प्रेम व सद्भावना बढ़ाने भोपाल के 8 चर्चों में प्रार्थना:18 से 25 जनवरी तक ईसाई समाज की एकता के लिए विशेष सभाएं
प्रेम व सद्भावना बढ़ाने भोपाल के 8 चर्चों में प्रार्थना:18 से 25 जनवरी तक ईसाई समाज की एकता के लिए विशेष सभाएं
भोपाल में ईसाई धर्म की विभिन्न शाखाओं की एकता के लिए विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जा रहा है। 18 जनवरी से शुरू हुई यह आठ दिवसीय प्रार्थना श्रृंखला 25 जनवरी तक चलेगी, जिसे यूनिटी ऑक्टेव कहा जाता है। प्रार्थना सभा की शुरुआत गोविंदपुरा स्थित क्राइस्ट चर्च से हुई। इसके बाद क्रमशः हर्षवर्धन नगर के क्रिस्चियन चर्च और गोविंदपुरा के सेंट जॉन ई एल सी चर्च में प्रार्थनाएं आयोजित की गईं। कार्यक्रम के तहत सेंट जोसफ चर्च बरखेड़ा, द सायन चर्च कोलार, असम्पशन चर्च अरेरा कॉलोनी और बेथलेहम चर्च बरखेड़ी में प्रार्थना सभाएं होंगी। समापन 25 जनवरी को सेंट फ्रांसिस असीसी कैथेड्रल में होगा। जनसंपर्क अधिकारी फादर अल्फ्रेड डिसूज़ा के अनुसार, 'ऑक्टेव' शब्द लैटिन के 'ऑक्टावस' से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'आठवां दिन'। यह परंपरा 1908 से चली आ रही है, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना की शुरुआत हुई थी। इस दौरान प्रोटेस्टैंट और कैथोलिक समुदाय के लोग एक साथ प्रार्थना करते हैं। भोपाल में फादर पी. सुसाई इस आयोजन का समन्वय कर रहे हैं। दूसरे दिन क्रिस्चियन चर्च में आयोजित प्रार्थना में बिशप बिपिन लाल ने सृष्टिकर्ता और ईश्वर पर उपदेश दिया। तीसरे दिन सेंट जॉन ई एल सी चर्च में आर्चडिकन अनिल मार्टिन ने प्रभु यीशु के धरती पर अवतरण के विषय में अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर युवाओं ने प्रभु स्तुति गीत भी प्रस्तुत किए।
भोपाल में ईसाई धर्म की विभिन्न शाखाओं की एकता के लिए विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जा रहा है। 18 जनवरी से शुरू हुई यह आठ दिवसीय प्रार्थना श्रृंखला 25 जनवरी तक चलेगी, जिसे यूनिटी ऑक्टेव कहा जाता है। प्रार्थना सभा की शुरुआत गोविंदपुरा स्थित क्राइस्ट चर्च से हुई। इसके बाद क्रमशः हर्षवर्धन नगर के क्रिस्चियन चर्च और गोविंदपुरा के सेंट जॉन ई एल सी चर्च में प्रार्थनाएं आयोजित की गईं। कार्यक्रम के तहत सेंट जोसफ चर्च बरखेड़ा, द सायन चर्च कोलार, असम्पशन चर्च अरेरा कॉलोनी और बेथलेहम चर्च बरखेड़ी में प्रार्थना सभाएं होंगी। समापन 25 जनवरी को सेंट फ्रांसिस असीसी कैथेड्रल में होगा। जनसंपर्क अधिकारी फादर अल्फ्रेड डिसूज़ा के अनुसार, 'ऑक्टेव' शब्द लैटिन के 'ऑक्टावस' से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'आठवां दिन'। यह परंपरा 1908 से चली आ रही है, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना की शुरुआत हुई थी। इस दौरान प्रोटेस्टैंट और कैथोलिक समुदाय के लोग एक साथ प्रार्थना करते हैं। भोपाल में फादर पी. सुसाई इस आयोजन का समन्वय कर रहे हैं। दूसरे दिन क्रिस्चियन चर्च में आयोजित प्रार्थना में बिशप बिपिन लाल ने सृष्टिकर्ता और ईश्वर पर उपदेश दिया। तीसरे दिन सेंट जॉन ई एल सी चर्च में आर्चडिकन अनिल मार्टिन ने प्रभु यीशु के धरती पर अवतरण के विषय में अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर युवाओं ने प्रभु स्तुति गीत भी प्रस्तुत किए।