उज्जैन में कार्तिक पूर्णिमा पर भक्तों की भारी भीड़:शिप्रा नदी में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर किया दान पुण्य, शाम को होगा दीपदान

बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर शिप्रा नदी के रामघाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर शिप्रा नदी में डुबकी लगाने पहुंचे। श्रद्धालुओं ने यहां स्नान कर दान पुण्य भी किया। पंडित राजेश जोशी ने बताया कि, कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा का महत्व अधिक होता है। देव उठनी ग्यारस से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक देव दिवाली मानाने की परम्परा है। पूर्णिमा को शाम को नदियों पर दीप दान किया जाता है। यम की यातना से मुक्ति पाने के लिए दीप दान की परम्परा है। उज्जैन शिप्रा नदी के राम घाट, बनारस , हरिद्वार, नर्मदा नदी के किनारे सहित कई बड़ी नदियों में स्नान और दीपदान की परम्परा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। कार्तिक पूर्णिमा का दिन देवी-देवताओं को खुश करने का दिन होता है। इसीलिए इस दिन लोग पवित्र नदियों में डुबकी लगाकर और दान-दक्षिणा करके पुण्य कमाते हैं। शाम 4 बजे से होगा दीपदान शाम चार बजे से भक्त शिप्रा नदी में दीपदान करने भी पहुंचेंगे। शिप्रा नदी में स्नान करने आए भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए घाटों पर बचाव दल को लगाया गया था। माइक पर लगातार अनाउंसमेंट किया जा रहा है। श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से एसडीइआरएफ और होमगार्ड के जवान लगातार रोक रहे थे।

उज्जैन में कार्तिक पूर्णिमा पर भक्तों की भारी भीड़:शिप्रा नदी में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर किया दान पुण्य, शाम को होगा दीपदान
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर शिप्रा नदी के रामघाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर शिप्रा नदी में डुबकी लगाने पहुंचे। श्रद्धालुओं ने यहां स्नान कर दान पुण्य भी किया। पंडित राजेश जोशी ने बताया कि, कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा का महत्व अधिक होता है। देव उठनी ग्यारस से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक देव दिवाली मानाने की परम्परा है। पूर्णिमा को शाम को नदियों पर दीप दान किया जाता है। यम की यातना से मुक्ति पाने के लिए दीप दान की परम्परा है। उज्जैन शिप्रा नदी के राम घाट, बनारस , हरिद्वार, नर्मदा नदी के किनारे सहित कई बड़ी नदियों में स्नान और दीपदान की परम्परा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। कार्तिक पूर्णिमा का दिन देवी-देवताओं को खुश करने का दिन होता है। इसीलिए इस दिन लोग पवित्र नदियों में डुबकी लगाकर और दान-दक्षिणा करके पुण्य कमाते हैं। शाम 4 बजे से होगा दीपदान शाम चार बजे से भक्त शिप्रा नदी में दीपदान करने भी पहुंचेंगे। शिप्रा नदी में स्नान करने आए भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए घाटों पर बचाव दल को लगाया गया था। माइक पर लगातार अनाउंसमेंट किया जा रहा है। श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से एसडीइआरएफ और होमगार्ड के जवान लगातार रोक रहे थे।