मिसन मोड़ म काम अउ महत्वपूर्ण योजना के समीक्षा: अमिताभ जैन
: मिशन मोड म काम करे बर कलेक्टर मन ल आदेस मिलिस:- मुख्य सचिव ह कलेक्टर कॉन्फ्रेंस म महत्वपूर्ण योजना मन के समीक्षा करिन।
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ह इहा के मंत्रालय महानदी भवन ले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिया जम्मो सभायुक्त, कलेक्टर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अउ मुख्य स्वास्थ्य अउ चिकित्सा अधिकारी मन के बइठक लिन। बइठक मुख्य रूप ले गौधन न्याय योजना के तहत तियार वर्मी कम्पोस्ट के शत-प्रतिशत विक्रय ले जैविक खाद ल बढ़ावा दे के अभियान सुरु करे, गौठान मन म स्थापित बहुउद्देश्यीय आजीविका केंद्र म अलग - अलग बिभाग मन के योजना मन के समन्वय करय। किसान मन ल धान के जगा म आने फसल बोए बर प्रोत्साहित करय। कोविड 19 टीकाकरण के लछ्य मन ल पूरा करे बर अउ आधार लिंकेज अउ राष्ट्रीय राजमार्ग के राज्य म चलत काम मन के प्रगति के समीक्षा करे गए हे। बइठक म अपर मुख्य सचिव रेणु जी पिल्ले सहित कृषि पंचायत अउ ग्रामीण विकास ,स्वास्थ्य अउ परिवार कल्याण अउ लोक निर्माण विभाग के सचिव अउ मिशन संचालक जुरियाइन।
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ह कहिन की जैवक खाद ल बढावा दे बर गोधन न्याय योजना के तहत तियार होए वर्मी कम्पोस्ट खाद के शत- प्रतिशत विक्रय के कार्ययोजना बनाना हे। एकर बर खरीफ फसल न बोए के पहिली किसान कार्यशाला, किसान संगोष्ठी, किसान चौपाल, कृषि सखी, किसान मित्र, पशु सखी,पशु मित्र के माध्यम ले जैविक खाद के उपयोग के प्रति जागरूकता अभियान चलाना हे। एकर बर सोसायटी स्तर म जैविक खाद के विक्रय के आकलन करे के आदेश जैन ह दिन हे। जैविक खाद के उपयोग करे बर प्रोत्साहित करें हे। जैन ह कहिन की सब्बो जिला म गर्मी के फसल के समय कृषि बिभाग दवारा दु परकार के प्रदर्शन छेत्र तियार करे जाहि। जेमा जैविक खाद अउ रासायनिक खाद के उपयोग ले फसल के उत्पादन के गुन के तुलना के संग ही किसान मन के जैविक खेती के प्रति प्रोत्साहित करें जाहि। ए संबंध म एक सप्ताह के भीतर कार्ययोजना बना के सचिव कृषि बिभाग ल प्रस्तुत करे के आदेस दे गए हे। गौठान मन म स्थापित बहुउद्देश्यीय आजीविका केंद्र म आय कमाए के गतिविधि मन के समीक्षा करत हुए मुख्य सचिव ह कहिन की ए केंद्र मन म स्थनीय स्तर म उपलब्ध होने वाला कच्चा माल के आधार म ही आजीविका गतिविधि मन के संचालन तय करे जाहि। संग म इहा निर्मित उत्पादन मन ल बेचे के व्यवस्था भी सुनिश्चित करे जाहि। अउ कहिन की ए आजीविका केंद्र मन के गतिविधि मन ल चलाय बर सरकार के अलग-अलग बिभाग मन के अलग-अलग योजना मन के समन्वय ल करे जाय। अउ ए गतिविधि मन बर जरूरी समान के व्यवस्था बिभाग मन दवारा करे जाहि। गौठान मन ल आत्मनिर्भर बनाए बर गौठान समूह मन ल अलग- अलग आय उपार्जन गतिविधि मन ले जोड़े बर कहे हे। सब्बो गौठान मन म वर्मी कम्पोस्ट टंकी के निर्माण अउ महिला अउ पुरुष मन बर अलग- अलग गौठान शौचालय मन के निर्माण करे के आदेस जैन हर दिन। रोजगार गारंटी योजना के तहत अइसे काम जेमा जादा से जादा श्रमिक मन ल रोजगार मिल सके के चिन्हांकन करे के आदेस दे हे। ए संबंध म विस्तृत कार्ययोजना 15 दिन के भीतर सचिव पंचायत अउ ग्रामीण विकास बिभाग ल प्रस्तुत करे बर कहे गए हे।
किसान मन ल धान के जगा म आने फसल बोए बर प्रोत्साहित करें के संबंध म चर्चा के समय जैन ह कहिन की सोसायटी वार लछ्य के निर्धारन करे जाए। जेकर माध्यम ले ये पक्का हो कि सबो जिला म आने वाला खरीफ बछर म कतना हेक्टेयर छेत्र म धान के जगा आने फसल के उत्पादन करे जाहि। अउ कहीन की कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक मन , कृषि बिभाग के मैदानी अधिकारी मन ल अउ किसान मित्र मन के सहायता ले आने फसल बोए बर किसान मन ल प्रोत्साहित करे जाहि। एकर बर जमीन के ऊपजाऊ के अनुसार जमीन अउ किसान मन के चिन्हांकन करे अउ इही आधार म लिये जाने वाला फसल ल चिन्हांकित करे के आदेस दे गए हे। कोविड - 19 टीकाकरण के निर्धारित लछ्य मन के पूर्ति अउ आधार लिंकेज के समीक्षा करत हुए मुख्य सचिव ह कहिन की फ्रंटलाइन कर्मचारि मन के टिकाकरण के नियमित जाँच करे जाए। पहला डोज के टिकाकरण के चार सप्ताह बाद दूसरा टिकाकरण के डोज दे जाहि। टिका लगवाय बर सबो स्वास्थ्य कर्मी मन ल , पुलिस मन ल, नागरीय निकाय अउ पंचायत कर्मी मन के आधार नंबर के भी संकलन करे जाहि। