राजीव गांधी किसान न्याय  योजना किसान हितैसी म अगुवा छत्तीसगढ़

राजीव गांधी किसान न्याय योजना किसान हितैसी म अगुवा छत्तीसगढ़

07-May-2021
राजीव गांधी किसान न्याय योजना किसान हितैसी म अगुवा छत्तीसगढ़ रायपुर। छत्तीसगढ़ म 21 मई के राजीव गांधी किसान न्याय योजना के सुरुआत होइस। भूपेश सरकार के ये योजना ले प्रदेस के 19 लाख किसान परिवार ल लाभ मिलहि। अभी किसान मन के खाता म सीधा रुपया पहुंचे के सुरुआत होगे। योजना ले लाभ पहुंचाय किसान मन कहत हवय कि ये किसान मन बर संजीवनी साबित होही। ये सरकार के फइसला ले ही संभव हो पाइस। भूपेश सरकार वादा ल पूरा करइया सरकार हरय। ये गरीब लोगन के दुख दरद हरइया सरकार हरय। मुख्यमंतरी भूपेश बघेल योजना के सुभारंभ करत कहिन कि प्रदेस के 19 लाख किसान ल 57 करोड़ रुपया चार किश्त म सरकार देहि। पहिली किश्त म 15 सौ करोड़ रुपया देय जाहि। योजना म धान अऊ मक्का के खेती करइया 9 लाख 53 हजार 706 सीमांत किसान, 5 लाख 60 हजार 284 छोटे किसान अऊ 3 लाख 20 हजार 844 बड़े किसान मन ल लाभ होहि। गन्ना के किसान मन ल 355 रूपया प्रति क्विंटल के भाव म भुगतान करे जाहि। येखर ले गन्ना के खेती करइया 34 हजार 637 किसान मन ल 73 करोड़ 55 लाख रूपया चार किश्त म मिलहि।.प्रथम किश्त के 18.43 करोड़ रूपया जारी होगे। येखर संग वर्ष 2018-19 के बोनस के बकाया 50 रुपया प्रति क्विंटल के दर ले 24 हजार 414 किसान मन ल 10 करोड़ 27 लाख रूपया देय जाहि। न्याय योजना ले धान फसल के 18 लाख 34 हजार 834 किसान मन ल प्रथम किश्त के रूप म 1500 करोड़ रूपया देय जाहि। किसान मन ल प्रति एकड़ अधिकतम 10 हजार रुपया मिलत हे। अइसने गन्ना फसल के 2019-20 म अधिकतम 355 रूपया प्रति क्विंटल के भाव ले भुगतान करे जात हवय। प्रदेस के 34 हजार 637 गन्ना के खेती करइया किसान मन ल 73 करोड़ 55 लाख रूपया चार किश्त म मिलहि। जेमा प्रथम किश्त 18 करोड़ 43 लाख 21 मई के जारी होइस। अऊ 2018-19 म खरीदी करे के 50 रूपया प्रति क्विंटल के भाव ल प्रोत्साहन रासि देय जात हे। येकर तहत प्रदेस के 24 हजार 414 किसान मन ल 10 करोड़ 27 लाख रूपया देय जाहि। ----- राजीव गांधी किसान न्याय योजना के सुभारंभ के बेरा वीडियो कॉन्फेसिंग के जरिये कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी अऊ राहुल गांधी जुड़िन। ये बेरा सोनिया गांधी कहिन कि किसान न्याय योजना राजीव जी के सपन ल साकार करे जइसा