ग़ज़ा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए अब अपनाया जाएगा ये रास्ता

यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन का कहना है कि ग़ज़ा में राहत कार्यों को बढ़ावा देने के लिए एक समुद्री गलियारा इस हफ़्ते के अंत तक शुरू हो सकता है. उनका यह बयान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के उस बयान के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने ग़ज़ा के तट पर एक तैरता हुआ घाट (फ्लोटिंग पियर) बनाने की योजना बनाई है. हालांकि, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने शुक्रवार को कहा कि इसके बनने में 60 दिनों तक का समय लग सकता है. संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रिपोर्ट के अनुसार, ग़ज़ा की एक चौथाई आबादी भुखमरी की कगार पर है और वहां बच्चे भूख से मर रहे हैं. ग़ज़ा पट्टी में मदद हासिल करना कठिन और ख़तरनाक साबित हो रहा है. शुक्रवार की रिपोर्ट में बताया गया कि हवाई मार्ग से गिराई गई सहायता के कारण पांच लोग मारे गए. हालात के लगातार बिगड़ने के कारण अमेरिका और अन्य देश हवाई मार्ग से राहत पहुंचा रहे हैं. लेकिन राहत संस्थाओं का कहना है कि यह रणनीति अंतिम उपाय है और यह बढ़ती ज़रूरत को पूरा नहीं कर सकती. साइप्रस में उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि ग़ज़ा मानवीय आपदा का सामना कर रहा है. इस समुद्री गलियारे से बड़े स्तर पर अतिरिक्त मदद दी जा सकेगी. यूरोपीय आयोग, साइप्रस, अमेरिका, ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात के एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि समुद्री गलियारे का संचालन करना जटिल होगा. इसमें ये भी कहा गया कि वे सड़क मार्ग से राहत कार्यों का विस्तार करने, और अधिक रास्तों को सुविधाजनक बनाने और अतिरिक्त क्रॉसिंग खोलने के लिए इसराइल पर दबाव डालना जारी रखेंगे. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरन ने कहा, हम इसराइल से लगातार अनुरोध कर रहे हैं कि वे ग़ज़ा में और अधिक ट्रकों को अनुमति दे, ताकि ज़रूरतमंद लोगों तक तेज़ी से सहायता पहुंचाई जा सके. इसराइल ने इस पहल का स्वागत किया और अन्य देशों से इसमें शामिल होने का आग्रह किया. विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि इसराइली मानकों के अनुसार सुरक्षा जांच के बाद मदद दी जाएगी.(bbc.com/hindi)

ग़ज़ा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए अब अपनाया जाएगा ये रास्ता
यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन का कहना है कि ग़ज़ा में राहत कार्यों को बढ़ावा देने के लिए एक समुद्री गलियारा इस हफ़्ते के अंत तक शुरू हो सकता है. उनका यह बयान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के उस बयान के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने ग़ज़ा के तट पर एक तैरता हुआ घाट (फ्लोटिंग पियर) बनाने की योजना बनाई है. हालांकि, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने शुक्रवार को कहा कि इसके बनने में 60 दिनों तक का समय लग सकता है. संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रिपोर्ट के अनुसार, ग़ज़ा की एक चौथाई आबादी भुखमरी की कगार पर है और वहां बच्चे भूख से मर रहे हैं. ग़ज़ा पट्टी में मदद हासिल करना कठिन और ख़तरनाक साबित हो रहा है. शुक्रवार की रिपोर्ट में बताया गया कि हवाई मार्ग से गिराई गई सहायता के कारण पांच लोग मारे गए. हालात के लगातार बिगड़ने के कारण अमेरिका और अन्य देश हवाई मार्ग से राहत पहुंचा रहे हैं. लेकिन राहत संस्थाओं का कहना है कि यह रणनीति अंतिम उपाय है और यह बढ़ती ज़रूरत को पूरा नहीं कर सकती. साइप्रस में उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि ग़ज़ा मानवीय आपदा का सामना कर रहा है. इस समुद्री गलियारे से बड़े स्तर पर अतिरिक्त मदद दी जा सकेगी. यूरोपीय आयोग, साइप्रस, अमेरिका, ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात के एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि समुद्री गलियारे का संचालन करना जटिल होगा. इसमें ये भी कहा गया कि वे सड़क मार्ग से राहत कार्यों का विस्तार करने, और अधिक रास्तों को सुविधाजनक बनाने और अतिरिक्त क्रॉसिंग खोलने के लिए इसराइल पर दबाव डालना जारी रखेंगे. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरन ने कहा, हम इसराइल से लगातार अनुरोध कर रहे हैं कि वे ग़ज़ा में और अधिक ट्रकों को अनुमति दे, ताकि ज़रूरतमंद लोगों तक तेज़ी से सहायता पहुंचाई जा सके. इसराइल ने इस पहल का स्वागत किया और अन्य देशों से इसमें शामिल होने का आग्रह किया. विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि इसराइली मानकों के अनुसार सुरक्षा जांच के बाद मदद दी जाएगी.(bbc.com/hindi)