एमएमआई नारायणा में मिला नया जीवन

कोण्डागांव के उमेश ने जीती कैंसर से जंग रायपुर, 20 फरवरी। एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल ने बताया कि हर साल 15 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य बच्चो में होने वाले कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना और कैंसर के सही इलाज के लिए काम करना है। कैंसर सिर्फ बड़ो में ही नहीं बल्कि बच्चो में मृत्यु का बहुत बड़ा कारण है। हॉस्पिटल ने बताया कि इस दिन का महत्व इसलिए भी है ताकि हम सही समय पर बच्चों मे कैंसर का पता लगा सके और इस बारे में जागरूकता बढ़ा सके है। बच्चो में होने वाले प्रमुख कैंसर में ल्युकेमिआ , ब्रेन एवं केंद्रीय तंत्रिका का टूमॉर, लिंफोमा ,मेडुलोब्लास्टोमा और रेटिनोब्लास्टोमा प्रमुख है। हॉस्पिटल ने बताया कि ऐसा ही कोंडागांव जिले का रहने वाला 15 साल का बच्चा उमेश सोरी एमाइलॉयडोसिस नाम की दुर्लभ बिमारी से जूझ रहा था जो पचास लाख लोगों मे से किसी एक को होती है । उमेश कुछ ही साल का था जब उसके माता-पिता गुजर गए और अब वह अपने बड़ा भाई के साथ रहने लगे, अजय का बड़ा भाई चपरासी की नौकरी करता है, और उनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है। हॉस्पिटल ने बताया कि उमेश की बीमारी 5 महीने पहले शुरू हुई जिसमे उसके पेट मे बहुत दर्द रहता था एवं बुखार के साथ-साथ छाती और पेट मे सूजन भी आ गयी और वह चल भी नहीं पा रहा था, जिसके कारण उसे कमजोरी आ गयी थी। हॉस्पिटल ने बताया कि स्थानी डॉक्टर को दिखाने पर उन्हें कोई गंभीर बीमारी की आशंका हुई तो उन्होंने उसे रायपुर स्थित एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल रेफर कर दिया, जहा डॉ यशवंत कश्यप (मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट) ने जाँच मे पाया की अजय को एमाइलॉयडोसिस (जिसमे पेट की तीली के पास प्रोटीन जमा हो जाता है) नामक दुर्लभ बीमारी के साथ ब्लड कैंसर भी था । हॉस्पिटल ने बताया कि डॉ यशवंत कश्यप ने उमेश का हौसला बढ़ाया और इलाज चालू किया, उमेश को ठीक करने के लिए उसे शुरूआती महीनों में कीमोथेरपी और इम्यूनोथेरेपी दी गई धीरे धीरे उसकी तबीयत मे सुधार आने लगा और अब उमेश कैंसर से पूरी तरह ठीक हो चुका है ।

एमएमआई नारायणा में मिला नया जीवन
कोण्डागांव के उमेश ने जीती कैंसर से जंग रायपुर, 20 फरवरी। एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल ने बताया कि हर साल 15 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य बच्चो में होने वाले कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना और कैंसर के सही इलाज के लिए काम करना है। कैंसर सिर्फ बड़ो में ही नहीं बल्कि बच्चो में मृत्यु का बहुत बड़ा कारण है। हॉस्पिटल ने बताया कि इस दिन का महत्व इसलिए भी है ताकि हम सही समय पर बच्चों मे कैंसर का पता लगा सके और इस बारे में जागरूकता बढ़ा सके है। बच्चो में होने वाले प्रमुख कैंसर में ल्युकेमिआ , ब्रेन एवं केंद्रीय तंत्रिका का टूमॉर, लिंफोमा ,मेडुलोब्लास्टोमा और रेटिनोब्लास्टोमा प्रमुख है। हॉस्पिटल ने बताया कि ऐसा ही कोंडागांव जिले का रहने वाला 15 साल का बच्चा उमेश सोरी एमाइलॉयडोसिस नाम की दुर्लभ बिमारी से जूझ रहा था जो पचास लाख लोगों मे से किसी एक को होती है । उमेश कुछ ही साल का था जब उसके माता-पिता गुजर गए और अब वह अपने बड़ा भाई के साथ रहने लगे, अजय का बड़ा भाई चपरासी की नौकरी करता है, और उनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है। हॉस्पिटल ने बताया कि उमेश की बीमारी 5 महीने पहले शुरू हुई जिसमे उसके पेट मे बहुत दर्द रहता था एवं बुखार के साथ-साथ छाती और पेट मे सूजन भी आ गयी और वह चल भी नहीं पा रहा था, जिसके कारण उसे कमजोरी आ गयी थी। हॉस्पिटल ने बताया कि स्थानी डॉक्टर को दिखाने पर उन्हें कोई गंभीर बीमारी की आशंका हुई तो उन्होंने उसे रायपुर स्थित एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल रेफर कर दिया, जहा डॉ यशवंत कश्यप (मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट) ने जाँच मे पाया की अजय को एमाइलॉयडोसिस (जिसमे पेट की तीली के पास प्रोटीन जमा हो जाता है) नामक दुर्लभ बीमारी के साथ ब्लड कैंसर भी था । हॉस्पिटल ने बताया कि डॉ यशवंत कश्यप ने उमेश का हौसला बढ़ाया और इलाज चालू किया, उमेश को ठीक करने के लिए उसे शुरूआती महीनों में कीमोथेरपी और इम्यूनोथेरेपी दी गई धीरे धीरे उसकी तबीयत मे सुधार आने लगा और अब उमेश कैंसर से पूरी तरह ठीक हो चुका है ।