हरय। मैं येखर बर भूपेश सरकार ल बधाई देवत हव। ये किसान मन बर क्रांतिकारी योजना साबित होहि। राहुल गांधी कहिन कि ये सिर्फ़ छत्तीसगढ़ के योजना नई हे, पूरा देस ल दिसा देवइया योजना हरय। छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार ल मैं बधाई देवत हव। ------- छत्तीसगढ़ सरकार के महत्वाकांक्षी राजीव गांधी न्याय योजना लॉकडाउन के बिपति के बेरा किसान मन के सहारा बनिस। मुख्यमंतरी भूपेश बघेल किसान मन के पीरा ल समझ के सल्लग काम करत हवय। येकर ले प्रदेस के किसान मन अब्बड खुस हे। लॉकडाउन के बेरा किसान मन ल योजना म पइसा मिले ले मान बढ़िस हे। दंतेवाड़ा जिला के भोगाम के रहइया महिला किसान फूलोबाई कहिस कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना म पइसा मिलिस हवय। बिपति म पइसा मिलिस त अब्बड़ काम आइस। ये पइसा ले पानी गिरे के पहिली खेती किसानी के तइयारी बर एक सहारा मिलिस। फूलोबाई बताइस कि ये बछर सोसायटी म 62 क्विंटल 80 किलो धान बेचे रहेव अऊ सोसायटी डाहर ले 2 लाख 14 हजार 296 रुपया मिल रहिस। भूपेश सरकार किसान मन के हित म 25 सौ रुपया समर्थन मूल्य म धान खरीदी करिस, अऊ अब अंतर के रासि 42 हजार रुपया चार किस्त म आहि। जेकर पहिली किस्त 11 हजार 276 रुपया सीधा बैंक खाता म जमा होइस। जम्मो रुपया खेती किसानी के संगे संगे परिवार के काम आहि। अइसने बस्तर जिला के तोकापाल विकासखंड के तारागांव म सुखद कहिनी सुने बर मिलिस। गांव के किसान सोमारू मुरिया ल राजीव गांधी न्याय योजना म रुपया मिलिस। ये ओकर जीवन म संजीवनी साबित होइस। छत्तीसगढ़ सरकार के पीरा हरइया योजना ले लोगन के सपना पूरा होवत हे। सोमारु बताइस कि लॉकडाउन के सेती मजदूरी बंद होगे रहिस। येकर सेती परिवार के गुजर बसर म संकट आगे रहिस। आगु कहिस कि ओहा छोटे किसान हरय। खेती के संग मजदूरी करके परिवार ल चलात रहेव। फेर लॉकडाउन लगिस त बाहर के सब्बो काम बंद होगे। येकर ले परिवार के खर्चा चलाय बर संकट आइस। फेर मुख्यमंतरी भूपेश बघेल ह परिवार के मुखिया के तरह लोगन के दरद ल समझिन। बिपति के बेरा राजीव गांधी किसान न्याय योजना ले 2019-20 समर्थन मुल्य म धान बेचइया मन के खाता म पहिली किस्त आइस। अइसे कर भूपेश बघेल परिवार के पीरा हरइया मुखिया के जिम्मेदारी निभाइन। सोमारू बताइस कि ओखर बैंक खाता म योजना के पहिली किस्त के 32 हजार रुपया जमा होइस।
     देस के मुख्यमंतरी अगुवा भूपेश बघेल

