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि संघर्ष विराम को और बढ़ाया जाएगा।

अमेरिका में सिख संस्था ने न्यूयॉर्क के गुरुद्वारे में संधू के साथ धक्का-मुक्की किए जाने की निंदा की

वाशिंगटन
 अमेरिका की एक सिख संस्था ने देश में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू के साथ न्यूयॉर्क स्थित एक गुरुद्वारे में धक्का-मुक्के किए जाने की सप्ताहांत में हुई घटना की निंदा की तथा गुरुद्वारा प्रबंधन से इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

‘सिख ऑफ अमेरिका’ नामक संस्था ने जारी एक बयान में कहा कि गुरुद्वारा एक पूजा स्थल हैं और लोगों को यहां आकर व्यक्तिगत राजनीतिक विचारों को दूर रखना चाहिए। संधू ने रविवार को गुरुपर्व के मौके पर न्यूयॉर्क के लॉन्ग आईलैंड में स्थित हिक्सविले गुरुद्वारे में अरदास की।

संधू के साथ हुई घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं। वीडियो में खालिस्तानी समर्थकों का एक समूह गुरुद्वारे में संधू के साथ धक्का-मुक्की करते तथा खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर के बारे में सवाल करते हुए नजर आ रहा है। निज्जर इस साल जून में कनाडा में मारा गया था। घटना के बाद सिख समुदाय के लोगों ने उपद्रवियों को गुरुद्वारे से बाहर निकाला।

‘सिख ऑफ अमेरिका’ के संस्थापक और अध्यक्ष जसदीप सिंह जस्सी और इसके अध्यक्ष कंवलजीत सिंह सोनी ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘हम गुरुद्वारा साहिब के प्रबंधन से इन उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील करते हैं, ताकि न्यूयॉर्क में शांतिप्रिय सिख समुदाय बिना किसी डर या दबाव के कभी भी गुरुद्वारों में आ सके।’

उन्होंने कहा, ‘राजदूत संधू गुरुद्वारा साहिब में अरदास करने गए थे और यहां के प्रबंधन ने उन्हें 'सिरोपा साहिब' से सम्मानित किया। उसके बाद कुछ उपद्रवियों ने उनका अनादर करने की कोशिश की और गुरुद्वारा साहिब की शांति एवं पवित्रता को भंग किया। गुरुद्वारा पूजा स्थल हैं और लोगों को यहां व्यक्तिगत राजनीतिक विचारों से मुक्त रहना चाहिए।’

बयान में कहा गया कि 'सिख ऑफ अमेरिका' न्यूयॉर्क में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू के हुए अपमान की कड़ी निंदा करता है। खालिस्तानियों के विरोध की आशंका के बीच संधू का हिक्सविले गुरुद्वारे में गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

नेपाल में राजतंत्र की वापसी असंभव, हिन्दू राष्ट्र बनाने पर चर्चा जरूरीः शेरबहादुर देउवा

काठमांडू
 नेपाल में राजतंत्र पुनर्बहाली को लेकर पिछले कुछ दिनों से चल रहे प्रदर्शन के बीच सबसे बड़े राजनीतिक दल ने प्रतिक्रिया दी है। सत्तारूढ़ गठबन्धन के सबसे बड़े दल नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउवा ने कहा है कि राजतंत्र की पुनर्बहाली असंभव है। हालांकि उन्होंने धर्मनिरपेक्षता पर पुनर्विचार किए जाने की जरूरत पर बल दिया।

देउवा ने यह प्रतिक्रिया नवलपुर में नेपाली कांग्रेस पार्टी के एक कार्यक्रम में दी। देउवा ने कहा कि नेपाल अब लोकतंत्र और गणतंत्र के रास्ते से पीछे नहीं हट सकता है। कुछ लोगों के हल्ला करने से राजतंत्र की पुनर्बहाली नहीं हो सकती है। 21 वीं शताब्दी में राजतंत्र की बात करना बेमानी है। पूर्व प्रधानमंत्री ने यह जरूर कहा कि धर्मनिरपेक्षता पर जरूर बहस कराई जा सकती है। यह देश की आमजनता की भावना से जुड़ा विषय है। नेपाल को हिन्दू राष्ट्र बनाने पर भी चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दू राष्ट्र और राजतंत्र को एक साथ जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।