छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर में तेलुगु पद्धति से मनाया जाता है सावन मास

हिंदी सावन के 15 दिन बाद शुरू होता है, शिवालयों में भक्त उमड़े मो. इमरान खान भोपालपटनम, 5 अगस्त(छत्तीसगढ़ संवाददाता)। छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर में बसे भोपालपटनम के शिव मंदिरों में तेलुगु पद्धति के साथ सावन मास मनाया जाता है। यह सावन का पहला दिन हिंदी सावन के पंद्रह दिन बाद चालू होता है। 5 अगस्त को तेलुगु पद्धति का पहला सावन रहा। शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। तीमेड़, गोल्लागुडा, भोपालपटनम के शिवालायों में महिलाएं बच्चे पुरुष लम्बी कतार लगी हुई थी। मंदिर के गर्भगृह में भोलेनाथ की विधिवत पूजा-अर्चना में दूध, दही, गंगा जल से अभिषेक कर शंकर भगवान का प्रिय धतूरा का फल, बेल का पत्ता, फूल फल अन्य सामाग्री से श्रृंगार किया गया। मंदिर में स्थापित भगवान गणेश, शिव-पार्वती, सरस्वती, लक्ष्मी, महाकाली, कृष्ण एवं हनुमान का भक्तों के द्वारा कतार से पूजा अर्चना की गई। मंदिरों में मनवांचित फल के लिए भगवान से प्रार्थना कर आशीर्वाद प्राप्त करते रहे। पूरे महीने के सोमवार, मंगलवार एवं शनिवार को मारुति मानस रामायण मंडली के द्वारा रामायण पाठ का आयोजन किया जाता है। इस क्षेत्र में दो प्रकार का सावन मानते हैं। तेलुगु सावन आज से प्रारंभ हुआ है इस तरह से इस इलाके में लगभग डेढ़ महीना का सावन दोनों मिलकर मानते हैं। शिव मंदिर के पं. वेद प्रकाश पांडे के द्वारा पूजा अर्चना कर सुबह शाम प्रसाद वितरण किया जाता है। 35 भक्तों का माह भर वेद मंत्रों के साथ रुद्राभिषेक सावन महीने के पूरे 30 दिन 35 भक्तों का वेद मंत्रों के साथ रुद्राभिषेक के साथ विशेष पूजा की जाएगी। बताया जाता है कि श्रावण मास में शिव का नित्य अभिषेक करने से बहुत पुण्य प्राप्त होता है और मनोवांछित फल मिलता है। यह अभिषेक पूरे सावन माह चलेगा। रुद्राभिषेक के लिए भक्तों के नाम, गोत्र एवं सहपरिवार के नाम से पूजा-अर्चना की जाएगी। 12 को भव्य कावड़ यात्रा श्रावण मास मे बीच 12 अगस्त को भव्य कावड़ यात्रा का आयोजन किया जाएगा। तीमेड़ से भक्त इंद्रावती का जल लेकर भोपालपटनम के शिव मंदिर में जल अभिषेक करेंगे। इसके लिए जोरों से तैयारियां चल रही हैं। कावड़ यात्रा में शामिल होने वाले भक्तों की लिस्ट भी तैयार की जा रही है। वेद मंत्रों के साथ इन परिवारों का होगा रुद्राभिषेक तेजऩारायण सिंह, गुज्जा सत्यनांदम, दिलीप मिरालवार, प्रवीण गुज्जा, के सेट्टी सागर, जी. सरोजादेवी, प्रेम गुज्जा, प्रकाश निष्ठूरी, नागेंद्र कुमार पडि़शाला, बाबूलाल पांडे, ताटी माता, चिन्नोड मादास, विश्वनाथ, श्याम कोंड्रा, सत्यनारायण अग्गीवार, महेश्वर गादे, देवेंद्र संगारती, मद्देरला श्रीनिवास, चिन्तपुरी पुरुषोत्तम, रामचरणपटेल, अनिल कुमार जन्नम, प्रमोद पालारपणार, आनंद पड़ीसालवार साँबाशिव पडिशालवार, प्रफुल्ल कुमार, वैभव कुमार, पेय्यल सत्यनारायण, के चलपतिराव, भीमारपु मधुकर, श्रीमती चन्द्रकला, एल नागया, दिपक वि_लराव बंडावार, राजेन्द्र भगवंराव चिमरालवार, श्रीकान्त पर्वतालवार, विश्वेशवर ताटपेल्लीवार, गट्टू सुधाकर।

छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर में तेलुगु पद्धति से मनाया जाता है सावन मास
हिंदी सावन के 15 दिन बाद शुरू होता है, शिवालयों में भक्त उमड़े मो. इमरान खान भोपालपटनम, 5 अगस्त(छत्तीसगढ़ संवाददाता)। छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर में बसे भोपालपटनम के शिव मंदिरों में तेलुगु पद्धति के साथ सावन मास मनाया जाता है। यह सावन का पहला दिन हिंदी सावन के पंद्रह दिन बाद चालू होता है। 5 अगस्त को तेलुगु पद्धति का पहला सावन रहा। शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। तीमेड़, गोल्लागुडा, भोपालपटनम के शिवालायों में महिलाएं बच्चे पुरुष लम्बी कतार लगी हुई थी। मंदिर के गर्भगृह में भोलेनाथ की विधिवत पूजा-अर्चना में दूध, दही, गंगा जल से अभिषेक कर शंकर भगवान का प्रिय धतूरा का फल, बेल का पत्ता, फूल फल अन्य सामाग्री से श्रृंगार किया गया। मंदिर में स्थापित भगवान गणेश, शिव-पार्वती, सरस्वती, लक्ष्मी, महाकाली, कृष्ण एवं हनुमान का भक्तों के द्वारा कतार से पूजा अर्चना की गई। मंदिरों में मनवांचित फल के लिए भगवान से प्रार्थना कर आशीर्वाद प्राप्त करते रहे। पूरे महीने के सोमवार, मंगलवार एवं शनिवार को मारुति मानस रामायण मंडली के द्वारा रामायण पाठ का आयोजन किया जाता है। इस क्षेत्र में दो प्रकार का सावन मानते हैं। तेलुगु सावन आज से प्रारंभ हुआ है इस तरह से इस इलाके में लगभग डेढ़ महीना का सावन दोनों मिलकर मानते हैं। शिव मंदिर के पं. वेद प्रकाश पांडे के द्वारा पूजा अर्चना कर सुबह शाम प्रसाद वितरण किया जाता है। 35 भक्तों का माह भर वेद मंत्रों के साथ रुद्राभिषेक सावन महीने के पूरे 30 दिन 35 भक्तों का वेद मंत्रों के साथ रुद्राभिषेक के साथ विशेष पूजा की जाएगी। बताया जाता है कि श्रावण मास में शिव का नित्य अभिषेक करने से बहुत पुण्य प्राप्त होता है और मनोवांछित फल मिलता है। यह अभिषेक पूरे सावन माह चलेगा। रुद्राभिषेक के लिए भक्तों के नाम, गोत्र एवं सहपरिवार के नाम से पूजा-अर्चना की जाएगी। 12 को भव्य कावड़ यात्रा श्रावण मास मे बीच 12 अगस्त को भव्य कावड़ यात्रा का आयोजन किया जाएगा। तीमेड़ से भक्त इंद्रावती का जल लेकर भोपालपटनम के शिव मंदिर में जल अभिषेक करेंगे। इसके लिए जोरों से तैयारियां चल रही हैं। कावड़ यात्रा में शामिल होने वाले भक्तों की लिस्ट भी तैयार की जा रही है। वेद मंत्रों के साथ इन परिवारों का होगा रुद्राभिषेक तेजऩारायण सिंह, गुज्जा सत्यनांदम, दिलीप मिरालवार, प्रवीण गुज्जा, के सेट्टी सागर, जी. सरोजादेवी, प्रेम गुज्जा, प्रकाश निष्ठूरी, नागेंद्र कुमार पडि़शाला, बाबूलाल पांडे, ताटी माता, चिन्नोड मादास, विश्वनाथ, श्याम कोंड्रा, सत्यनारायण अग्गीवार, महेश्वर गादे, देवेंद्र संगारती, मद्देरला श्रीनिवास, चिन्तपुरी पुरुषोत्तम, रामचरणपटेल, अनिल कुमार जन्नम, प्रमोद पालारपणार, आनंद पड़ीसालवार साँबाशिव पडिशालवार, प्रफुल्ल कुमार, वैभव कुमार, पेय्यल सत्यनारायण, के चलपतिराव, भीमारपु मधुकर, श्रीमती चन्द्रकला, एल नागया, दिपक वि_लराव बंडावार, राजेन्द्र भगवंराव चिमरालवार, श्रीकान्त पर्वतालवार, विश्वेशवर ताटपेल्लीवार, गट्टू सुधाकर।