देश में 33 फीसदी शहरी और 25 फीसदी ग्रामीण हाइपरटेंसिव

रायपुर, 17 मई। एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है। वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे की थीम है अपने ब्लड प्रेशर को सही ढग़ से मापें, नियंत्रित करें, लंबे समय तक जीवीत रहें। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में लगभग 1.39 बिलियन लोग हाई ब्लड प्रेशर से पीडि़त हैं और भारत में लगभग 33त्न शहरी और 25त्न ग्रामीण लोग हाइपरटेंशन से ग्रस्ति हैं। हॉस्पिटल ने बताया कि यह स्थिती आपको महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा देखने को मिलती है। पहले इसके मामले केवल बड़ी उम्र/वृद्ध लोगों में आम थे, लेकिन अब इसके मामले युवा पीढ़ी में भी देखने को मिलते हैं। डॉ. सुनील गौनियाल वरिष्ठ सलाहकार कार्डियोलॉजीएमएमआई नारायणा हॉस्पिटल, रायपुर ने बताया कि हाइपरटेंशन का असर हमारे हृदय पर बहुत ही घातक रूप में होता है और ऐसे में हमें बहुत सावधानियां बरतने की जरूरत है। डॉ. गौनियाल ने बताया कि हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर कहा जाता है क्योंकि इसके कोई सटीक लक्षण नहीं होते हैं लेकिन कुछ लक्षणों को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जैसे कि - सिरदर्द, थकान और सुस्ती होना, दिल की धडक़न बढ़ जाना, सीने में दर्द , सांसें तेज चलना या सांस लेने में तकलीफ होना, आंखों से धुंधला दिखना, नाक से खून आना। डॉ. गौनियाल ने बताया कि इससे बचाव के लिए समय-समय पर अपना ब्लड प्रेशर चेक करें, वजन को नियंत्रण में रखें, नियमित रूप से व्यायाम करें, खाने में नमक का सेवन कम करें, तनाव कम ले, खाने में कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम से भरपूर चीजों का सेवन ज्यादा करें,धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। डॉ. गौनियाल ने बताया कि इसके साथ ही यदि किसी भी प्रकार के हाइपरटेंशन से जुड़े गंभीर लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। प्राथमिक हाइपरटेंशन बिना किसी सटीक कारण के, उम्र बढऩे के साथ विकसित होता है लेकिन सैकेंडरी हाइपरटेंशन कम उम्र में होता है और इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे अधिक नमक का सेवन करना, धूम्रपान करना, मधुमेह, मोटापा, गुर्दा रोग, थायरॉयड समस्याएं, मानसिक तनाव, नींद की कमी और अनुचित खान-पान। डॉ. गौनियाल ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर से हृदय रोग, स्ट्रोक, डिमेंशिया और किडनी की बीमारी जैसी और अन्य बीमारीयां होने का खतरा अधिक होता है। हाइपरटेंशन एक चुनौती हो सकती है, लेकिन यह प्रबंधनीय है, अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण रखें और एक स्वस्थ भविष्य की ओर कदम बढ़ाएं।

देश में 33 फीसदी शहरी और  25 फीसदी ग्रामीण हाइपरटेंसिव
रायपुर, 17 मई। एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है। वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे की थीम है अपने ब्लड प्रेशर को सही ढग़ से मापें, नियंत्रित करें, लंबे समय तक जीवीत रहें। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में लगभग 1.39 बिलियन लोग हाई ब्लड प्रेशर से पीडि़त हैं और भारत में लगभग 33त्न शहरी और 25त्न ग्रामीण लोग हाइपरटेंशन से ग्रस्ति हैं। हॉस्पिटल ने बताया कि यह स्थिती आपको महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा देखने को मिलती है। पहले इसके मामले केवल बड़ी उम्र/वृद्ध लोगों में आम थे, लेकिन अब इसके मामले युवा पीढ़ी में भी देखने को मिलते हैं। डॉ. सुनील गौनियाल वरिष्ठ सलाहकार कार्डियोलॉजीएमएमआई नारायणा हॉस्पिटल, रायपुर ने बताया कि हाइपरटेंशन का असर हमारे हृदय पर बहुत ही घातक रूप में होता है और ऐसे में हमें बहुत सावधानियां बरतने की जरूरत है। डॉ. गौनियाल ने बताया कि हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर कहा जाता है क्योंकि इसके कोई सटीक लक्षण नहीं होते हैं लेकिन कुछ लक्षणों को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जैसे कि - सिरदर्द, थकान और सुस्ती होना, दिल की धडक़न बढ़ जाना, सीने में दर्द , सांसें तेज चलना या सांस लेने में तकलीफ होना, आंखों से धुंधला दिखना, नाक से खून आना। डॉ. गौनियाल ने बताया कि इससे बचाव के लिए समय-समय पर अपना ब्लड प्रेशर चेक करें, वजन को नियंत्रण में रखें, नियमित रूप से व्यायाम करें, खाने में नमक का सेवन कम करें, तनाव कम ले, खाने में कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम से भरपूर चीजों का सेवन ज्यादा करें,धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। डॉ. गौनियाल ने बताया कि इसके साथ ही यदि किसी भी प्रकार के हाइपरटेंशन से जुड़े गंभीर लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। प्राथमिक हाइपरटेंशन बिना किसी सटीक कारण के, उम्र बढऩे के साथ विकसित होता है लेकिन सैकेंडरी हाइपरटेंशन कम उम्र में होता है और इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे अधिक नमक का सेवन करना, धूम्रपान करना, मधुमेह, मोटापा, गुर्दा रोग, थायरॉयड समस्याएं, मानसिक तनाव, नींद की कमी और अनुचित खान-पान। डॉ. गौनियाल ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर से हृदय रोग, स्ट्रोक, डिमेंशिया और किडनी की बीमारी जैसी और अन्य बीमारीयां होने का खतरा अधिक होता है। हाइपरटेंशन एक चुनौती हो सकती है, लेकिन यह प्रबंधनीय है, अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण रखें और एक स्वस्थ भविष्य की ओर कदम बढ़ाएं।