शराब की दुकान में रखा था सावित्रीबाई फुले का बैनर:भिंड में लोगों ने किया हंगामा, दोनों पक्ष थाने पहुंचे; समझौते के बाद राजीनामा हुआ
शराब की दुकान में रखा था सावित्रीबाई फुले का बैनर:भिंड में लोगों ने किया हंगामा, दोनों पक्ष थाने पहुंचे; समझौते के बाद राजीनामा हुआ
भिंड के लहार तहसील के नया बस स्टैंड पर शराब की दुकान के अंदर सावित्री बाई फुले का बैनर रखा देख ओबीसी समाज के लोगों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। मामले की शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा पुलिस थाने में की गई। इसके बाद दोनों पक्षों ने एक दूसरे की बात सुनी और आपस में समझौता कर वापस लौटे। दरअसल मंगलवार दोपहर ओबीसी समाज के लोगों ने लहार के नए बस स्टैंड पर स्थित शराब की दुकान पर भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले का बैनर देखा। इस बात पर लोग भड़क गए। उन्होंने शराब की दुकान पर हंगामा खड़ा कर दिया। देखते ही देखते मामला पुलिस थाने पहुंचा। दोनों पक्ष के लोग थाने पहुंच गए
स्थानीय लोगों ने पुलिस थाने में शिकायत की। इस पर दुकान संचालक पक्ष भी थाने पहुंच गया। यहां दोनों पक्षों में बातचीत हुई। दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क रखे। शराब की दुकान पर सेल्स मेन की नौकरी करने वाले दीपू शिवहरे ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मैं भी पिछड़े वर्ग से आता हूं। 'नाले के पास बैनर पड़ा देखा तो उठा लिया'
मैंने रात में देखा कि नाले के पास महापुरुष का बैनर पड़ा है। इसलिए मैंने उठाकर दुकान के अंदर रख लिया। आरोप लगाया गया कि मैंने अपमान किया। मेरे लिए सावित्री बाई फुले समेत सभी महापुरुष सम्माननीय हैं। मैंने बैनर छपे महापुरुष की तस्वीर का सम्मान करते हुए रखा है। दोनों पक्षों की ओर से पुलिस थाने में आवेदन दिए जाने के बाद दोनों पक्षों में राजीनामा हुआ। इस पूरे मामले में लहार थाना प्रभारी रविंद्र शर्मा का कहना है कि आपस में विवाद को लेकर नया बस स्टैंड से दो पक्ष के लोग आए थे। दोनों के बीच आपसी राजीनामा हो गया। दोनों ही पक्ष कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते थे।
भिंड के लहार तहसील के नया बस स्टैंड पर शराब की दुकान के अंदर सावित्री बाई फुले का बैनर रखा देख ओबीसी समाज के लोगों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। मामले की शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा पुलिस थाने में की गई। इसके बाद दोनों पक्षों ने एक दूसरे की बात सुनी और आपस में समझौता कर वापस लौटे। दरअसल मंगलवार दोपहर ओबीसी समाज के लोगों ने लहार के नए बस स्टैंड पर स्थित शराब की दुकान पर भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले का बैनर देखा। इस बात पर लोग भड़क गए। उन्होंने शराब की दुकान पर हंगामा खड़ा कर दिया। देखते ही देखते मामला पुलिस थाने पहुंचा। दोनों पक्ष के लोग थाने पहुंच गए
स्थानीय लोगों ने पुलिस थाने में शिकायत की। इस पर दुकान संचालक पक्ष भी थाने पहुंच गया। यहां दोनों पक्षों में बातचीत हुई। दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क रखे। शराब की दुकान पर सेल्स मेन की नौकरी करने वाले दीपू शिवहरे ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मैं भी पिछड़े वर्ग से आता हूं। 'नाले के पास बैनर पड़ा देखा तो उठा लिया'
मैंने रात में देखा कि नाले के पास महापुरुष का बैनर पड़ा है। इसलिए मैंने उठाकर दुकान के अंदर रख लिया। आरोप लगाया गया कि मैंने अपमान किया। मेरे लिए सावित्री बाई फुले समेत सभी महापुरुष सम्माननीय हैं। मैंने बैनर छपे महापुरुष की तस्वीर का सम्मान करते हुए रखा है। दोनों पक्षों की ओर से पुलिस थाने में आवेदन दिए जाने के बाद दोनों पक्षों में राजीनामा हुआ। इस पूरे मामले में लहार थाना प्रभारी रविंद्र शर्मा का कहना है कि आपस में विवाद को लेकर नया बस स्टैंड से दो पक्ष के लोग आए थे। दोनों के बीच आपसी राजीनामा हो गया। दोनों ही पक्ष कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते थे।