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मन्ध्यम स्कूल के संचालन समीक्षा करत हुए श्री जैन ह बताइन की राज्य भर म 54 स्कूल मन के संचालन करे जात हे। आने वाला शिक्षा सत्र म 64 नवा स्कूल मन के संचालन करे जात हे। जैन ह सब्बो संभाग मन ल आदेस दे हे कि ए स्कूल मन के संचालन बर करे जाने वाला प्रक्रिया अउ निर्माण के स्थिति के निरीक्षण अउ समीक्षा नियमित रूप ले करे जाहि। बइठक म भारत सरकार सड़क परिवहन अउ राजमार्ग मंत्रालय दवारा छत्तीसगढ़ म प्रस्तावित नवा काम अउ प्रगतिरत काम मन ल तेजी लाए बर आदेस सबो जिला कलेक्टर मन ल दे हे।
सांस्कृतिक साहित्यिक अउ कला के नजर ले उत्कृष्ट अउ उन्नत छत्तीसगढ़ के निर्माण म जम्मो झन सहभागी बनिन:- डॉ. महंत
छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ह कहिन की छत्तीसगढ़ के भावी पीढ़ी ल उकर विकास के सकारात्मक माहोल उपलब्ध कराए बर छत्तीसगढ़ के संस्कृति ल विश्वव्यापी बनाए बर शिक्षा, साहित्य अउ कला के नजर ले उन्नत छत्तीसगढ़ राज्य बनाय के किसान सहित सब्बो वर्ग के लोगन सहभागी बने।
डॉ. महंत जांजगीर चापा जिला के सारागांव म सहकारी समिति के नवनिर्मित धान खरीदी केंद्र भवन के लोकार्पण समारोह ल संबोधित करत रहिन। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ह आज सोनियापाठ गांव म नवगठित ग्राम पंचायत के नवनिर्मित भवन के उदघाटन करिन । उदघाटन समारोह के अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष मति यनिता चंद्रा ह करिन। लोकार्पण समारोह ल संबोधित करत हुए डॉ. महंत गांव के रहिया मन ल नवा पंचायत गठित होए अउ नवा भवन के लोकार्पण के बधाई अउ सुभकामन दिन। किसान मन के मांग म सारागांव म कृषि सहकारी वर्ग के सूचना दिन । अउ कहिन की सबो ग्रामीण पंचायत प्रतिनिधि ग्राम विकास बर जुरिया के काम करय। अउ कहिन की महिला पंचायत प्रतिनिधि मन ल आघु बढ़ाय अउ ओमन ल प्रोत्साहित करे के काम करय। जेकर ले ग्राम विकास अउ जनहित के बेहतर काम करे के योग्य बन सकय। अउ कहिन की ग्राम पंचायत सदस्य रुखमडी देवी दवारा सीसी रोड के रददा ल बनाय के मांग म सकारात्मक कार्यवाही करे के बात कहे हे। समारोह ल जिला पंचायत अध्यक्ष यनिता चंद्रा, सरपंच रुखमडी साहू, गुलजार सिंह ह संबोधित करिन । सोनियापाठ छेत्र म होवइया विकास काम के जानकारी दिन।
डॉ. महंत ह आज सक्ति विकासखंड के ग्राम देवरी म धोबी बरेठ समाज के सामुदायिक भवन के विधिवत लोकार्पण करिन। समारोह ल सम्बोधित करत हुए डॉ. महंत ह कहिन की माईलोगन मन के सम्मान करके ही समाज विकास के रददा म आघु बढ़ सकथे। अपन विचार प्रकट करे के समय डॉ. महंत ह बताइन की सारागांव ले देवरी रेलवे टेसन तक सड़क बनाय बर 9 करोड़ रुपया के प्रस्ताव सरकार ल भेजिन हे अउ कहिन की मंजूरी मिले के बाद सारागांव ले देवरी तक सुविधाजनक रददा बनहि । समारोह म डॉ. महंत के करकमल दवारा कोरोना काल म अपन जिम्मेदारी के निर्वाहन करइया मितानिन मन ल लुगरा अउ नरियर देके उकर सम्मान करिन । संकुल समन्वयक श्री प्रेमलाल देवांगन ए मउका म सम्मानित होइन। सम्मानित होवइया मितानिन मन म सुशीला सूर्यवंशी, निर्मला, सावित्री कश्यप सबो सामिल रहिन। ए मउका म जिला पंचायत उपाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह , जांजगीर- नैला के नगर पालिका अध्यक्ष भगवान दास गढ़ेवाल , विवेक सिसोदिया, दिनेश शर्मा, नगर पंचायत अध्यक्ष सारागांव राम किशोर सूर्यवंशी, नगर पालिका सक्ति के पूर्व अध्यक्ष श्याम सुंदर अग्रवाल, चापा नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष राजेश अग्रवाल, रवि पांडे, मति शेषराज हरबंश, कृषक गण, गढमान्य नागरिक उपस्थित रहीन
काष्ठ शिल्पकार मन के कला न नवा चिन्हारी मिलत हे: मंत्री गुरु रूद्रकुमार
छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड देवत हे शिल्पी मन ल स्व-रोजगार के प्रशिक्षण
ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार के पहल म छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड प्रशिक्षण के माध्यम ले अनुसूचित जाति के काष्ठ कला शिल्पकार मन के कला ल नवा चिन्हारी मिले हे। मंत्री गुरु रुद्रकुमार के सलाह म ग्रामोद्योग बिभाग के शिल्पकार मन दवारा तियार करे गए कलाकृति मन ल बेहतर बाजार उपलब्ध कराए बर ऑनलाइन प्लेटफार्म भी उपलब्ध कराए हे। जेकर ले छत्तीसगढ़ के कलाकृति मन के देश म ही नही बिदेस मन म भी बड़ई होए हे। अउ शिल्पकार मन के कला ल निखारे बर छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड दवारा काष्ठ शिल्प ले जुड़े नवा युवा शिल्प मन ल डिजाइन तकनीकी प्रशिक्षण दे जात हे।
छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड , जगदलपुर के महाप्रबंधक एल. एस. वट्टी ह बताइन की बस्तर जिला के शिल्पग्राम परचनपाल म काष्ठ शिल्प ले जुड़े शिल्पी मन के विगत एक फरवरी ले एक महिना के तकनीकी प्रशिक्षण विशेषज्ञ मन दवारा दे जात हे। ए प्रशिक्षण केंद्र म काष्ठ शिल्प ले जुड़े अनुसूचित जाति के 30 नवा शिल्पी मन के कला ल तरासे जावत हे। हस्तशिल्प विकास बोर्ड दवारा ए प्रशिक्षण कार्यक्रम बर प्रशिक्षक अउ डिजाइनर नियुक्त करे गए हे। प्रशिक्षण के समय सबो शिल्पी मन ल 6 हजार 900 रुपया के छात्रवृत्ति, कच्चा माल सहित निःशुल्क औजार अउ उपकरण उपलब्ध कराए गए हे। अउ प्रशिक्षण के बाद काष्ठ शिल्प के ए शिल्पी मन ल स्व- रोजगार ले जोड़े जाहि।
विशेष पिछड़े जनजाति बैगा ल समाज के मुख्यधारा म लाय जाऐ :- डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम।
तीन दिन के बैगा बाल महोत्सव के सुरुआत
बैगा समाज ल विकास के मुख्यधारा म जोड़े बर छत्तीसगढ़ सरकार प्रतिबद्ध।
आदिम जाति अउ अनुसूचित जाति के विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ह कबीरधाम जिला के बैगा बाहुल्य पंडरिया विकासखंड ले दूरिया अउ कठिन बन गांव छिन्दीडीह म तीन दिन के बैगा महोत्सव के विधिवत सुरुआत करिन। मंत्री डॉ. टेकाम ह बैगा बाल महोत्सव के सुरुआत करत हुए स्थानीय वनोपज संसाधन मन के सामग्री ल लेके प्रदर्शनी के अवलोकन करे हे अउ बैगा नर्तक दल मन के संग गीत - संगीत म हिस्सा लेवत हुए बैगा आदिवासी मन के संग नृत्य भी करिन। मंत्री डॉ. टेकाम ह तीन अलग- अलग बैगा नर्तक दल मन ल 45 हजार के चेक वितरन करिन। लगातार 11 वा बछर बैगा समाज अउ अस्था समिति दवारा बैगा बाल महोत्सव के आयोजन करे जात हे।
मंत्री डॉ. टेकाम ह बैगा बाल महोत्सव के सुरुआती मउका म कहिन की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अगुवाई म सरकार दवारा राज म रहिया खास पिछड़े जनजाति मन के संस्कृति अउ ओकर रखवाली अउ तरक्की के संग समाज ल विकास के मुख्यधारा म लाय बर कई महत्वपूर्ण फइसला लेवत हे। छत्तीसगढ़ राज म पांच खास पिछड़ा जनजाति बैगा, अबुझमाड़िया, कमार, पहाड़ी कोरबा अउ बिरहोर रइथे। ए सबो खास पिछड़ा जनजाति मन के विकास बर खास व्यवस्था कर गए हे। राज सरकार दवारा खास रुप से पिछड़े जनजाति मन के कला- संस्कृति ल सम्हाले बर जरुरी फइसला लेवत हे। अउ कहिन की बैगा बोली - भासा के बिसेसता अउ महत्व ल बनाए राखे बर बैगानी भासा म पाठ्य पुस्तक के प्रकाशन करत हे। अब इहा के लइका अपन भासा म पुस्तक ल पढ़त हे। डॉ. टेकाम ह कहिन की प्रदेश म कबीरधाम जिला पहिली जिला हरय जिहा बैगा समाज के पढ़े- लिखे सैकड़ो शिक्षित युवक-युवती मन ल शाला संगवारी के रूप म चुनके रोजगार ले जोड़त हे। राज सरकार के नीति के परिणाम हे कि आज बैगा समाज के युवक-युवती मन स्कूल के लइका मन ल पढ़ावत हे।
