प्रसिद्ध चित्रकार पद्मभूषण जतिन दास हुए सम्मानित

भिलाई। ललित कला अकादमी का भिलाई में रीजनल सेन्टर खोलने के लिए जुटे अंचल के सुप्रसिद्ध कलाकारो ने पद्मभूषण चित्रकार जतिन दास का सम्मान किया। अपने ऊद्बबोधन मे जतिन दास ने युवा कलाकारो से कड़ी मेहनत और प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहने का आव्हान किया। इस दौरान डा. सोनाली चक्रवर्ती, कांता देवी, विजय शर्मा, हरजिंदर सिंह मोटिया, कमलेश वर्मा, मोहन बराल, ब्रजेश तिवारी, सारिका गोस्वामी, प्रवीण कालमेघ, वीरेंद्र पटनायक, सतीश देवांगन, पी.एल.जेना, धीरज साहू, यश दलवी और ललित कला अकादमी में छत्तीसगढ़ के प्रथम बोर्ड सदस्य अंकुश देवांगन उपस्थित थे। सेक्टर 1 के कोरस प्रागण में पद्मभूषण चित्रकार जतिन दास ने भिलाई की कला संस्कृति की भूरी भूरी-भूरी प्रशंसा की। साथ ही तेजी से बदलते दुनिया में सत्य के पक्षधर रहते हुए नवागंतुक कलाकारों को खूब मेहनत करने को कहा। उन्होंने प्रकृति से तालमेल बिठाते हुए कलाकारो को प्राकृतिक जीवन जीने तथा प्लास्टिक जैसे जहरीले पदार्थ को बायकाट करने के लिए भी कहा। इस दौरान डा. सोनाली चक्रवर्ती ने जहां जतिन दास को प्रकृति के हरियाली स्वरूप में वृक्ष भेंट किया वही कलाकारों ने अपने चित्र और मूर्तियों का उनके समक्ष प्रदर्शन किया। नवोदित कलाकारों द्वारा सलाह मांगने पर उन्होंने त्वरित टिप्पणी करते हुए उनकी समस्त आशंकाओं को दूर किया। अपने सारगर्भित उद्बबोधन में जतिन दास ने कलाकारो को आपसी एकता बनाए रखने पर बल दिया और कहा कि इससे ही बड़े से बड़े संस्थानों की स्थापना भिलाई में की जा सकती है।

प्रसिद्ध चित्रकार पद्मभूषण जतिन दास हुए सम्मानित
भिलाई। ललित कला अकादमी का भिलाई में रीजनल सेन्टर खोलने के लिए जुटे अंचल के सुप्रसिद्ध कलाकारो ने पद्मभूषण चित्रकार जतिन दास का सम्मान किया। अपने ऊद्बबोधन मे जतिन दास ने युवा कलाकारो से कड़ी मेहनत और प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहने का आव्हान किया। इस दौरान डा. सोनाली चक्रवर्ती, कांता देवी, विजय शर्मा, हरजिंदर सिंह मोटिया, कमलेश वर्मा, मोहन बराल, ब्रजेश तिवारी, सारिका गोस्वामी, प्रवीण कालमेघ, वीरेंद्र पटनायक, सतीश देवांगन, पी.एल.जेना, धीरज साहू, यश दलवी और ललित कला अकादमी में छत्तीसगढ़ के प्रथम बोर्ड सदस्य अंकुश देवांगन उपस्थित थे। सेक्टर 1 के कोरस प्रागण में पद्मभूषण चित्रकार जतिन दास ने भिलाई की कला संस्कृति की भूरी भूरी-भूरी प्रशंसा की। साथ ही तेजी से बदलते दुनिया में सत्य के पक्षधर रहते हुए नवागंतुक कलाकारों को खूब मेहनत करने को कहा। उन्होंने प्रकृति से तालमेल बिठाते हुए कलाकारो को प्राकृतिक जीवन जीने तथा प्लास्टिक जैसे जहरीले पदार्थ को बायकाट करने के लिए भी कहा। इस दौरान डा. सोनाली चक्रवर्ती ने जहां जतिन दास को प्रकृति के हरियाली स्वरूप में वृक्ष भेंट किया वही कलाकारों ने अपने चित्र और मूर्तियों का उनके समक्ष प्रदर्शन किया। नवोदित कलाकारों द्वारा सलाह मांगने पर उन्होंने त्वरित टिप्पणी करते हुए उनकी समस्त आशंकाओं को दूर किया। अपने सारगर्भित उद्बबोधन में जतिन दास ने कलाकारो को आपसी एकता बनाए रखने पर बल दिया और कहा कि इससे ही बड़े से बड़े संस्थानों की स्थापना भिलाई में की जा सकती है।