देस के मुख्यमंतरी अगुवा भूपेश बघेल

07-May-2021
देस के मुख्यमंतरी अगुवा भूपेश बघेल मुख्यमंतरी भूपेश बघेल अपन काम के सेती दूसर मुख्यमंतरी मन ले बहुत आगु हवय। ये बात आईएनएस-सी वोटर स्टेट ऑफ द नेशन 2020 सर्वे म साबित होइस हे। जेमा वोहा देश के दूसरा सबले ज्यादा पसंद करइया मुख्यमंतरी अऊ कांग्रेस सासित राज्य के मुख्यमंतरी म पहिली स्थान म आय हवय। रायपुर। मुख्यमंतरी भूपेश बघेल देस के टॉप 10 मुख्यमंतरी के सूची म दूसरा स्थान म आय हवय। देस के आने-आने राज्य म सरकार के काम-काम ऊपर जनता के संतुष्टि के एक सर्वे करे गिस। सर्वे के बाद मुख्यमंतरी मन के सूची जारी करे गिस। येमा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंतरी भूपेश बघेल टॉप-10 के सूची म सामिल होइन। ये सर्वे आईएनएस सी वोटर ह कराइस, जउन एक भारतीय अंतरराष्ट्रीय मतदान एजेंसी हरय। सी वोटर्स के ये सर्वे म छत्तीसगढ़ सरकार के काम ल 56.74 फीसदी लोगन पुरा अऊ 33.25 प्रतिशत लोगन कम संतुस्ट हे। कुल 81.06 प्रतिसत संतुस्टि के संग भूपेश बघेल सरकार देस म दूसरा नम्बर म आइस। अपना वादा ल पूरा करिन भूपेश बघेल ह चुनई जीते के बाद अपना वादा के अनुसार 25 सौ क्विंटल म धान खरीदिस, अऊ अंतर के रुपया ल राजीवी गांधी किसान न्याय योजना के जरिए 19 लाख ले ज्यादा किसान के खाता म 5750 करोड़ रुपया जमा करहि। दूसर राज्य के तुलना म कम कीमत म लोगन ल बिजली मिलत हे. येखर संग ही लोगन ल सब्बो सरकारी योजना के लाभ सीधा मिलत हे। येकर सेती प्रदेस के लोगन के आर्थिक स्थिति म सुधार आवत हवय। अऊ गांव, गरीब, किसान के जेब म पइसा पहुंचत हवय। न्याय योजना ले प्रदेस के भूपेश सरकार ह जउन वादा चुनई म करे रहिस ओला पुरा करत हे। अऊ कोरोना संकट के बिपति के बेरा पइसा मिले ले लोगन मन ल राहत मिलिस। येखर ले मजदूर, किसान सब्बो के जीवन म खुसहाली आइस हे। मजदूर, किसान के हाथ म पइसा आइस त व्यापार अऊ व्यवसाय घलो बाढ़िस, येकर सेती प्रदेस के आर्थिक स्थिति म सुधार आइस हे। भूपेश बघेल ले थोड़किन आगु 82.96 प्रतिशत संतुस्टि के संग ओडिशा सरकार रहिन। पड़ोसी राज्य ओडिशा के मुख्यमंतरी नवीन पटनायक पहिली नंबर पर रहिन। उंहे मध्यप्रदेश के मुख्यमंतरी शिवराज सिंह चौहान 12वें नंबर पर रहिन। कोरोना संकट काल म देसभर म सब्बो काम अऊ धंधा ठप हे, अइस म छत्तीसगढ़ सरकार ह दूसर राज्य के तुलना म लोगन के हित म ज्यादा काम करिन। येकर फल आज भूपेश बघेल ल देस के नंबर 2 मुख्यमंतरी के रूप म मिलिस।
देस म ओडीएफप्लस म अगुवा छत्तीसगढ़

देस म ओडीएफप्लस म अगुवा छत्तीसगढ़

06-May-2021
देस म ओडीएफप्लस म अगुवा छत्तीसगढ़ देस के ईकलौता ओडीएफप्लस प्लस राज म अगुवा छत्तीसगढ़।छत्तीसगढ़ राम के अंबिकापुर सहर ओडीएमप्लस राज म अगुवा हे। सरकार ह कचरा प्रबंधन बर सहर मन के रेटिंग जारी करत कहिस की छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर सहर अउ म.प्र.के इंदौर संग छःसहर ला ‘कूड़ा मुक्त पांच सितारा सहर’ घोसित करेगे हे। केन्द्र ह कहिस कि कोविड-19 महामारी ले निपटे बर स्वच्छ भारत मिसन ‘सबले बडे ताकत हे । छत्तीसगढ़ के भेलाई नगर ला ‘ तीन सितारा कूड़ा मुक्त रेटिंग‘मिलीस हे। आवासस अउ सहरी मामला के केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ह कूड़ा मुक्त सहर के स्टार रेटिंग के परिणाम के घोसना करिन । कुल 141 सहर के रंेटिग होईस हे। जेनमा 6 के पंाच सितारा, 65 ला तीन सितारा अउ 70 ला एक सितारा मिले हे। अंबिकापुर अउ इंदौर के अलावा गुजरात के राजकोट अउ सूरत,कर्नाटक के मॅसूर अउ महाराष्ट्र के नवी मुंबई ला भी पांच सितारा रेंटिग मिलीस। देस म अगुवा अंबिकापुर छत्तीसगढ़ राज के अंबिकापुर सहर पुरा म देस ओडीएफप्लस म अगुवा हें । अगुवा होए के मुख्य कारन- - देस के पहिली डोर टू डोर कचरा संग्रहन करने वाला पहला सहर बनीस। - स्वच्छता दीदिमन के समूह बना के एसएलआरएम ला आत्मनिर्भर बनाईस। - कचरा प्रबंधन करके देस के पहला कचरा डंप मुक्त सहर बनीस। -पुराना कचरा डंपिन्ग यार्ड ला स्वच्छता पार्क म बलदने वाला पहिली सहर -खुला मा सौच मुक्त होने वाला पहला निगम। -प्लास्टिक कचरा निपटान बर देस के पहली गार्बेज कैफे खोले गिस। - सबो सार्वजनिक स्थान के सौन्दर्यीकरन।
पसुपालक ला लाभ पहुचाए म अगुवा छत्तीसगढ