मंत्री डॉ. टेकाम ह कहिन की वनांचल अउ जंगल मन के बीच म सैकड़ो बछर ले रहिया मनखे मन के आर्थिक अउ सामाजिक विकास बर अनेक आयोजन बनाए जात हे। एकर अलावा ओमन ल आर्थिक रूप ले मजबूत अउ स्थानीय स्तर म रोजगार के मउका दे बर वनोपज संग्रहण बर नीति बनाय गए हे। वनोपज महुआ के समर्थन मूल्य 17 रुपया ले बढाके 30 रुपया प्रति किलो के दर निर्धारित कर दे हे। तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 25 सौ रुपया ले बढ़ाके सीधा 4 हजार रुपया कर दे हे। प्रदेश भर म 856 बजार-हाट म छोटे वनोपज के खरीदी के नवा व्यवस्था करे से प्रदेश के किसान मन से लेके बन मन म रहिया लाखो निवासी मन ल एकर सीधा फाइदा मिलत हे। अउ कहिन की छत्तीसगढ़ सरकार दवारा तेंदूपत्ता जमा करइया मन ल समाजिक सुरक्षा के फाइदा दे बर सहित महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक समाजिक सुरक्षा योजना बनाए गए हे । पूरा प्रदेश म ए योजना के तहत तेंदूपत्ता संग्राहक म लगे हुए लगभग 12 लाख 50 हजार संग्राहक परिवार मन ल सामाजिक सुरक्षा के फाइदा मिलत हे। अउ बताइन की संग्राहक परिवार के सियान के स्वर्गवास होही त ओकर वारिश ल 4 लाख रुपया दे के नियम हे।
महोत्सव के सुरुआति मउका म नीलकंठ चंद्रवंशी, मुकुंद माधव कश्यप, रामकुमार सिन्हा, बैगा समाज के प्रदेशाध्यक्ष इतवारी बैगा, लमतू राम बैगा, बैगा विकास अभिकरण के जिला अध्यक्ष श्री पुसूराम बैगा , बैगा समाज के जिला अध्यक्ष श्री कामु बैगा अउ कोरिया, मुंगेली, गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला म रहिया बैगा समाज के जिला अध्यक्ष अउ पदाधिकारी बिसेष रूप ले उपस्थित रहिन।
छत्तिसगढ़ म बिकसित कई फसल के 12 नवा किस्म ल भारत सरकार दिस मंजुरी
रायपुर। छत्तिसगढ़ के इंदिरा गांधी कृसि विस्वविद्यालय के विकसित बिभिन्न फसल के 12 नवा किस्म ल व्यावसायिक खेती अउ गुनवत्ता बीज उत्पादन बर भारत सरकार के केन्दरीय बीज उपसमिति ह अधिसूचित करे हे। भारतीय कृसि अनुसंधान परिसद के उप महानिदेसक फसल बिज्ञान के अध्यक्षता म केन्दरीय बीज उपसमिति के बइठक आयोजित करे गिस, जेमा कृसि विस्वविद्यालय रायपुर के विकसित चावल के तीन, गेहूं दो, चना एक, सोयाबीन तीन, कुसुम एक अउ अलसी के दु नवा किस्म ल छत्तिसगढ़ अउ देस के दूसर राज्य म व्यावसायिक खेती अउ गुनवत्ता बीज उत्पादन बर अधिसूचित करिस। अवइया बछर म विस्वविद्यालय म बिकसित ये सब्बो नवा किस्म ल व्यावसायिक खेती अउ गुनवत्ता बीज उत्पादन कारयकरम म लेय जाहि।
केन्दरीय बीज उपसमिति ह इंदिरा गांधी कृसि विस्वविद्यालय के बिकसित जउन नवा फसल किस्म ल अधिसूचित करे हे, ओमा धान के तीन नवा किस्म-विक्रम टीसीआर (विक्रम ट्रॉम्बे छत्तीसगढ़ चावल), सीजी जवांफूल ट्रॉम्बे (आरटीआर-31), सीजी बरानी धान-2 (आरआरएफ-105) ल छत्तिसगढ़ बर अधिसूचित करे गिस। गेहूं के नवा किस्म - सीजी-1029 (कनिस्क) ल छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान के (कोटा अउ उदयपुर संभाग) अउ उत्तर प्रदेस के (झांसी संभाग), हंसा गेहूं (सीजी-1023) ल छत्तिसगढ़ बर अधिसूचित करे गेय हे।
विस्वविद्यालय ह बिकसित चना के नवा किस्म-आरजी 2015-08 (सीजी लोचन चना) कल छत्तिसगढ़ अउ मध्यप्रदेश बर अधिसूचित करे गिस। अइसने ही सोयाबीन के नवा किस्म- आरएससी 11-07 को पुरवी छेतरी (पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखण्ड, ओडिशा अउ छत्तीसगढ़, दक्छिनी छेत्र (दक्षिण महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आन्ध्रप्रदेश अउ तमिलनाडु) राज्य बर अधिसूचित करिस। सोयाबीन के किस्म आरएससी-10-46 ल पूरवी छेतरा (पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखण्ड, ओड़िशा अउ छत्तिसगढ़), मध्य छेतरा (मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश के बुंदेलखण्ड छेतरा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा अउ विदर्भ) छेतरा बर अधिसूचित करे गेय हे। सोयाबीन के नवा किस्म आरएससी-1052 ल (मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश के बुंदेलखण्ड छेतरा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा अउ विदर्भ) छेतरा बर अधिसूचित करे गिस। कुसुम के नवा किस्म आईजीकेवी कुसुम (आरएसएस-2016-30) ल छत्तिसगढ़ अ मध्यप्रदेश बर अधिसूचित करिस। अलसी के नवा किस्म आरएलसी-164 अउ आरएलसी-167 ल जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब अउ छत्तीसगढ़ बर अधिसूचित करे गिस।
