जवानों को प्राथमिक चिकित्सा की दी जानकारी

छत्तीसगढ़ संवाददाता कोण्डागांव, 28 फरवरी। इन दिनों कोण्डागांव जिला पुलिस और बस्तर फाइटर के जवानों को पुलिस अधीक्षक वाई अक्षय कुमार के निर्देश पर प्राथमिक चिकित्सा (फस्र्ट ऐड) की जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत जवानों को सीपीआर समेत आपात स्थिति में चिकित्सा व्यवस्था कैसे दी जाए, सिखाया जा रहा है। ताकि सडक़ हादसे समेत नक्सल ऑपरेशन में जवान चिकित्सा सुविधा से पारंगत हो। कोण्डागांव जिले में दादरगढ़ से लेकर घोड़ागांव तक लगभग 100 किमी का दायरा नेशनल हाईवे 30 में शामिल है। इसके अलावा कोण्डागांव जिला में तेजी से सडक़ों का जाल भी बिछ रहा है। इन सडक़ों में कई गंभीर सडक़ हादसे होते हैं, जहां सबसे पहले पुलिस के जवान पहुंचते हैं। पुलिस के जवान ऐसी परिस्थितियों में घायलों को अन्य चिकित्सा सुविधा स्वयं से उपलब्ध करवा सके इसके लिए प्रारंभिक चिकित्सा प्रशिक्षण कार्यक्रम कोण्डागांव के पुलिस रक्षित केंद्र में चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में आईटीबीपी के जवानों के माध्यम से पुलिस के जवान और बस्तर फाइटर के जवानों को प्रारंभिक चिकित्सा सुविधा के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। यह कार्यक्रम केवल सडक़ हादसे में ही कारगर साबित नहीं होगा, बल्कि जिले के नक्सल ऑपरेशन के दौरान होने वाले कैजुअल्टी में भी काफी फायदेमंद साबित होगी।

जवानों को प्राथमिक चिकित्सा की दी जानकारी
छत्तीसगढ़ संवाददाता कोण्डागांव, 28 फरवरी। इन दिनों कोण्डागांव जिला पुलिस और बस्तर फाइटर के जवानों को पुलिस अधीक्षक वाई अक्षय कुमार के निर्देश पर प्राथमिक चिकित्सा (फस्र्ट ऐड) की जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत जवानों को सीपीआर समेत आपात स्थिति में चिकित्सा व्यवस्था कैसे दी जाए, सिखाया जा रहा है। ताकि सडक़ हादसे समेत नक्सल ऑपरेशन में जवान चिकित्सा सुविधा से पारंगत हो। कोण्डागांव जिले में दादरगढ़ से लेकर घोड़ागांव तक लगभग 100 किमी का दायरा नेशनल हाईवे 30 में शामिल है। इसके अलावा कोण्डागांव जिला में तेजी से सडक़ों का जाल भी बिछ रहा है। इन सडक़ों में कई गंभीर सडक़ हादसे होते हैं, जहां सबसे पहले पुलिस के जवान पहुंचते हैं। पुलिस के जवान ऐसी परिस्थितियों में घायलों को अन्य चिकित्सा सुविधा स्वयं से उपलब्ध करवा सके इसके लिए प्रारंभिक चिकित्सा प्रशिक्षण कार्यक्रम कोण्डागांव के पुलिस रक्षित केंद्र में चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में आईटीबीपी के जवानों के माध्यम से पुलिस के जवान और बस्तर फाइटर के जवानों को प्रारंभिक चिकित्सा सुविधा के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। यह कार्यक्रम केवल सडक़ हादसे में ही कारगर साबित नहीं होगा, बल्कि जिले के नक्सल ऑपरेशन के दौरान होने वाले कैजुअल्टी में भी काफी फायदेमंद साबित होगी।