पसुपालक ला लाभ पहुचाए म अगुवा छत्तीसगढ

03-Jul-2020

पसुपालक ला लाभ पहुचाए म अगुवा छत्तीसगढ
छत्तीसगढ़ देस के पहिली राज हे जेन पसुपालक मन ला फायदा पहुंचाए बर गोबर खरीदहि । गऊपालन ल लाभ पहुॅंचाए बर ,गोबर प्रबंधन अउ पर्यावरन सुरक्षा बर छत्तीसगढ़ म सुरू होही ‘ गोधन न्याय योजना’ 
हरेली तिहार ले होही ऐ अभिनव योजना के सुरूआतःश्री भूपेश बघेल
गऊ-पालन अउ गोबर प्रबंधन ले पसुपालक ला होही लाभ
निर्धारित दर म होही गोबर के खरीदी , सहकारी समितिय ले बिकही वर्मी कम्पोस्ट
गोबर के खरीदी के दर तय करेबर पांच सदस्यीय मंत्री मण्डल के उप समिति गठित
गोबर प्रबंधन के पूरा प्रक्रिया के निर्धारन करेही मुख्य सचिव के अध्यक्षता म सचिवमन के कमेटी


मुुख्यमंत्री श्री भूपेश बधेल छत्तीसगढ़ राज म गऊ-पालन ल आर्थिक रूप ले लाभदायी बनाये अउ खुले म चराई के रोकथाम अउ सडक , सहरमन जिहां-जिहां आवारा घुमत पसुअ मन के प्रबंधन अउ पर्यावरन के रक्षा बर छत्तीसगढ़ राज म गोधन न्याय योजना के सुरू करे के एलान करिस । ये योजना के सुरूआत राज म हरेली तिहार के सुभ दिन ले होही। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपन निवास कार्यालय म सभा कक्ष म आनलाईन राज सरकार के अभिनव योजना के जानकारी  दीन।
    मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह गोधन न्याय योजना के बारे म विस्तार ले जानकारी देवत हुए बताईस कि ये योजना के उछेश्य प्रदेस म गौपालन ल बढ़ावा दे के साथ ही उनखरं सुरक्षा अउ उंखर माध्यम ले पसुपालक मन ला  आर्थिक रूप ले लाभ पहुचाना हे। उन मन कहिन कि छत्तीसगढ़ सरकार ह पाछु डेढ़ साल म छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा,गरूवा,बाड़ी के माध्यम ले राज के गा्रमीन अर्थव्यवस्था ल मजबूती ले दे जाही चार चिन्हारी ल बढ़ावा देे के प्रयास करे गिस हें। गांव म पसुधन के सरंक्षन अउ सवर्धन बर गौठान के निर्मान करे गे हे। राज म 2200 गांव म गौठान के निर्मान हो गे हे। अउ 2800 गांव म गौठान के निर्मान करे जात हे।आने वाला दू-तीन महीना म लगभग 5 हजार गांव म गौठान बन जाहीं। इन गौठान ल  हम आजीविका केन्द्र के रूप् म विकसित करे हनं। ईहां बड मात्रा म वर्मी कम्पोस्ट के निर्मान तक कहिला स्व-सहायाता समूह के माध्यम ले सुरू करे गिस।  मुख्यमंत्री ह कहिन कि गोधन न्याय योजना राज के पसुपालक के आर्थिक हित के संरक्षन के एक अभिनव योजना साबित होही। उन मन कहिन कि पसुपालक ले गोबर बिसाय बर एक रेट म करे जाही। दर के निर्धारित बर लिए कृषि अउ जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चैबे के अध्यक्षता म पांच सदस्य मंत्री मण्उलीय उप समिति गठित करे गिस।  ये समिति म वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर सहकारिता मंत्री मण्डीय उप समिति गठित करे गिस है। ये समिति म वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, सहाकारित मंत्री डाॅ.प्रेमसाल सिंह टेकाम,नगरीय प्रसासन मंत्री डाॅ.सिव कुमार डहरिया, राजस्व मंत्री श्री जयसिहं अग्रवाल सामिल करे गे हे।ये मंत्री मण्डलीय समिति राज म किसान, पसुपालक , गौ -साला संचालक अउ बुद्धिजीवियों ल मन बात ल समझ के आठ दिन म गोबर खरिद के दर निर्धारित करही। मुख्यमंत्री ह कहिन कि गोबर खरीदी ले लेकर ओखर वित्तिीय प्रबंधन अउ वर्मी कम्पोस्ट के उत्पानल ले के ओखर बेचे के तरिका क निर्धारिन बर मुख्य सचिव के अध्यक्षता म प्रमुख्य सचिव के अध्यक्षता म प्रमुख सचिव अउ सचिव के कमेटी गठित करे गिस । उन मन कहिन कि राज म हरेली तिहार म पसुपालक अउ किसान बर गोबर निर्धारित दर म क्रय करे जाए के सुरूआत होही। ये योजना राज म  अर्थव्यवस्था ले अउ गा्रमीन अर्थव्यवस्था ल बेहतर बनाए के महत्वपून साबित होही अउ एखर दूरगामी परिनाम होहीेश्। एखर माध्यम ले गांव म रोजगार क अवसर तको बडहीं 

