खंडवा में अतिक्रमण हटा तो फिर पनपी हरियाली:जंगल में खोदे कंटूरों में पानी भरा; देखिए 5 हजार एकड़ जंगल का ड्रोन नजारा
खंडवा में अतिक्रमण हटा तो फिर पनपी हरियाली:जंगल में खोदे कंटूरों में पानी भरा; देखिए 5 हजार एकड़ जंगल का ड्रोन नजारा
खंडवा जिले के जंगलों में प्रशासन और वन विभाग की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का असर अब दिखने लगा है। बारिश के बाद जंगलों में हरियाली लौट आई है और पहले खोदे गए खंतियों में पानी भरने से जल संरक्षण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। बारिश से पहले खंडवा के गुड़ी और सरमेश्वर रेंज में वन विभाग ने 400 जेसीबी मशीनों की मदद से अतिक्रमण हटाया था। इसमें करीब 1950 हेक्टेयर (लगभग 5 हजार एकड़) जंगल को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराया गया। इस इलाके में कोविड के दौरान अतिक्रमण बढ़ गया था, जब लॉकडाउन में लोग पेड़ काटकर जंगल पर कब्जा करने लगे थे। कंटूर-पद्धति से खंतियां खोदी गईं वन विभाग ने जंगल में खंतियां (कंटूर) खोदी थीं, ताकि खरीफ सीजन में अतिक्रमणकारियों की बोवनी रोकी जा सके। बीजों का छिड़काव भी किया गया ताकि जंगल की हरियाली लौट सके। अब बारिश के बाद इन खंतियों में पानी भर गया है, जिससे जल संरक्षण के साथ-साथ जंगल का सौंदर्य भी वापस आने लगा है। '1950 हेक्टेयर जमीन को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त कराया' गुड़ी रेंज के रेंजर नरेंद्र पटेल ने बताया कि दिसंबर 2024 से अप्रैल 2025 तक अतिक्रमण हटाने की मुहिम चली। इसमें 2000 हेक्टेयर में से 1950 हेक्टेयर जमीन को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त कराया गया। डीएफओ राकेश कुमार डामोर ने कहा कि प्रशासन और पुलिस के सहयोग से कार्रवाई का सकारात्मक परिणाम सामने आया है। भविष्य में भी निगरानी जारी रहेगी वन विभाग ने अतिक्रमण रोकने के लिए निगरानी कड़ी कर दी है। विभाग का मानना है कि कुछ साल और लगेंगे, लेकिन जंगल उसी स्वरूप में लौट आएगा। जल संरक्षण और हरियाली बढ़ाने के लिए कंटूर-पद्धति से बने गड्डों और खंतियों में पानी का संग्रह अहम भूमिका निभा रहा है।
खंडवा जिले के जंगलों में प्रशासन और वन विभाग की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का असर अब दिखने लगा है। बारिश के बाद जंगलों में हरियाली लौट आई है और पहले खोदे गए खंतियों में पानी भरने से जल संरक्षण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। बारिश से पहले खंडवा के गुड़ी और सरमेश्वर रेंज में वन विभाग ने 400 जेसीबी मशीनों की मदद से अतिक्रमण हटाया था। इसमें करीब 1950 हेक्टेयर (लगभग 5 हजार एकड़) जंगल को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराया गया। इस इलाके में कोविड के दौरान अतिक्रमण बढ़ गया था, जब लॉकडाउन में लोग पेड़ काटकर जंगल पर कब्जा करने लगे थे। कंटूर-पद्धति से खंतियां खोदी गईं वन विभाग ने जंगल में खंतियां (कंटूर) खोदी थीं, ताकि खरीफ सीजन में अतिक्रमणकारियों की बोवनी रोकी जा सके। बीजों का छिड़काव भी किया गया ताकि जंगल की हरियाली लौट सके। अब बारिश के बाद इन खंतियों में पानी भर गया है, जिससे जल संरक्षण के साथ-साथ जंगल का सौंदर्य भी वापस आने लगा है। '1950 हेक्टेयर जमीन को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त कराया' गुड़ी रेंज के रेंजर नरेंद्र पटेल ने बताया कि दिसंबर 2024 से अप्रैल 2025 तक अतिक्रमण हटाने की मुहिम चली। इसमें 2000 हेक्टेयर में से 1950 हेक्टेयर जमीन को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त कराया गया। डीएफओ राकेश कुमार डामोर ने कहा कि प्रशासन और पुलिस के सहयोग से कार्रवाई का सकारात्मक परिणाम सामने आया है। भविष्य में भी निगरानी जारी रहेगी वन विभाग ने अतिक्रमण रोकने के लिए निगरानी कड़ी कर दी है। विभाग का मानना है कि कुछ साल और लगेंगे, लेकिन जंगल उसी स्वरूप में लौट आएगा। जल संरक्षण और हरियाली बढ़ाने के लिए कंटूर-पद्धति से बने गड्डों और खंतियों में पानी का संग्रह अहम भूमिका निभा रहा है।