इंदिरा गांधी कृसि विस्वविद्यालय के विकसित अउ भारत सरकार के अधिसूचित बिभिन्न फसल के नवा किस्म बिसेस गुन अउ बिसेसता हवय। धान के विक्रम टी.सी.आर. किस्म सफरी-17 परजाति के म्यूटेसन ब्रीडिंग ले बिकसित करे गेय हे। ये एक बौनी, मध्यम अवधि (118-122 दिन) अउ जादा उत्पादन (60-65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर) देने वाला किस्म हरय। येकर दाना पतला अउ मुर्रा बनाय बर अच्छा काम आहि। छत्तिसगढ़ जवांफूल ट्रॉम्बे किस्म छत्तीसगढ़ के पारंपरिक सुगंधित धान परजाति जवांफूल के म्यूटेसन ब्रीडिंग ले बिकसित करे गेय हे। ये एक मध्यम बौनी, मध्यम अवधि अउ अधिक उपज (38-40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर) देना वाला किस्म हरय। येकर दाना छोटे, सुगंधित अउ खीर बनाय जा सकत हे। अइसने ही बरानी धान-2 किस्म छत्तिसगढ़ के मइदानी छेतरा के बरसा ऊपर निरभर निचला भूमि बर अच्छा रहि। ये किस्म सुखा निरोधक जल्द पकने वाला, ब्लास्ट अउ भुरा धब्बा बिमारी ल सह सकत हे। गेहूं के नवा बिकसित किस्म सीजी-1029 (कनिस्क) बड़का दाना (1000 दाना के वजन 48.7 ग्राम) अउ जादा पोरटीन (12 प्रतिसत) वाला किस्म हरय, जउन चपाती बनाय बर उपयुक्त हे। येमा आवस्यक सूक्ष्म तत्व-आयरन (38 पीपीएम) अउ जिंक (35 पीपीएम) घलो पाय जथे। ये किस्म भुरा अउ करिया रस्ट बिमारी ले लड़े के छमता पाय गेय हे। येकर औसत उत्पादन 52 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हे।
छत्तिसगढ़ हंसा गेहूं - सीजी-1023 एक बायोफोर्टिफाईड किस्म हरय, जेमा 11.85 प्रतिसत पोरटीन अउ जिंक के मातरा 40 पीपीएम ले जादा पाय गिस, ये चपाती बनाय के अच्छा काम आ सकथे। येकर 1000 दाना के वजन 42 ग्राम होथे। येखर किस्म भुरा, करिया अउ पीला रस्ट बिमारी ले लड़े के छमता पाय गेय हे। येखर अउसत उपज 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हे।
सोयाबीन के नवा किस्म आरएससी 11-07 कई बिमारी अउ कीरा ले लड़े के छमता पाय गेय हे। ये किस्म इंडियन बड ब्लाइट, पॉट ब्लाइट बिमारी, स्टैम फ्लाई अउ गर्डल बीटल कीरा ले लड़थे। ये 97 से 102 दिन म पक के तइयार हो जथे अउ 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देय म सक्षम हे। सोयाबीन के आरएससी 10-46 किस्म 102-104 दिन अवधि के 30-35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देथे। ये किस्म म फली बिखरे समस्या कम होथे। ये किस्म चारकोल रॉट, बड ब्लाइट, बैक्टिरियल पश्चूल जइसन बिमारी अउ तना छेदक, स्टेम फ्लाई अउ गर्डल बीटल जइसे कीरा ले लड़े के छमता पाय गेय हे।
सोयाबीन के आरएससी 10-52 किस्म 101 दिन म पकथे अउ 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देथे। येमा फली बिखरे के समस्या कम पाय जाथे। ये किस्म पीला मोजैक वायरस अउ राइजोक्टोनिया ऐरियल ब्लाइट बिमारी के प्रति मध्यम निरोधक, स्टेमबोरर अउ डिफोलियेटर, स्टेम फ्लाई अउ गर्डल बीटल ले लड़थे। चना के नवीन किस्म छत्तिसगढ़ लोचन चना (आर.जी. 2015-08) 105-110 दिन म पक के तइयार हो जथे अउ 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देथे। ये किस्म कॉलर रॉट अउ स्टंट बिमारी ल सह सकथे।
नवा बिकसित किस्म आईजीकेवी कुसुम (आरएसएस 2016-03) जादा तेल (34 ले 35 प्रतिसत) के मातरा वाला किस्म हरय। येमा तेल के मातरा आने किस्म ले जाता मिलथे। ये 138 ले 140 दिन म पकथे अउ 27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर अउसत उपज देथे। येखर फूल के रंग फ्लावरिंग के बेरा पीला होथे, जउन बाद म सूखे के समय लाल हो जथे। ये किस्म अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट बिमारी ले लड़थे। अलसी के नवा किस्म आरएलसी-164 बरसा ले निरभर खेती बर उपयुक्त हे। ये किस्म 150 ले 160 दिन म पकथे अउ 12.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर अउसत उपज देथे। येकर दाना म तेल के मातरा 32.6 प्रतिसत तक पाय जथे। ये किस्म अल्टरनेरिया ब्लाइट अउ रस्ट बिमारी ल लड़ सकथे। अइसने ही अलसी के आरएलसी-167 किस्म सिंचित छेतरा के खेती बर उपयुक्त हे। ये किस्म 161 दिन म पकथे अउ 13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर अउसत उपज देथे। येकर बीज म तेल के मातरा 34.25 प्रतिसत तक पाय जाथे। ये किस्म बड फ्लाइ कीट ले लड़ सकथे।