योगाभ्यास म अगुवा छत्तीसगढ़

योगाभ्यास म अगुवा छत्तीसगढ़

29-Jul-2019
योगाभ्यास म अगुवा छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ म ज्यादा से ज्यादा जगह स योगाभ्यास के गोल्डन बुक आंॅफ वल्र्ड रिकार्ड म लीखे गिस ।मुख्यमंत्री श्री भूपेस बघेल के निर्देस म सबो जिला मुख्यालय,स्कूल, महाविघालय,नगरीय निकाय व ग्राम पचांयत के संग अनेक संस्था अउ अबड जगह म विसेस योगाचार्यो के अगुवाई म 60 लंाख लोगन मन सामूहिक योगाभ्यास म सामिल होईस । राजधानी राईपुर म सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम म करें गिस । इहंा लगभग 600 स्कूली लईका,जनप्रतिनिधिगण अउ अधिकारि मन योगाभ्यास करिन ।कार्यक्रम ला सब्बों विस्वघिालय,महाविघालय,स्कूल अउ अब्बड़ संस्थान मन तको आयोजित करिन। गोल्डन बुक आॅंफ वल्र्ड रिकार्ड के प्रतिनिधि आलोक कुमार ह छत्तीसगढ म नवा रिकार्ड क प्रमाण पत्र महापौर दुबे ला दिन।पुरा देस सबले ज्यादा मल्टीपल जगह म लोगन द्वारा योगाभ्यास क वल्र्ड रिकार्ड बनाईस ।
पं.रविसंकर सुक्ल सम्मान

