माना पुलिस प्रशिक्षण केंद्र प्रशिक्षुओं को ब्रह्माकुमारी बहनों ने बांधी राखी

रायपुर, 16 अगस्त। ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने बताया कि पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र माना में प्रशिक्षण हेतु अपने घर से दूर विभिन्न जिलों से हुए प्रशिक्षुओं को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की बहनों ने रक्षाबन्धन का आध्यात्मिक महत्व समझाते हुए राखी बाँधी। कार्यक्रम मेंं पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिंज, उप पुलिस अधीक्षक राकेश बघेल सहित बस्तर हेतु चयनित विशेष आरक्षक भी शामिल थे। सविता दीदी ने बताया कि रक्षाबन्धन का पर्व हमें मन-वचन-कर्म से पवित्रता को अपनाने का सन्देश देता है। हमें काम, क्रोध आदि विकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत है। रक्षाबन्धन में जो तिलक लगाते हैं वह आत्म स्मृति का प्रतीक है। इससे यह याद कराया जाता है कि हम आत्मा हैं शरीर नहीं। मुख मीठा कराना इस बात का सूचक है कि मुख से सदैव मधुर बोल ही निकलें। हमारी जुबान से कभी दूसरों को दु:ख पहुंचाने वाले कटु वचन न निकलें। सविता दीदी ने बताया कि इसी प्रकार रक्षासूत्र बांधने का मतलब जीवन में आगे बढऩे के लिए कोई न कोई दृढ़ संकल्प करने का सूचक है। जवानों से अपने समय का सदुपयोग स्वचिन्तन में करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह विचार करने की जरूरत है कि मेरे अन्दर कौन-कौन सी खामियाँ हैं? उन्होने श्रेष्ठ कर्मों को सुख-शान्ति का आधार बताया।

माना पुलिस प्रशिक्षण केंद्र प्रशिक्षुओं को ब्रह्माकुमारी बहनों ने बांधी राखी
रायपुर, 16 अगस्त। ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने बताया कि पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र माना में प्रशिक्षण हेतु अपने घर से दूर विभिन्न जिलों से हुए प्रशिक्षुओं को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की बहनों ने रक्षाबन्धन का आध्यात्मिक महत्व समझाते हुए राखी बाँधी। कार्यक्रम मेंं पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिंज, उप पुलिस अधीक्षक राकेश बघेल सहित बस्तर हेतु चयनित विशेष आरक्षक भी शामिल थे। सविता दीदी ने बताया कि रक्षाबन्धन का पर्व हमें मन-वचन-कर्म से पवित्रता को अपनाने का सन्देश देता है। हमें काम, क्रोध आदि विकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत है। रक्षाबन्धन में जो तिलक लगाते हैं वह आत्म स्मृति का प्रतीक है। इससे यह याद कराया जाता है कि हम आत्मा हैं शरीर नहीं। मुख मीठा कराना इस बात का सूचक है कि मुख से सदैव मधुर बोल ही निकलें। हमारी जुबान से कभी दूसरों को दु:ख पहुंचाने वाले कटु वचन न निकलें। सविता दीदी ने बताया कि इसी प्रकार रक्षासूत्र बांधने का मतलब जीवन में आगे बढऩे के लिए कोई न कोई दृढ़ संकल्प करने का सूचक है। जवानों से अपने समय का सदुपयोग स्वचिन्तन में करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह विचार करने की जरूरत है कि मेरे अन्दर कौन-कौन सी खामियाँ हैं? उन्होने श्रेष्ठ कर्मों को सुख-शान्ति का आधार बताया।