बांग्लादेशः सोमवार को शेख़ हसीना के देश छोड़ने के बाद ढाका में क्या क्या हुआ

बांग्लादेश में शेख़ हसीना के इस्तीफ़ा देने और देश छोड़कर चले जाने के बाद कई शहरों में बड़े पैमाने पर लूटपाट और आगजनी की घटनाएं सामना आई हैं. ढाका में लोगों का हुजूम सड़कों पर उतर पड़ा और पीएम आवास समेत कई इमारतों में तोड़फोड़ हुई है. तस्वीरों में प्रधानमंत्री कार्यालय से लोगों को सामान उठाकर ले जाते हुए भी देखा गया है. जबकि प्रदर्शनकारी आवास में सोफ़ों पर बैठे और सेल्फ़ी लेते नज़र आए. इसके अलावा शेख़ हसीना सरकार के गृह मंत्री के आवास में भी तोड़ फोड़ की गई. बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने यह भी कहा कि देश में एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी और इसके लिए सभी पक्षों से बातचीत की गई है. बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने चिंता जताई है और देश में लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए फौरन कदम उठाने की बात कही है. बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के ख़िलाफ़ देश के छात्र जुलाई महीने से ही आंदोलन कर रहे थे. यह आंदोलन काफ़ी उग्र और हिंसक हो गया था और जुलाई माह में ही 300 से ज़्यादा लोग मारे गए. पिछले महीने ही शेख़ हसीना ने इस आंदोलन से निपटने के लिए सेना को तैनात किया था, लेकिन इसका आंदोलन पर ज़्यादा असर नहीं पड़ा. बांग्लादेश के छात्रों ने रविवार से सविनय अवज्ञा आंदोलन की अपील की थी. इसमें लोगों से तमाम सरकारी टैक्स न देने की अपील की गई थी. रविवार को बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी और इसमें क़रीब 90 लोगों की मौत हुई जबकि सोमवार को 20 लोगों के मारे जाने की पुलिस ने पुष्टि की है. शेख़ हसीना के बेटे सजीब वाजिद रॉय ने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के कार्यक्रम न्यूज़आवर से बातचीत में बताया है कि उनकी माँ रविवार को ही अपना पद त्यागने का मन बना चुकी थीं.(bbc.com/hindi)

बांग्लादेशः सोमवार को शेख़ हसीना के देश छोड़ने के बाद ढाका में क्या क्या हुआ
बांग्लादेश में शेख़ हसीना के इस्तीफ़ा देने और देश छोड़कर चले जाने के बाद कई शहरों में बड़े पैमाने पर लूटपाट और आगजनी की घटनाएं सामना आई हैं. ढाका में लोगों का हुजूम सड़कों पर उतर पड़ा और पीएम आवास समेत कई इमारतों में तोड़फोड़ हुई है. तस्वीरों में प्रधानमंत्री कार्यालय से लोगों को सामान उठाकर ले जाते हुए भी देखा गया है. जबकि प्रदर्शनकारी आवास में सोफ़ों पर बैठे और सेल्फ़ी लेते नज़र आए. इसके अलावा शेख़ हसीना सरकार के गृह मंत्री के आवास में भी तोड़ फोड़ की गई. बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने यह भी कहा कि देश में एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी और इसके लिए सभी पक्षों से बातचीत की गई है. बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने चिंता जताई है और देश में लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए फौरन कदम उठाने की बात कही है. बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के ख़िलाफ़ देश के छात्र जुलाई महीने से ही आंदोलन कर रहे थे. यह आंदोलन काफ़ी उग्र और हिंसक हो गया था और जुलाई माह में ही 300 से ज़्यादा लोग मारे गए. पिछले महीने ही शेख़ हसीना ने इस आंदोलन से निपटने के लिए सेना को तैनात किया था, लेकिन इसका आंदोलन पर ज़्यादा असर नहीं पड़ा. बांग्लादेश के छात्रों ने रविवार से सविनय अवज्ञा आंदोलन की अपील की थी. इसमें लोगों से तमाम सरकारी टैक्स न देने की अपील की गई थी. रविवार को बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी और इसमें क़रीब 90 लोगों की मौत हुई जबकि सोमवार को 20 लोगों के मारे जाने की पुलिस ने पुष्टि की है. शेख़ हसीना के बेटे सजीब वाजिद रॉय ने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के कार्यक्रम न्यूज़आवर से बातचीत में बताया है कि उनकी माँ रविवार को ही अपना पद त्यागने का मन बना चुकी थीं.(bbc.com/hindi)