पं.रविसंकर सुक्ल सम्मान

02-Oct-2018
पं.रविसंकर सुक्ल सम्मान पंडित रविषंकर षुक्ल के जन्म 2 अगस्त 1877 के सागर मं होय होय रहिस। इनकर सिक्षा सागर अउ रायपुर मं होइस। स्नातक अउ कानून के सिक्षा प्राप्त पंडित रविषंकर सुक्ल के गणना उंूचा वकील मं होत रहिस। 1902 मं पंडित रविषंकर सुक्ल खैरागढ़ रियासत मं प्रधान अध्यापक के पद मं नियुक्त होइन। कानून के परीक्षा उत्तीर्ण करे के बाद राजनांदगांव मं वकालत आरंभ करिन। 1921 मं उन कांग्रेस के औपचारिक सदस्यता ग्रहण करिन। हिन्दी भासा के प्रचार बर घलव पंडित सुक्ल सदैव सक्रिय रहिन। 1922 मं नागपुर मं संपन्न मध्यप्रदेष हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्षता करिन। छत्तीसगढ़ के राजनैतिक अउ समाजिक चेतना जागृत करे बर उन 1935 मं महाकोषल सप्ताहिक पत्र के पकाषन आरंभ करिन। 1942 मं भारत छोड़ो आंदोलन के नेतृत्व के भार छत्तीसगढ़ मं आप संभारे रहिन। स्वतंत्रता के पूर्व आप 1946 मं राज्य विधान सभा के मध्यप्रांत के मुख्य मंत्री अउ पाछू अविभाजित मध्यप्रदेष के प्रथम मुख्य मंत्री बनिन। पंडित षुक्ल ल आधुनिक मध्यप्रदेष के निर्माता कहे जाथे। भिलाई इस्पात संयंत्र के स्थापना के श्रेय इनला देय जाथे। रायपुर म संस्कृत, आयुर्वेद, विज्ञान अउ इंजीनियरिग सिखा खातिर महाविद्यालय के स्थापना इनकर पे्ररणा ले होइस। 31 दिसम्बर 1956 के कर्मठ राजनेता महान सिक्षाविद अउ दूरदर्षी ये राजनेता के निधन होइस। छत्तीसगढ़ सासन उनकर स्मृति मं समाजिक, आर्थिक अउ सैक्षिक क्षेत्र मं नवां प्रयत्न बर पंडित रविषंकर षुक्ल सम्मान स्थापित करे हे। ये संमान वर्स 2001 से स्थापित करे गेय हे।
राजा चक्रधर सिंह सम्मान

राजा चक्रधर सिंह सम्मान

02-Oct-2018
राजा चक्रधर सिंह सम्मान राजा चक्रधर सिंह के जन्म 19 अगस्त 1905 के रायगढ़ रियासत मं होय रहिस। नन्हें महराज के नाम ले पहिचाने जाने वाला चक्रधर सिंह ल संगीत विरासत मं मिले रहिस। 1924 मं राज्य भिसेक के पाछू उन अपन परोपकारी नीति अउ मृदुभासिता ले रायगढ़ रियासत मं जनता के बीच सीघ्र लोक प्रिय हो गइन। कत्थक नृत्य बर उनला खास करके जाने गईस। अपन अनुभूति अउ संग्रीत के गहराइ मं डूब के उनमन कत्थक के एक बिल्कुल नवां अउ विसिस्ट स्वरूप विकसित करिस। जेन ला रायगढ़ घराना के नाम ले जाने जाथे। उनमन कत्थक के अनेक नवां बंदिस तैयार करिन। नृत्य अउ संगीत के इन दुर्लभ बंदिस के संग्रह ग्रंथ के रूप मं आइस। जेमा मूरत परन पुस्पाकर ताल तोयनिधि राग रत्न मंजूसा अउ नर्तन स्वर्गस्वम विसेस रूप से उल्लेखनीय माने जाथे। संगीत के क्षेत्र मं उनमन विसिस्ट योगदान ल ध्यान करके मध्य प्रदेस सासन भोपाल मं चक्रधर नृत्य केंद्र के स्थापना करे हे। 17 अक्टूबर 1947 के रायगढ़ मं इनकर निधन होइस। फेर राजा चक्रधर सिंह अपन राजतंत्र मं सासन करते करत कला के प्रति जेन संवेदन सीलता के परिचय देइन वइसन दूसर मिसाल बहुत कम मिलथे। छत्तीसगढ़ सासन उनकर स्मृति मं कला अउ संगीत के खातिर ‘‘राजा चक्रधर सिंह सम्मान स्थापित करे हे। ये सम्मान 2001 ले स्थापित करे गेय हे।
चन्दूलाल चन्द्राकर पुरस्कार

