क्या, किससे और कैसे सम्वाद पर इन्टरऐक्टिव सत्र

एनएमडीसी में विश्व जनसंपर्क दिवस हैदराबाद, 18 जुलाई। एनएमडीसी ने बताया कि विश्व जनसम्पर्क दिवस के अवसर पर एनएमडीसी ने अपने मुख्यालय में आज श्री अमिताभ मुखर्जी, सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) औरश्री बी. विश्वनाथ, सीव्हीओ की उपस्थिति में एक इन्टरऐक्टिव सत्र आयोजित किया। श्री समीर कपूर, अतिथि प्रोफेसर, आईआईएमसी, नई दिल्ली और श्री सुधाकर रेड्डी, संपादक (इंवेस्टिगेशन), टाइम्स ऑफ इंडिया, नई दिल्ली ने इस डिजिटल उन्नत युग में जनसम्पर्क और सम्वाद के महत्व पर सत्र लिया । एनएमडीसी ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारम्भ श्रीमती जी. प्रियदर्शिनी, सीजीएम (पी एंड ए) के स्वागत संदेश से हुआ, जिसके उपरांत श्री पी. जयप्रकाश, जीएम (सीसी) ने दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम के दौरान जनसम्पर्क क्षेत्र से प्रमुख वक्ताओं श्री समीर कपूर और श्री सुधाकर रेड्डी ने बदलती दुनिया में जनसम्पर्क का भविष्य विषय पर एनएमडीसी के कर्मचारियों के साथ अपना अनुभव और विशेषज्ञता सांझा किया । एनएमडीसी ने बताया कि इन्टरऐक्टिव सत्र की शुरुआत श्री समीर कपूर के साथ हुई, जिन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे दुनिया और जनसम्पर्क उद्योग में कोविड के बाद बदलाव आया है, इस क्षेत्र में वर्तमान रूझान और डिजिटल मीडिया में उपयोग किए जाने वाले नए उपकरण और तकनीक क्या हैं । श्री समीर कपूर ने कहा, जनसम्पर्क और कहानी सुनाना महत्वपूर्ण है, सभी को जनसम्पर्क की आवश्यकता है । कहानी कहने के परिप्रेक्ष्य से सीखने को मिलता है, जनसम्पर्क का अर्थ जनता के साथ अच्छे संबंध बनाना है । सीधे शब्दों में कहें तो जनसम्पर्क यह सुनिश्चित करता है कि आपकी छवि और प्रतिष्ठा बनी रहे । श्री रेड्डी ने बताया कि हम एक बड़ी डिजिटल और सामाजिक क्रांति का अनुभव कर रहे हैं । बड़े पैमाने पर समाज पर जो प्रभाव पड़ता है, पत्रकारिता जनसम्पर्क पर वह प्रभाव डालती है । हम एल्गोरिदम के युग में रह रहे हैं, जो कि किसी ब्रांड की छवि को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाता है । हैशटैग किसी भी चीज को बनाते और बिगाड़ते हैं और यहाँ तक कि लोकतंत्र पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं । वहीं, श्रीविश्वनाथ, सीव्हीओ (मुख्य सतर्कता अधिकारी), एनएमडीसी ने बताया कि सम्पूर्ण व्यावसायिक प्रक्रिया में जनसम्पर्क गतिविधियों का गहन प्रभाव पड़ता है ।

क्या, किससे और कैसे सम्वाद पर इन्टरऐक्टिव सत्र
एनएमडीसी में विश्व जनसंपर्क दिवस हैदराबाद, 18 जुलाई। एनएमडीसी ने बताया कि विश्व जनसम्पर्क दिवस के अवसर पर एनएमडीसी ने अपने मुख्यालय में आज श्री अमिताभ मुखर्जी, सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) औरश्री बी. विश्वनाथ, सीव्हीओ की उपस्थिति में एक इन्टरऐक्टिव सत्र आयोजित किया। श्री समीर कपूर, अतिथि प्रोफेसर, आईआईएमसी, नई दिल्ली और श्री सुधाकर रेड्डी, संपादक (इंवेस्टिगेशन), टाइम्स ऑफ इंडिया, नई दिल्ली ने इस डिजिटल उन्नत युग में जनसम्पर्क और सम्वाद के महत्व पर सत्र लिया । एनएमडीसी ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारम्भ श्रीमती जी. प्रियदर्शिनी, सीजीएम (पी एंड ए) के स्वागत संदेश से हुआ, जिसके उपरांत श्री पी. जयप्रकाश, जीएम (सीसी) ने दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम के दौरान जनसम्पर्क क्षेत्र से प्रमुख वक्ताओं श्री समीर कपूर और श्री सुधाकर रेड्डी ने बदलती दुनिया में जनसम्पर्क का भविष्य विषय पर एनएमडीसी के कर्मचारियों के साथ अपना अनुभव और विशेषज्ञता सांझा किया । एनएमडीसी ने बताया कि इन्टरऐक्टिव सत्र की शुरुआत श्री समीर कपूर के साथ हुई, जिन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे दुनिया और जनसम्पर्क उद्योग में कोविड के बाद बदलाव आया है, इस क्षेत्र में वर्तमान रूझान और डिजिटल मीडिया में उपयोग किए जाने वाले नए उपकरण और तकनीक क्या हैं । श्री समीर कपूर ने कहा, जनसम्पर्क और कहानी सुनाना महत्वपूर्ण है, सभी को जनसम्पर्क की आवश्यकता है । कहानी कहने के परिप्रेक्ष्य से सीखने को मिलता है, जनसम्पर्क का अर्थ जनता के साथ अच्छे संबंध बनाना है । सीधे शब्दों में कहें तो जनसम्पर्क यह सुनिश्चित करता है कि आपकी छवि और प्रतिष्ठा बनी रहे । श्री रेड्डी ने बताया कि हम एक बड़ी डिजिटल और सामाजिक क्रांति का अनुभव कर रहे हैं । बड़े पैमाने पर समाज पर जो प्रभाव पड़ता है, पत्रकारिता जनसम्पर्क पर वह प्रभाव डालती है । हम एल्गोरिदम के युग में रह रहे हैं, जो कि किसी ब्रांड की छवि को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाता है । हैशटैग किसी भी चीज को बनाते और बिगाड़ते हैं और यहाँ तक कि लोकतंत्र पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं । वहीं, श्रीविश्वनाथ, सीव्हीओ (मुख्य सतर्कता अधिकारी), एनएमडीसी ने बताया कि सम्पूर्ण व्यावसायिक प्रक्रिया में जनसम्पर्क गतिविधियों का गहन प्रभाव पड़ता है ।