मड़ई मेला गांव के समरिधि अउ एकता के परतिक : मंतरी डॉ. डहरिया
रायपुर। नगरीय परसासन मंतरी अउ आरंग छेतरा के विधायक डॉ. शिवकुमार डहरिया ह तुलसी, लखौली गांव म आयोजित मड़ई मेला अउ बिकास कार्य के लोकारपन कारयकम म सामिल होइस। ये अवसर म कहिन कि मड़ई मेला गांव म खुशी अउ समरिधि के परतिक हरय। मड़ई मेला के माध्यम ले छत्तिसगढ़ के संस्किरित ल बचाय के काम होत हे। राज्य सरकार घलो छत्तिसगढ़ के संस्किति, परम्परा ल बचाय के काम करत हे। छत्तिसगढ़ी संस्किरिति ल बढ़ावा देय के साथ इहा के तीज-तिहार म सासकीय छुट्टी देय के सुरूआत करिन। नउकरी म घलो स्थानीय लोगन ल अवसर देय जात हे।
डरहिया कहिन कि गांव म मड़ई मेला खुसी के तिहार हरय। गांव के मनखए मन आपसी-भाईचारा के बीच ये मेला कराथे।
मंतरी डॉ.डहरिया ह तुलसी म हाई स्कूल भवन अउ पूरव माध्यमिक साला म पारथना सेड के उदघाटन करिस। तुलसी गांव म मंगल भवन, सायकिल स्टैंड अउ हाई स्कूल परिसर म मइदान समतलीकरन अउ लखौली म ध्रुव समाज बर सामुदायिक भवन, सीसी रोड़ के घोसना करिस।
मड़ई मेला म मंतरी डॉ डहरिया कहिन कि हमर किसान मन ही परदेस अउ देस के नींव अउ अरथबेवस्था हरय। किसान मजबूत होहि त गांव अउ परदेस मजबूत होहि, देस मजबूत होहि। येखर सेती सरकार ह सबले पहिली सब्बो किसान के करजा माफ करिस अउ धान के खरीदी सुरू करिस।
मंतरी डॉ. डहरिया कहिन कि किसान के संग कोनो परकार के अन्याय नई होवन देन। मुख्यमंतरी के नेतृत्व म परदेस म बिकास के काम होत हे। स्थानीय बेरोजगार के भरती घलो सुरू करे गिस। घोसना पतरा के 36 24 वादा पूरा करे गिस. जल्दी ही बाचे घोसना पुरा करे जाहि।
बोधघाट परियोजना ले होहि बस्तर के बिकास
बोधघाट बहुउद्देस्यीय सिंचाई परियोजना बस्तर के बिकास के नवा अध्याय लिखहि। इंदरावती नदिया के पानी ल बस्तरवासी के सदुउपयोग बर बोधघाट सिंचई परियोजना के निरमान जरूरी हे। मुख्यमंतरी भूपेश बघेल के ये मानना हे कि बस्तर के बिकास के इतिहास म बोधघाट पोरजेक्ट अब तक के एक अइसे पोरजेक्ट हरय, जेखर लाभ सिरिफ बस्तर के लोगन ल मिलहि। बस्तर अंचल के जीवनदायिनी इंदरवती नदिया के मातरा 11 टीएमसी पानी उपयोग के हक बस्तर के लोगन ल मिलत हे, जबकि इंदरावती नदिया के 300 टीएमसी पानी उपर बस्तर के हक हे। बोधघाट सिंचई परियोजना के निरमान ले इंदरावती म 30 गुना पानी के वृद्धि होहि, येखर ले बस्तरवासी के खुसहाली अउ समरिधि बढ़हि।
राज्य सरकार ह बोधघाट बहुउद्देसीय सिंचई परियोजना के पुराना स्वरूप ल परिवरतित करके येला बस्तरवासी के बेहतरी बर तइयार करत हे। 40 बछर ले लंबित ये परियोजना पुरव म हाईड्रल पोरजेक्ट के रूप म तइयार करे गेय रहिस। जेला भूपेश सरकार ह बस्तर लोगन के भावना ल धियान म रखत हुए येला सिंचई परियोजना के रूप म परिवरतित करिस। इंदरावती नदिया ले बस्तर के हिस्सा के पानी जउन वरतमान म बिना रोकटोक के परवाहित होत हे। ये परियोजना के निरमान ले बस्तर अंचल म सिंचई होहि। ये परियोजना के निरमान ले तीन लाख 66 हजार 580 हेक्टेयर म सिंचई और लमसम 300 मेगावाट बिद्युत उत्पादन होहि, जउन बस्तर के खुसहाली अउ समिरिधि के नवा इतिहास लिखहि। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, बीजापुर अउ सुकमा जइसे नक्सलवाद ले परभावित जिला म अब बंदुक के जगह फसल उगहि। खेत लहलहाहि। धरती महतारी चादर ओढ़ खुसहालि के गीत गाहि। इहां के जनजीवन मुसकुराहि। किसान के कंधा म नागर अउ हाथ म रापा अउ कुदारी होहि।
बस्तरवासी के समरिधि के सपना ल साकार करे के बीड़ा उठाय मुख्यमंतरी भूपेश बघेल ह कोरोना जइसे महामारी अउ आरथिक संकट के ये बिसम परिस्थिति म घलो बोधघाट सिंचई परियोजना के काम ल उही हउसला के संग आगु बढ़ाहि, जइसा वोहा कोरोना ले पहिली बिधानसभा के बजट सतरा म कहे रहिस। मुख्यमंतरी के ये प्रतिबद्धता, छत्तिसगढ़ के बिकास अउ इहां के लोगन म खुसहालि लाहि।