चन्दूलाल चन्द्राकर पुरस्कार

02-Oct-2018
चन्दूलाल चन्द्राकर पुरस्कार छत्तीसगढ़ ले बाहिर जाके रास्ट््रीय स्तर मं पत्रकारिता करइया ये प्रदेस के जेन विलक्षण पत्रकार के नाम लेय जाथे उनमा चनदूलाल चंद्राकर प्रमुख हें। उनकर जन्म 1 जनवरी 1921 के दुर्ग जिला के निपानी गांव के कृसक परिवार मं होइस। उन बाल काल से ही मेधावी रहिन। दुर्ग मं प्रारंभिक षिक्षा के दौरान साहित्य अउ खेलकूद के प्रति उनकर रूझान रहिस। अंचल ले उनला बड़ लगाव रहिस। ग्रामीण मनके समस्या के समाधान करे मं उन सदैव तत्पर रहंय। राजनीति के पूर्व उन सक्रिय पत्रकारिता ले जुड़े रहिन। द्वितीय विष्वयुद्ध के समय से उन अपन पत्रकारिता ल गति देइन अउ धीरे धीरे मंजे हुए पत्रकार बन गये। 1945 से पत्रकार के रूप मं देस भर मं उनकर पहिचान बनगे। चंदूलाल चंद्राकर के लिखे समाचार देस विदेस के अनेक अखबार मं प्रकासित होय लगिस। उनला नौ ओलंपिक खेल अउ तीन एषियाई खेल के रिपोर्टिग के गहिरा अनुभव रहिस। चन्दूलाल चंद्राकर रास्ट््रीय अखबार दैनिक हिन्दुस्तान मं संपादक के रूप मं घलव आपन सेवा देइन। छत्तीसगढ़ से रास्ट््रीय समाचार पत्र के संपादक पद मं पहुंचने वाला उन प्रमुख पत्रकार रहिन। युद्ध स्थल से रिपोर्टिग करे के उनला अनुभव रहिस। उन विष्व के लगभग जम्मों देष मनके यात्रा पत्रकार के रूप मं करिन। ये कउनों भी पत्रकार बर बड़ उपलब्धि के बात हे। उनमन 1970 मं पहिली बेर लोक सभा के निर्वाचित सदस्य होय के संगे संग सक्रिय राजनीति मं हिस्सा लेइन। उन लोक सभा के सदस्य बर पांच बेर निर्वाचित होइन। पर्यटन, नागरिक उड्डयन, कृसि, ग्रामीण विकास जइसन महत्वपूर्ण विभाग मनके मंत्री के दायित्व संभालत देष के सेवा करिन। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव अउ मध्यप्रदेस कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता के रूप मं उन सक्रिय रहिन। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण सर्वदलीय मंच के अध्यक्ष रहिके उन राज्य आंदोलन ल नवां सक्ति देइन। अपन लेखनी ले ज्वलंत मुद्दा उठाय बहंस के गुंजाइस तैयार करने वाला पत्रकार मं चंदूलाल चंद्राकर के सम्मानजनक स्थान रहिस। 2 फरवरी 1995 के उनकर निधन हो गइस। श्रेस्ठ पत्रकारिता ले छत्तीसगढ़ के नाम रोसन करइया व्यक्ति ले नवां पीढ़ी पे्ररणा ग्रहण करय। मूल्य आधारित पत्रकारिता ल प्रोत्साहन मिलय एकर खातिर छत्तीसगढ़ सासन उनकर स्मृति मं पत्रकारिता के क्षेत्र मं चन्दूलाल चंद्राकर सम्मान 2001 से स्थापित करे हे।
गुण्डाधूर सम्मान

गुण्डाधूर सम्मान

02-Oct-2018
गुण्डाधूर सम्मान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम मं जनजातीय क्षेत्र के क्रंातिवीर मन मं बस्तर के गुण्डाधूर के नाम बहुंत श्रद्धा के साथ लेय जाथे। इनकर जन्म बस्तर के नेतानार गांव मं होय रहिस। धुरवा जाति के ये वीर युवक सन् 1910 के आदिवासी विद्रोह के प्रमुख सूत्रधार रहिस। वो समय अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जनता के आक्रोस बस्तर मं भूमकाल के रूप मं प्रकट होय रहिस। ये जागरन के केन्द्र मं गुण्डाधूर के अदम्य साहस, सौर्य अउ उनकर रणनीति ले आदिवासी समुदाय बहुंत प्रभावित होइस। फरवरी 1910 के समूचा बस्तर मं विद्रोह के भूचाल आ गेय रहिस। गुण्डाधूर के नेतृत्व मं अंग्रेंजी षासन के जड़ ले उखाड़ फेके खातिर सासकीय संस्था मनके अउ संपत्ति ल निसाना बनाय गइस। गुण्डाधूर ह अपन सहयोगी मनला सकेल के गांव अलनार मं अंगे्रज मन संग मुकाबला करिन। गुण्डाधूर ल चारो मुड़ा ले घेर लेय गईस। फेर सैनिक मनके बंदूक के सामना करत हुए वो बंच निकलिन। अंग्रेज मन वोला बस्तर के चप्पाचप्पा छान मारिन, लेकिन गुण्डाधूर अंत तक पकड़ मं नई आइन। उन एक महान सेनानी, छापा मार युद्ध के जानकार अउ देष भक्त होय के संगे संग आदिवासी मनके पारंपरिक हित के रक्षा खातिर बड़ जागरूक रहिन। छत्तीसगढ़ सासन ह उनकर स्मृति मं साहसिक काम अउ खेल के क्षेत्र मं उत्कृस्ट प्रदर्सन के खातिर गुण्डाधूर के नाव मं सम्मान के स्थापना करे हे। ये सम्मान के स्थापना सन 2001 ले करे गेय हे।
डॉ खूबचंद बघेल सम्मान

डॉ खूबचंद बघेल सम्मान

02-Oct-2018
डाॅं. खूबचंद बघेल सम्मान डाॅं. खूबचंद बघेल के समर्पण जीवन समाज अउ कृसक मनके कल्याण अउ विभिन्न रचनात्मक कार्य बर समर्पित रहिस। इनकर जनम रायपुर जिला के पथरी गांव मं 19 जुलाई 1900 के होय रहिस। पिता के नाम जुड़ावन प्रसाद अउ माता के नाम केकती बाई रहिस। डाॅ. खूबचन्द बघेल के प्रारंभिक सिक्षा गांव मं अउ हाईस्कूल के पढ़ाई रायपुर मं होईस। 1925 मं नागपुर ले चिकित्सा परीक्षा उत्तीर्ण करे के पाछू असिस्टेंट मंेडिकली आफिसर के रूप मं कार्यरत रहिन। 1930 मं नमक सत्याग्रह के दौरान सासकीय नौकरी छोड़ के उन आंदोलन मं सामिल हो गइन। 1940 के व्यक्तिगत सत्याग्रह मं तीसर बेर जेल गइन। 1942 मं भारत छोड़ो अंादोलन मं इनला फेर ढाई बछर के कठोर कैद होईस। डाॅ. खूबचंद बघेल 1951 मं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित होइन अउ 1962 तक सदस्य रहिन। 1967 मं इनला राज्य सभा के सदस्य चुने गइस। डाॅं. खूबचंद बघेल कृसि ल उद्योग के समकक्ष विकसित करे के दिसा मं अभूतपूर्व प्रयास करिन। पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बर जन चेतना जागृत करे के दिसा मं उन लगातार संलग्न रहिन। साहित्य सृजन लोक-मंचीय प्रस्तुति अउ बोलचाल मं उन छत्तीसगढ़ी के पक्षधर रहिन। इन उद्देस्य मनला पूरा करे खातिर उनमन 1967 मं रायपुर मं ‘‘छत्तीसगढ़ - भ्रातृ संघ नामक संस्था के गठन करिन। 22 फरवरी 1969 के उनकर निधन हो गइस। छत्तीसगढ़ शासन उनकर स्मृति मं कृसि के क्षेत्र मं महत्वपूर्ण उपलब्धि अउ अनुसंधान ल बढ़ावा देय बर डाॅ. खूबचंद बघेल सम्मान स्थापित करे हे। ये सम्मान 2001 ले स्थापित करे गेय हे।