मुख्यमंतरी भूपेश बघेल के परयास के उल्लेख करना घलो जरूरी हे, जउन ह ये सिंचई परियोजना के काम ल आगु बढ़ाय बर केंदरीय जल संसाधन मंतरी ल बार-बार पतरा लिखिन, अउ कई बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम ले ये परियोजना के महत्ता बताइस। जेखर सेती केंद्र ह ये पोरजेक्ट ल मंजुरी दिलाय म बड़का भुमिका निभाइस। मुख्यमंतरी के परयास के ही ये परतिफल हे कि केनदरीय जल आयोग ह 40 बछर ले लंबित ये पोरजेक्ट के फिजिबल मानत अपन मंजुरी दिस। बोधघाट बहुउद्देस्यीय सिंचई परियोजना के मंजुरी मिलत हे येकर सरवेक्छन अउ डीपीआर तइयार के काम सुरू कर देय गिस हे। इहां ये बताना जरूरी हे कि पहिलि बोधघाट परियोजना म सिरिफ दंतेवाड़ा अउ बीजापुर जिला सामिल रहिस। ये दुनो जिला म ये परियोजना के माध्यम ले खरिफ, रबी अउ गिरिस्म काल फसल बर कुल 2 लाख 65 हजार 580 हेक्टेयर क्षेतरा म सिंचई प्रस्तावित रहिस, फेर मुख्यमंतरी ह ये परियोजना के माध्यम ले सुकमा जिला के किसान ल सिंचई बर पानी देय के मंसा जताइस। येकर बाद जल संसाधन बिभाग ह सुकमा जिला के घलो ये पोरजेक्ट म सामिल करिस। सुकमा जिला के खरिफ, रबी अउ गिरिस्म काल फसल बर कुल एक लाख हेक्टेयर म पानी मिलहि। ये परकार देखा जाय त ये सिंचई परियोजना के माध्यम ले अब ये तीनों जिला म कुल 3 लाख 65 हजार 580 हेक्टेयर रकबे म सिंचई बर पानी के पुरति परस्तावित हे।
बस्तर के जीवनदायिनी इंदरावती नदिया म परस्तावित बोधघाट सिंचई परियोजना के कुल लागत 22 हजार 655 करोड़ रुपया हे। बोधघाट सिंचई परियोजना बर राज्य सरकार ह हाईड्रल पावर के बजाय अब येला सिंचई के पारथमिकता म सामिल करिस। बोधघाट परियोजना म लमसम 145 किलोमीटर लंबई के दायीं तट नहर बनहि। येकर संग ही 250 ले जादा साखा नहर होहि। येमा एक छोर के माइनर सीधा सुकमा जिला तक जुड़हि, दूसर छोर बीजापुर जिला तक जाहि। परियोजना म जादा छेतरा सुकमा जिला म आत हे। येकर जादा फायदा राज्य के अंतिम छोर ल मिलहि। बोधघाट परियोजना के दायरा, वरतमान म छत्तिसगढ़ के महानदी मुख्य नहर अउ हसदेव बांगो ले बड़का हो जाहि।
बोधघाट परियोजना ले परभावित परिवार के बेहतर पुनरवास बर राज्य सरकार संवेदनसील अउ परतिबध हे। मुख्यमंतरी भूपेश बघेल के कहना हे कि ये पोरजेक्ट बर पुनरवास के अच्छा नीति बस्तरवासी के भावना अउ ओखर सुझाव के अनुसार तइयार करे जाहि अउ हरहाल म येखर लाभ मिलहि।
कोरोना के असर, पाईटी परिक्छा जून के होहि
छत्तिसगढ़ व्यावसायिक परिक्छा मंडल (व्यापमं) ह बिरस्पत के दिन ये बछर के पीईटी, पीपीटी अउ एमसीए समेत 4 परवेस परिक्छा के तिथि घोसित करिस। व्यापमं के अनुसार इंजीनियरिंगम भरती होय बर पीईटी 17 जून के होहि। येकर बर आवेदन 22 अप्रेल ले सुरु होहि अउ आखिरी तिथि 16 मई राखे गेय हे। 21 मई तक आवेदन म सुधार करे जाहि।
कोरोना के कारन ये साल परवेस परिक्छा ह आगु बढ़ाय गेय हे। पहिली ये परिक्छा के काउंसलिंग 6 जून तक हो जात रहिस, फेर ये बछर कोरोना बिमारी के सेती तिथि ल आगु बढ़ाय गिस। कोरोना के सेती बीते बछर ये परिक्छा आयोजित नई करे गेय रहिस।
25 जून के होहि पीपीटी
पॉलिटेक्निक टेस्ट(पीपीटी) 25 जून के कराय जाहि। येकर आवेदन 13 मई ले सुरु होहि जउन 6 जून तक चलहि। 22 अप्रेल ले 16 मई तक फार्मेसी के आवेदन भरे जाहि। येखर परिक्छा 17 जून के होहि।
छत्तिसगढ़ के दु सहर के करिस अच्छा परदर्सन, देस के टॉप 10 सहर म बनाइस जगह
म्युनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स म छत्तिसगढ़ के 2 सहर ह अच्छा परदर्सन करिस अउ देस के टॉप 10 सहर म जगह बनाइस। रायपुर सहर 10 लाख ले जादा जनसंख्या वाला सहर के श्रेनी म देस के 7वां अउ बिलासपुर सहर ह 10 लाख के कम जनसंख्या वाला सहर के श्रेनी म 7वां रैंक हासिल करिस। दुनो सहर ल सहरी निकाय (सरकार) ह नागरिक मन ल मूलभूत सुविधा देय म अच्छा परदर्सन करिस अउ येखर सेती देस म सातवां स्थान आइस।
भारत सरकार आवास अउ सहरी कार्य मंत्रालय ह गुरुवार के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम ले म्युनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स प्रतियोगिता के परिनाम घोसित करिस। परिनाम के घोसना केंदरीय आवास अउ सहरी कार्य मंतरी हरदीप सिंह पुरी ह नवा दिल्ली म करिन।
मुख्यमंतरी भूपेश बघेल ह रायपुर अउ बिलासपुर के नागरिक, जनप्रतिनिधिय अउ नगरीय परसासन बिभाग ल बधई दिन। भूपेश कहिन कि ये हमर बर गौरव के विषय हे कि छत्तिसगढ़ सल्लग सहरी छेतरा म अच्छा काम करिस येकर सेती ये पुरस्कार परदान करिस।
बीते बछर देस म स्वच्छतम राज्य के पुरस्कार अउ प्रधानमंत्री आवास योजना म अच्छा कार्य बर छत्तिसगढ़ ल केंद्र सरकार ह पुरस्कार परदान करे रहिस।
ये उपलब्धि बर नगरीय परसासन मंतरी डॉ. शिवकुमार डहरिया ह सहरवासी अउ बिभागीय अधिकारी मन ल बधई दिन अउ भविस्य म घलो अइसने परदर्सन दोहराय के बात कहिन।
रोजगार अउ ट्रासपोरट म पिछड़िस
रोजगार के अवसर म बेंगलुरु पहिली आय हे। रायपुर ह रोजगार के अवसर उपलब्ध कराय के मामला, आरथित योग्यता अउ सहर म यातायात के साधन म पिछड़ गेय।
राजधानी रईपुर के स्थिति
इंडेक्स रैकिंग
बिजली 1
आवास उपलब्धता 3
निवास के योग्य 6
मनोरंजन स्थल 10
ग्रीन स्पेस बिल्डिंग 10
परयावरन संरक्छन 11
स्वास्थ्य सेक्टर 17
आरथिक अवसर 23
आरथिक बिकास 25
ट्रांसपोरट 25
सिक्छा 26
कचरा परबंधन 32
नागरिक सुरक्छा 42
खेती-किसानी अउ वन उद्योग लगाय बर पोरत्साहित करे हे राज्य सरकार: मंतरी लखमा
उद्योग मंतरी जिला स्तरीय कारयसाला 'उद्यम समागम' म होइस सामिल
उद्योग मंतरी अउ महासमुंद जिला के परभारी मंतरी कवासी लखमा महासमुंद के शंकराचार्य सांस्कृतिक भवन म आयोजित जिला स्तरीय उद्यम समागम कारयसाला म सामिल होइस। लखमा कहिन कि छत्तिसगढ़ के नवा उद्योग नीति ल राज्य सरकार के उद्योग छेतरा म बड़े संभावना अउ मउका हे। राज्य सरकार खेती -किसानी अउ वन आधारित उद्योग लगाय बर पोरत्साहित करत हे। ये उद्योग मन के बने ले जिला म काम बुता के मउका बाढ़ गेय, अउ संगे संग परयावरन हितइसी होय ले परयावरन ल नुकसान नई होवय। छत्तिसगढ़ के नवा उद्योग नीति के तहत औद्योगिक निवेस पोरत्साहन ल बढ़ावा देय बर राज्य के सब्बो विकासखंड मन ल औधोगिक बिकास अउ पिछड़ेपन के नजर ले चार भाग म बांटे हे। येकर ले कई अनुदान अउ रियायत औद्योगिक इकाई ल देय जाथे। आग कहिन कि परदेस सरकार ह पहलि बार उद्योग नीति म सेवा के छेतरा ल जोड़े हे। मंतरी कवासी लखमा कहिन कि परदेस के उद्योग म स्थानीय मजदूर मन ल काम बुता देय के पारथमिकता होहि। छत्तिसगढ़ के मुख्यमंतरी भूपेश बघेल ह उद्योग नीति बनाय बर अब्बड़ अकन राज्य के उद्योग नीति उपर बिचार-बिमर्श, मंथन अउ उद्योगपति मन सग चरचा के बाद देस के सबले बढ़िया छत्तिसगढ़ के उद्योग नीति लागू करे हे। ये नीति ले आवेदन करहि त पातरा आवेदक मन बर जल्दी उद्योग स्थापित हो जाहि।
मंतरी ह कहिन कि मुख्यमंतरी के सियानी म प्रदेस के सब्बो जिला म उद्यम समागम के आयोजन करे गेय हे। जेमा आम आदमी से लेके वरतमान अउ भविस्य के उद्योगपति आत हे। ओ मन ल मंच देवत हे कि कइसे छत्तिसगढ़ ल आघु बढ़ाना हे। युवा मन ल काम कइसे उपलब्ध कराना हे। ये सब्बो मुद्दा मन म बिस्तार ले गोठबात करत है।
उद्योग मंतरी लखमा कहिन कि राज्य म सरकार के अब्बड़ अकन महत्वाकांक्छी योजना संचालित होत हे। येमा सबले बड़का योजना सुराजी ग्राम योजना हरय। येकर अंतर्गत गऊ साला एक बहुउद्देश्यीय रोजगारोन्मुखी कारयकरम हरय। जेमा स्व-सहायता समूह के माइलोगिन मन ल अलग-अलग काम के परसिक्छन देके ओकर मन के आर्थिक स्थिति ल मजबूत करे जात हे। ओ मन ल उहि काम के परसिक्छन देय जात हे, जेमा ओकर उत्पादन ल छत्तिसगढ़ म बेचे जा सकय। माईलोगिन मन वर्मी कम्पोस्ट ले लेके अगरबत्ती, वासिंग पाउडर, पोल फेंसिंग अउ साग भाजी के उत्पादन करके बने कमई करे जा सकत हे। ये मउका म मंतरी कवासी लखमा ह एक हजार 335 हेक्टेयर छेतराफ़ल के सात सामुदायिक वन संसाधन अधिकार मान्यता पतरा बांटिस।
कार्यशाला ल संसदीय सचिव अउ विधायक विनोद चंद्राकर छत्तिसगढ़ राज्य वन बिकास निगम के अध्यक्छ अउ विधायक बसना देवेंद्र बहादुर सिंह, जिला पंचायत अध्यक्छ उषा पटेल जम्मो झन ह संबोधित करिस। कार्यसाला म कलेक्टर डोमन सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार ठाकुर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ रवि मित्तल सहित जिला के उद्योगपति सहित जनप्रतिनिधि सामिल होइस। जम्मो संचालक उद्योग संजय सिन्हा ह उद्योग ल आघु बढ़ाय के जानकारी दिस। पहुना मन के सेवा सत्कार जिला उद्योग के महाप्रबंधक एके सिंह करिस।